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योग के दम पर जब मौत को खड़ा रखा, नहीं छूटे प्राण - आश्चर्य



अयोध्या में छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संतो ने अपने मंदिरों में योग कर पूरे विश्व को निरोगी काया के लिए योग करने का संदेश दिया है। श्री राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने गोपाल मंदिर पर अपने शिष्यों के साथ योग दिवस पर योग किया है। शिष्यों को योगासन सिखाया है और सभी शिष्यों को प्रतिदिन नियमित योग करने का संदेश भी दिया है।


कोरोना संकटकाल में जहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक रूप से योग का कार्यक्रम नहीं हो पाया है वहीं घरों पर मंदिरों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए योग दिवस को मनाया गया है। आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि योग जो है जीवन को प्रदान करने वाला है। कोरोना संकटकाल में योग करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे कोरोना महामारी से बचा जा सकता है।



वहीं महाभारत काल का एक उदाहरण भी आचार्य सत्येंद्र दास ने दिया की भीष्म पितामह एक योगी थे। जिन्होंने मौत को भी योग विद्या से खड़ा कर रखा था और कहा था कि जब मेरा समय आएगा तब शरीर का त्याग आत्मा करेगी। इसलिए योग शरीर को ईश्वर से जोड़ने वाला है। जो प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन करनी चाहिए । आचार्य सतेंद्र दास के साथ उनके शिष्य प्रदीप दास व पवन ने भी योग किया ।


अयोध्या से शिल्पी/ सुमित की रिपोर्ट

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