कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश विरोधी और गरीब विरोधी ताकतें भारत में हिंसा और नफरत का जहर फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि देशे के लोकतंत्र पर तानाशाही का प्रभाव बढ़ रहा है। देश की बुनियाद रखने वाले नेताओं ने कभी नहीं सोचा होगा कि आजादी के 75 साल बाद संविधान और लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा क्योंकि बुरी सोच अब हावी हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा वक्त में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है और लोकतांत्रिक संस्थाएं बर्बाद हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के शिलान्यास समारोह के मौके पर लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि हमारा संविधान इन भवनों से नहीं भावनाओं से बचा रहेगा। इन भवनों से दूषित और गलत भावनाओं के प्रवेश को रोकना होगा तभी हमारा संविधान बचेगा। आजादी की लड़ाई के दौरान हमने जो प्रण किया था उसे पूरा करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकि है। पिछले कुछ समय से लोकतंत्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुई हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि 15 वर्ष की लंबी अवधि के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है। पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ में जो हुआ वह उदाहरण है कि एक दिशाहीन और विचारहीन सरकार जनहित के बारे में कभी नहीं सोच सकती। मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सरकार सही दिशा में काम कर रही है। पिछले कुछ समय से देश को पटरी से उतारने की कोशिशें की जा रही हैं। लोकतंत्र के सामने नई चुनौतियां आ गई हैं। देश एक चौराहे पर खड़ा है। गरीब विरोधी और देश विरोधी ताकतें नफरत और हिंसा का जहर फैला रही हैं।
बिना किसी का नाम लिए सोनिया गांधी ने कहा कि वे क्या चाहते हैं? वे लोगों की आवाज को दबाना चाहते हैं। वे युवाओं, आदिवासियों, महिलाओं, किसानों, दुकानदारों, छोटे व्यापारियों और जवानों का मुंह बंद रखना चाहते हैं। बुरी सोच अच्छी सोच पर हावी हो रही है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, जीवी मावलंकर, डॉ. बीआर आंबेडकर समेत हमारे पूर्वजों ने कभी नहीं सोचा होगा कि आजादी के 75 साल के बाद देश इतनी मुश्किलों का सामना करेगा और हमारा संविधान एवं लोकतंत्र खतरे में होगा।
टीम स्टेट टुडे
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