वाराणसी, 11 मई 2022 : ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही कर रहे एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पक्षकारों की बहस पूरी हो गई।
इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से कमिश्नर को बदलने की मांग की गई थी। इस मामले में बुधवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से मांग के समर्थन में तथ्य और अपने पक्ष को प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण को लेकर वीडियो रिकार्डिंग करने के आदेश के साथ ही विरोध के स्वर शुरू हो गए थे। वहीं वीडियो साक्ष्य संकलन के दौरान भी मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद में भारी तादात में मौजूदगी के बीच विरोध कर दिया और टीम बिना वीडियो रिकार्डिंग के ही लौट गई। वहीं अदालत को भी दस मई को इसकी रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी।
इस बाबत सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत द्वारा जानकारी दी गई कि अब 12 मई को इस बाबत फैसला सुनाया जाएगा। इस प्रकरण में वादी वह प्रतिवादी पक्ष की ओर से अदालत में दो अलग -अलग प्रार्थना पत्र दिए गए थे जिसमें वादी पक्ष की ओर से बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत समेत अन्य उल्लेखित स्थलों का निरीक्षण का स्पष्ट आदेश देने की की मांग की गई थी। जबकि प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से एडवोकेट कमिश्नर पर निष्पक्ष न होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग अदालत से की गई थी।
बता दें कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने बीते आठ अप्रैल को आदेश जारी कर अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए उन्हें ईद बाद परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। लेकिन, मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच टीम का वीडियो सर्वे अदालत के आदेश के बाद भी अधूरा ही है।
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