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उद्योगों के ग्रोथ इंजन के लिए 3172 करोड़ का ईंधन, जाने- किस क्षेत्र को कितना बजट


लखनऊ, 27 मई 2022 : पहले कार्यकाल से ही उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश का माहौल बनाने के लिए प्रयासरत रही योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट से ही इस दिशा में और तेज कदम बढ़ाने का इरादा स्पष्ट कर दिया। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उद्योग-कारोबार के क्षेत्र में भी सरकार ने 'सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास' की नीति अपनाई है।

बड़े उद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग से लेकर बुनकरों तक के लिए बजट का पिटारा खोल दिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार उद्योग-कारखानों के 'ग्रोथ इंजन' के लिए 3172 करोड़ 84 लाख रुपये की व्यवस्था की है। तीन जून को योगी सरकार द्वारा औद्योगिक परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (भूमिपूजन समारोह) आयोजित की जा रही है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। उससे ठीक पहले गुरुवार को विधानसभा में प्रस्तुत किए गए बजट में औद्योगिक अवस्थापनाओं को मजबूत करते हुए ईज आफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार करने की सुगमता को बढ़ाने की मंशा दिखाई है।

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जारी किए गए लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। सरकार की घोषणा थी कि प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किया जाएगा। इस पहले ही बजट में सरकार ने इस बड़े मिशन की नींव रख दी। मिशन के पहले चरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश सरकार ने अगले दस वर्षों में दस लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में रेल मार्ग, जल मार्ग और सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करते चलने की तैयारी है। लिहाजा, प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए सर्वाधिक 897 करोड़ रुपये इस बजट में आवंटित किए गए हैं।

आप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क पर पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये तो डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दरअसल, सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की बंद पड़ी वस्त्रोद्योग इकाइयों के निवेश से प्राप्त होने वाली धनराशि से पूंजीगत परियोजनाओं के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है।

एमएसएमई क्षेत्र तेजी से बढ़ा है। अब इसे और गति देने का इरादा है। फिलहाल, अयोध्या में सीपेट केंद्र के निर्माण और संयंत्रों की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 112 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ और महोबा में औद्योगिक आस्थान विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये बजट दिया गया है।

एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कारिडोर के लिए 500 करोड़ : लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में संकल्प लिया गया था कि सरकार सभी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित करेगी। बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचन और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैल रहे एक्सप्रेसवे के नेटवर्क से छोटे-छोटे कस्बे भी जुड़ गए हैं। ऐसे में इनके किनारे औद्योगिक विकास का लाभ इन पिछड़े क्षेत्रों को भी मिलेगा। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए पहले चरण में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

गति पकड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे, निर्माण के लिए मिले 695.34 करोड़ रुपये : मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। जमीन खरीदने का काम लगभग पूरा हो चुका है और निर्माण शुरू हो रहा है। यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ सके, इसके लिए सरकार ने 695 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्था की है। इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए हवाई पट्टी भी प्रस्तावित है। साथ ही दावा किया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जिसका जल्द लोकार्पण किया जाएगा। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का 40 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है। वहीं, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ डिफेंस कारिडोर परियोजना के तहत 8640 करोड़ रुपये के 62 करार हो चुके हैं।

खादी, ग्रामोद्योग और बुनकरों की भी चिंता : बड़े उद्योग और एमएसएमई क्षेत्र के साथ ही योगी सरकार ने बजट में ग्रामोद्योग और बुनकरों की भी चिंता की है। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत धनराशि का 34 प्रतिशत खादी कामगारों को सीधे उनके खाते में उपलब्ध कराया जाएगा। विपणन विकास के लिए 33 प्रतिशत और खादी संस्थाओं को 33 प्रतिशत धनराशि सहायता के रूप में दी जाएगी। इससे खादी के उत्पादन में वृद्धि की आशा है। इसी तरह अनुसूचित जाति के बुनकरों के स्वरोजगार के लिए झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विशेष घटक योजना चलाने के लिए आठ करोड़ रुपये रखे गए हैं। पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। अभी इसमें और राहत देने का विचार चल रहा है। इसे देखते हुए 250 करोड़ रुपये बजट में रखा गया है। वहीं, पावरलूम बुनकरों और हथकरघा बुनकरों को सोलर इनवर्टर देने के लिए मुख्यमंत्री बुनकर सौर योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।

किस क्षेत्र को कितना बजट

औद्योगिक विकास - 2692 करोड़

एमएसएमई - 197 करोड़

खादी एवं ग्रामोद्योग - 15 करोड़

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग - 268 करोड़

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