प्रयागराज, 01 सितंर 2022 : इलाहाबाद हाई कोर्ट से इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने पीयूष जैन की जमानत मंजूर कर ली है। साथ ही व्यक्तिगत मुचलके तथा दो प्रतिभूति लेकर रिहा करने का निर्देश दिया है। छापे में उनके आवास व अन्य जगहों से लगभग 200 करोड़ रुपये नकदी व जेवरात बरामद हुए थे।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने पीयूष जैन की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। जुलाई के आखिरी सप्ताह में अन्य एक केस में भी हाई कोर्ट से कारोबारी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। अब रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है। शनिवार तक पीयूष जैन कानपुर जेल से बाहर आ सकते हैं।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आवास पर 23 दिसंबर 2021 की रात छापेमारी हुई थी। यह कार्रवाई जीएसटी महानिदेशालय की खुफिया इकाई (डीजीजीआई) ने की थी। इस छानबीन के दौरान 197 करोड़ की नकदी और कन्नौज स्थित घर से 23 किलो सोना बरामद हुआ था। इसके बाद 27 दिसंबर को पीयूष को जेल भेज दिया गया, तब से वह कानपुर जेल में बंद हैं।
यह बरामदगी सुगंधित उत्पाद बनाने वाली कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज से जुड़े परिसरों से की गई थी। पीयूष जैन इसी कंपनी का प्रवर्तक था। बरामद रकम कथित रूप से एक माल ट्रांसपोर्टर द्वारा नकली चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ी है।
पीयूष जैन को जेल भेजने के बाद घर से बरामद 23 किलो सोने को विदेशी बताया गया था और एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके ऊपर डीडीजीआई और डीआरआई, दोनों के ही मुकदमे चल रहे थे। इत्र कारोबारी पीयूष के परिजन उसकी जमानत के लिए बड़े-बड़े वकीलों के माध्यम से अदालत में पैरवी कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि पीयूष जैन ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है। उसने अनुरोध किया था कि डीजीजीआई 52 करोड़ रुपये काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे।
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