नई दिल्ली, 22 सितंबर 2022 : हिंद महासागर और अरबमहासागर में चीनकी बढ़ती चुनौतीके बीच भारतीयनौसेना अपने आपको मजबूत करनेके लिए लगातारकदम बढ़ा रहीहै। इसी कड़ीमें नौसना 26 लड़ाकूविमानों को खरीदनेके लिए योजनाबना रही है।इसके लिए 5 अरबअमरीकी डालर काटेंडर जारी कियागया है। इसकेलिए भारतीय नौसेनामुख्यालय द्वारा फ्रांस केलड़ाकू विमान राफेल औरअमेरिका के एफ -18 विमानों के व्यापकपरीक्षणों की रिपोर्टका मूल्यांकन कियाजा रहा है।
विमानवाहक पोत केलिए लड़ाकू विमानोंको खरीदने कीयोजना
कोच्चि में प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी नेहाल में देशमें बने नवीनतमविमानवाहक पोत आईएनएसविक्रांत को कमीशनकिया था। इसपर लड़ाकू विमानोंको तैनात करनेके लिए नौसेनाद्वारा सरकार से सरकारके सौदे केतहत इन्हेंखरीदने की योजनाहै। इस बारेमें सरकारी सूत्रोंने बताया किफ्रांस के लड़ाकूविमान राफेल औरअमेरिका एफ-18 दोनों केलिए गोवा मेंएक नौसेना टीमद्वारा व्यापक परीक्षण कियागया था। उनकीरिपोर्ट नौसेना मुख्यालय केपास है। इसकेलिए अंतिम शॉर्टलिस्टिंगके लिए तैयारकी जा रहीहै।
फ्रांसीसी और अमेरिकीलड़ाकू विमानों के व्यापकपरीक्षणों की रिपोर्टका हो रहामूल्यांकन
उन्होंने कहा किलड़ाकू विमानों का मूल्यांकनयह देखने केलिए हो रहाहै कि नौसेनाकी आवश्यकताओं केतकनीकी विशेष विवरण कोपूरा करता हैया नहीं। अमेरिकीविमान लगभग एकलाख टन वजनके वाहक केलिए बनाए गएहैं, जबकि फ्रांसका लड़ाकू राफेल 60,000 टन आकार केवाहक के लिएबनाए गए हैं।नौसेना के पासमिग-29 के हैं, जो विमानवाहक पोतआईएनएस विक्रमादित्य से संचालितहोते हैं। मिग-29 का उनके पासबहुत मजबूत सेवाक्षमता रिकॉर्ड नहीं है।उनकी संख्या केवलएक कैरियर (वाहक) के लिए पर्याप्तमानी जाती है।
पिछली बार टेंडरका विजेता बनकरउभरा था फ्रांसीसीलड़ाकू राफेल
टेस्टरिपोर्ट प्रतियोगिता के विजेताका निर्धारण करेगी, जिसके तहत पहलेलगभग 57 विमानों को खरीदनेकी योजना बनाईगई थी, लेकिनअब इसे घटाकरकेवल 26 कर दियागया है। पिछलीबार जब इनदोनों विमानों नेभारतीय टेंडर में भागलिया था, तबटेंडर का फ्रांसीसीलड़ाकू राफेल विजेता बनकरउभरा था लेकिनतकनीकी मुद्दों के कारणयह सौदा पूरानहीं हो सकाथा।
अमेरिका का दावा, लड़ाकू विमान के प्रदर्शनऔर क्षमता मेंकिया सुधार
हालांकि, पिछले सौदेके अंतिम चयनके आधार परसरकार 36 राफेल लड़ाकू विमानोंको हासिल करनेमें सफल रही, जिन्हें पूर्वीलद्दाख और अन्यक्षेत्रों में चीनके खिलाफ तैनातीके दौरान एकबड़ी भूमिका निभाई।अब अमेरिका कारक्षा विभाग यहदावा करता रहाहै कि उसनेपिछली टेंडर प्रतियोगिताकी तुलना मेंलड़ाकू विमान के प्रदर्शनऔर क्षमताओं मेंबड़े पैमाने परसुधार किया है।उसका कहना हैकि एफ -18 विमानभारतीय नौसेना की सभीआवश्यकताओं को पूराकरेगा।
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