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अपहरण, कत्ल और फिरौती उन दोस्तों ने किया जिनसे हुई थी दिल की बात



यूपी के कानपुर में बर्रा अपहरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की का अपहरण उनके दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर किया था। कानपुर एसएसपी के मुताबिक अपहरण के बाद युवक की हत्याकर शव पांडु नदी में फेंक दिया। गया था। अपहरण के 4 या 5 दिन बाद युवक की हत्या की गई। इस बीच अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग की थी । घरवालों ने जमीन बेचकर तीस लाख रुपए का जुगाड़ किया। पुलिस की जानकारी में पूरा मामला लाने के बाद फिरौती की रकम बदमाशों को दी गई लेकिन अपहरणकर्ता पुलिस के हाथ से फिसल गए। अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया तो संजीत की मौत का पता चला। अब शव की तलाश के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।


संजीत पैथोलॉजी में काम करते थे। संजीत का अपहरण उन्ही के दोस्तों ने पैसे के लालच में किया। संजीत अपनी पैथोलॉजी लैब खोलने की योजना बना रहे थे जिसके लिए गांव की जमीन गिरवी रखकर बैंक से लोन लेने की बात उन्होने अपने दोस्तों को बताई थी। इसके बाद संजीत का अपहरण करके फिरौती मांगने का प्लान बनाया गया।

पूरी साजिश पनकी निवासी कुलदीप ने रची और उसका साथ दिया ज्ञानेंद्र, रामजी शुक्ला व अन्य तीन दोस्तों ने। कुलदीप ने अपनी महिला मित्र को पत्नी बनाकर रतनलाल नगर में किराए पर मकान लिया और वहीं पर संजीत को बंधक बनाकर रखा गया। ये लोग नींद की गोलियां देकर उसे बेहोश कर देते थे। चूंकि अपहर्ताओं को संजीत जानता था, इसलिए यह पहले से ही तय था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी। सचेंडी की दुकान से दो सिमकार्ड खरीदे और फोन करके 30 लाख रुपये की मांग की।



संजीत को उसके दोस्त बर्रा बाईपास से पनकी में एक ढाबे में खाना खिलाने के बहाने ले गए। वहीं सबने शराब पी। फिर, संजीत का अपहरण कर लिया। संजीत की बाइक रामादेवी सब्जी मंडी के पास झाडिय़ों में छिपाई गई बाइक बरामद कर ली।



कानपुर अपहरण की घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि यूपी में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। समाजवादी पार्टी के नेता मृतक संजीत यादव के घर पहुंच गए। MLA इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपई के साथ अन्य सपा नेताओं ने एडीएम को ज्ञापन सौंपा और परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की मांग की। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने संजीत यादव के परिजनों को पांच लाख का चेक घर जाकर दिया है। मायावती ने भी घटना की कड़ी निंदा की है।



मामले को तूल पकड़ता देख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर ने विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय, चौकी इंचार्ज राजेश कुमार, उपनिरीक्षक योगेन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेष, आरक्षी दिषु भारती, आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षी सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व आरक्षी शिव प्रताप को निलम्बित कर दिया गया है। इसके साथ साथ अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलम्बित कर दिया गया है।


टीम स्टेट टुडे



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