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महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जम्मू कश्मीर की जनता सड़कों पर उतरी, बीजेपी की अगुवाई में तिरंगा यात्रा


आतंकियों के सहारे अब तक जम्मू कश्मीर में अपनी दुकान चलाने वाली महबूबा मुफ्ती के खिलाफ राज्य की जनता सड़कों पर उतर आई। महबूबा मुफ्ती ने बीते दिनों भारतीय तिरंगे का अपमान किया था। कश्मीर की आम जनता की आवाज आतंकियों के दम पर दबा कर रखने वाली महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बीजेपी की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने निकल पड़े। हांलाकि कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए पुलिस ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। लेकिन तिरंगे का प्यार जनता को रोक नहीं सका और लोग एक रैली की शक्ल में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के घर की ओर रवाना हुए। पार्टी के वरिष्ठ नेता अल्ताफ ठाकुर और सोफी युसूफ के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता आम जनता के साथ श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर पार्क में इकट्ठे हुए और वहां से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के घर की ओर रवाना हुए। इस दौरान देशद्रोही महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।


रैली में शामिल लोगों का आरोप था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है। वे उन्हें यह बताना चाहते हैं कि कश्मीर में भी हर कोई राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहता है। श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराना भी इसकी का एक हिस्सा था।



दूसरी तरफ जम्मू में भी महबूबा मुफ्ती के खिलाफ नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को लगातार तीसरे दिन पीडीपी कार्यालय में युवा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए पहुंचे। बड़ी संख्या में युवाओं ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज उठा रखा था और और भारत माता की जय के जयघोष करते हुए जम्मू स्थित पीडीपी कार्यालय पहुंचे। हालांकि प्रशासन ने पहले से ही पीडीपी कार्यालय के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। लेकिन युवाओं के आक्रोश के आगे सुरक्षाकर्मियों की एक न चली। सुरक्षा घेरे को तोड़ युवा पीडीपी कार्यालय में घुस गए और वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर युवाओं का नेतृत्व कर रहे दीपक ने कहा कि जम्मू के युवा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान सहन नहीं करेंगे।


कश्मीर की आम जनता भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ श्रीनगर के लाल चौक के क्लॉक टावर पर तिरंगा फहराने के लिए आग बढ़ रहे थी। इस दौरान ने 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए। हिरासत में लिए गए लोगों ने कहा कि वे लोग कश्मीर के भारत में विलय की तारीफ पर जश्न मनाने के लिए आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे गुपकार घोषणा के सदस्यों को यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर में सिर्फ तिरंगा फहरेगा। इस संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें ये कार्यकर्ता 'भारत माता की जय' के नारे लगाते और शहर में तिरंगा फहराते दिख रहे हैं।



आपको याद दिला दें कि कश्मीर के कई राजनीतिक दलों ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने और उसे राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए गुपकार डिक्लेयरेशन फॉर पीपुल्स अलायंस का गठन किया है। गुप्कारियों ने केंद्र सरकार की कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए एक साथ लड़ने का फैसला किया है। नए सिरे से अलगाववाद का जहर फैलाने का काम जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने किया है।


इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों के समक्ष यह बयान दिया कि वह तब तक तिरंगा नहीं फहराएंगी और न ही तिरंगा उठाएंगी, जब तक जम्मू-कश्मीर का झंडा बहाल नहीं हो जाता। उन्होंने यह भी घोषणा भी की कि वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेगी, जब तक कि अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर दिया जाता। महबूबा मुफ्ती ने ऐलान किया था कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फिर से अनुच्छेद 370 को दोबारा से लागू करने की मांग की है। इसके लिए सभी पार्टियों ने एक गुपकर समझौता किया है।



महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान पर हंगामा मच गया। महबूबा के इस बयान पर भाजपा आक्रामक है। आम जनता में भी महबूबा के साथ साथ फारुख अब्दुल्ला और सभी गुपकारियों के खिलाफ हद से ज्यादा नाराजगी है।

भाजपा ने महबूबा के इस बयान को देशद्रोही बताया है। भाजपा ने कहा, धरती की कोई ताकत वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा, मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें।


जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का तिरंगे को लेकर विवादित बयान देना भारी पड़ रहा है। सोमवार को महबूबा मुफ्ती के बयान से नाराज उनकी ही पार्टी के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। पीडीपी से इस्तीफा देने वाले तीन नेताओं टी.एस. बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा ने महबूबा मुफ्ती को पत्र भी लिखा है, जिसमें उनके बयान पर नाराजगी जताई गई है। महबूबा मुफ्ती ने हाल में कहा था कि जब तक घाटी में आर्टिकल 370 के निरस्त प्रावधान दोबारा लागू नहीं हो जाते, वह कोई भी झंडा नहीं थामेंगी।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में टी.एस. बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा ने कहा कि वे उनके कुछ कामों और बयानों, विशेष रूप से जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करते हैं, की वजह से असहज महसूस कर रहे हैं।' ऐसी स्थिति में उनका पार्टी में बने रहना मुश्किल है। इस कारण वे सब पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।

आप को याद दिला दें कि बंटवारे के बाद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान हमले को नाकाम बनाने को 27 अक्टूबर 1947 को सेना ने प्रदेश में पहला कदम रखा था।


टीम स्टेट टुडे


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