वाराणसी, 02 नवम्बर 2022 : ज्ञानवापीपरिसर में एकऔर एडवोकेट कमिश्नरकी कार्यवाही कीमंदिर पक्ष कीमांग पर मस्जिदपक्ष ने जिलाजज की अदालतमें आपत्ति दाखिलकी। इसमें कहाकि इससे ज्ञानवापीपरिसर में उसस्थान जिसे सुप्रीमकोर्ट ने सुुरक्षितरखने का आदेशदिया वहां तोड़फोड़होगी। इससे अदालतके आदेश काउल्लंघन होगा।
मंदिर पक्ष नेआपत्ति पर अपनापक्ष के लिएसमय मांगा। वहींशासन को इसमुकदमें में लिखितजवाब दाखिल करनेका आदेश दियाहै। मस्जिद पक्षने पूर्व मेंहुए एडवोकेट कमिश्नरकी कार्यवाही कीरिपोर्ट पर भीअपनी आपत्ति दाखिलकी। इसे मनगढ़ंतऔर गलत बतातेहुए खारिज करनेकी मांग की।अदालत ने सुनवाईके लिए अगलीतिथि 11 नवम्बर तय कीहै।
ज्ञानवापी परिसर स्थितमां श्रृंगार गौरीके नियमित दर्शन-पूजन समेतअन्य मांगो कोलेकर राखी सिंहसमेत पांच महिलाओंकी ओर सेदाखिल मुकदमे कीसुनवाई जिला जजडा. अजय कृष्णविश्वेश की अदालतमें दोपहर मेंशुरू हुई। मस्जिदपक्ष ने अदालतके आदेश परअपनी आपत्ति दाखिलकी।
एक औरएडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाहीकी मंदिर पक्षकी मांग परकहा कि फव्वौराजिसे मंदिर पक्षशिवलिंग बता रहाहै उसे सुप्रीमकोर्ट ने सुरक्षितरखने का आदेश 17 मई को दियाहै। ऐसी स्थितिमें वहां किसीतरह कोई जांच-पड़ताल करने काआदेश दिया जाताहै तो यहसुप्रीम कोर्ट के आदेशका उल्लंघन होगा।मंदिर पक्ष कीओर से उक्तस्थान के पूरब, दक्षिण व उत्तरजो मस्जिद केहौज की दीवारेंहैं को तोड़करजांच करने कीमांग की गईहै।
यह विधिसम्मत नहीं है।वहीं पूर्व मेंहुई कमीशन कीकार्यवाही की रिपोर्टका निस्तारण अभीतक नहीं हुआहै। उससे पहलेदूसरी रिपोर्ट कीमांग नहीं कीजा सकती है।तर्क दिया किमंदिर पक्ष नेइसी तरह कामिलता-जुलता प्रार्थनापत्र दिया था (शिवलिंग के कार्बनडेटिंग की मांग) उसे अदालत कीओर से निरस्तकर दिया गयाहै। ऐसी स्थितिमें यह प्रार्थनापत्र भी निरस्तकरने योग्य है।
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