google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page
Writer's picturestatetodaytv

चंद्रमा के चक्कर लगाते इसरो के चंद्रयान-2 ने पूरे किए 2 साल – जानिए अब तक क्या क्या खोजा



आप शायद भूल गए हों लेकिन अतंरिक्ष में भारत का चंद्रयान-2 धरती को नहीं भूला है। इसरो के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष यान 'चंद्रयान-2' ने चंद्रमा की 9,000 से ज्यादा परिक्रमा पूरी कर ली हैं और उस पर लगे वैज्ञानिक उपकरणों ने बेहद उत्साहजनक डाटा उपलब्ध कराए हैं।



चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-2 की परिक्रमा करते दो साल पूरे हो गए। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 पर लगे आठ उपकरण चंद्रमा की सतह से करीब 100 किलोमीटर की ऊंचाई से उसका आब्जरवेशन कर रहे हैं। चंद्रयान-2 पर लगे उपकरणों के डाटा के साथ-साथ डाटा के नतीजे और वैज्ञानिक दस्तावेज जारी किए गए हैं। संगठन ने कहा, 'इसके वैज्ञानिक डाटा को अकादमियों और संस्थानों द्वारा विश्लेषण के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि चंद्रयान-2 मिशन में अधिक भागीदारी के जरिये ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक निष्कर्ष सामने आ सकें।



चंद्रयान-2 पर लगे इमेजिंग एवं वैज्ञानिक उपकरण शानदार डाटा उपलब्ध करा रहे हैं। 'चंद्रयान-2 के उपकरणों में कई नए फीचर जोड़े गए हैं जिसने चंद्रयान-1 द्वारा किए गए आब्जरवेशन को नई और अधिक ऊंचाई पर पहुंचाया है।

चंद्रयान-2 की सभी उप-प्रणालियां ठीक ढंग से काम कर रही हैं। उम्मीद है कि इससे कई और वर्षो तक अच्छे डाटा मिल सकेंगे। इसरो की इस कार्यशाला की उसकी वेबसाइट और फेसबुक पेज पर लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है।

द्रयान 2 भारतीय चंद्र मिशन है जो पूरी हिम्‍मत से चाँद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है - यानी कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र। इसका मकसद, चंद्रमा के प्रति जानकारी जुटाना और ऐसी खोज करना जिनसे भारत के साथ ही पूरी मानवता को फायदा होगा। इन परीक्षणों और अनुभवों के आधार पर ही भावी चंद्र अभियानों की तैयारी में जरूरी बड़े बदलाव लाना है, ताकि आने वाले दौर के चंद्र अभियानों में अपनाई जाने वाली नई टेक्‍नॉलोजी तय करने में मदद मिले।


जानिए क्या है चंद्रयान-2 मिशन



हम चाँद पर क्यों जा रहे हैं?


चंद्रमा पृथ्‍वी का नज़दीकी उपग्रह है जिसके माध्यम से अंतरिक्ष में खोज के प्रयास किए जा सकते हैं और इससे संबंध आंकड़े भी एकत्र किए जा सकते हैं। यह गहन अंतरिक्ष मिशन के लिए जरूरी टेक्‍नोलॉजी आज़माने का परीक्षण केन्‍द्र भी होगा। चंद्रयान 2, खोज के एक नए युग को बढ़ावा देने, अंतरिक्ष के प्रति हमारी समझ बढ़ाने, प्रौद्योगिकी की प्रगति को बढ़ावा देने, वैश्विक तालमेल को आगे बढ़ाने और खोजकर्ताओं तथा वैज्ञानिकों की भावी पीढ़ी को प्रेरित करने में भी सहायक होगा।


चंद्रयान 2 के वैज्ञानिक उद्देश्य क्या हैं? चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचना क्‍यों जरूरी ?


चंद्रमा हमें पृथ्वी के क्रमिक विकास और सौर मंडल के पर्यावरण की अविश्वसनीय जानकारियां दे सकता है। वैसे तो कुछ परिपक्व मॉडल मौजूद हैं, लेकिन चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में और अधिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। चंद्रमा की सतह को व्यापक बनाकर इसकी संरचना में बदलाव का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास के बारे में भी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं जुटाई जा सकेंगी। वहां पानी होने के सबूत तो चंद्रयान 1 ने खोज लिए थे और यह पता लगाया जा सकेगा कि चांद की सतह और उपसतह के कितने भाग में पानी है।


चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव विशेष रूप से दिलचस्प है क्योंकि इसकी सतह का बड़ा हिस्सा उत्तरी ध्रुव की तुलना में अधिक छाया में रहता है। इसके चारों ओर स्थायी रूप से छाया में रहने वाले इन क्षेत्रों में पानी होने की संभावना है। चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के ठंडे क्रेटर्स (गड्ढों) में प्रारंभिक सौर प्रणाली के लुप्‍त जीवाश्म रिकॉर्ड मौजूद है।


चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का उपयोग करेगा जो दो गड्ढों- मंज़िनस सी और सिमपेलियस एन के बीच वाले मैदान में लगभग 70° दक्षिणी अक्षांश पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रयास करेगा।


टीम स्टेट टुडे


विज्ञापन


45 views0 comments

Comments


bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0