लखनऊ, 11 मई 2023 : प्रदेश में इलेक्ट्रिकल वाहन के निर्माण को बढ़ावा देने में जुटी योगी सरकार कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए भी कंपनियों को सब्सिडी देगी। ईवी मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है। इसके अलावा किसी वर्ष विशेष में कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए अलग से वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा।
ईवी पालिसी में स्पष्ट किया गया है कि विनिर्माण परियोजनाओं को स्टाइपेंड की प्रतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 50 कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी, प्रति वर्ष 5000 रुपये की दर से एक बार सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा किसी वर्ष विशेष में अधिकतम 10 कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के खर्च में भी राज्य सरकार भागीदार बनेगी। यह प्रोत्साहन लाभ केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो प्रशिक्षण में शामिल होने के 12 माह से पूर्व से निर्माण इकाई से जुड़े हों।
उत्पादन शुरू होने के बाद ही मिलेगी रियायत
ईवी पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि सभी तरह का प्रोत्साहन लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। शर्त यह भी होगी कि विनिर्माण परियोजनाओं के लिए समस्त वित्तीय रियायतों का योग स्थाई पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
कई कंपनियां प्रदेश में यूनिट लगाने को तैयार
ईवी मैन्युफैक्चरिंग में देश ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी यूपी में निवेश के लिए आना चाहती हैं। इनमें सबसे बड़ा निवेश हांगकांग की कंपनी टाऊशेन इंटरनेशनल लिमिटेड ने किया है, टाऊशेन ग्रुप आफ कंपनीज का अंग है। इस एक कंपनी ने ईवी मैन्युफैक्चरिंग के अलावा कई अन्य सेक्टर्स में 1.90 लाख करोड़ के निवेश का एमओयू किया है। इसी तरह आरजी स्ट्रेटजीज ग्रुप और कासिस ग्रुप ने भी ईवी सेक्टर में बड़े निवेश करार किए हैं।
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