केरल चुनावी मुहाने पर है। वायनाड से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल में जमे हुए हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको पार्टी छोड़ चले गए।
जानिये कि पी सी चाको हैं कौन
पीसी चाको ने अपने राजनीति की शुरुआत यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन से की थी। वह इंडियन यूथ कांग्रेस के केरल प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 1980 में पीसी चाको पहली बार विधानसभा पहुंचे।
1980 में पीसी चाको पीरवम विधानसभा सीट से जीते और जीतते ही ईके नयनार सरकार में उद्योग मंत्री बन गए। इसके बाद पीसी चाको केरल से ही लोकसभा पहुंचे। पीसी चाको पर 1998 से 2009 के बीच हुए 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच का जिम्मा भी रहा। वह ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के चेयरपर्सन थे।
इसी दौरान पीसी चाको पर बीजेपी ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जेपीसी रिपोर्ट बदलने का आरोप लगाया। बीजेपी का कहना था कि पीसी चाको कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी रिपोर्ट को लेकर बीजेपी ने खूब हंगामा किया, लेकिन तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार ने बीजेपी को लोकसभा में प्रदर्शन करने से रोक दिया था।
2014 के लोकसभा चुनाव में पीसी चाको चलकुडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद वह काफी समय तक दिल्ली के प्रभारी भी रहे। इसी दौरान शीला दीक्षित और पीसी चाको में ठन भी गई थी। पीसी चाको, शीला दीक्षित पर कई तरह के आरोप लगा रहे थे और आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन के पक्ष में थे।
हालांकि, शीला दीक्षित और कांग्रेस हाईकमान ने पीसी चाको के सुझाव को खारिज कर दिया था। इस बीच शीला की मौत हो गई। उस दौरान संदीप दीक्षित ने पीसी चाको पर पत्र लीक करने का आरोप लगाया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली में शर्मनाक हार मिली और इसके बाद पीसी चाको ने प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ दिया।
पीसी चाको वही नेता हैं, जिन्होंने करीब दो साल पहले गांधी परिवार को देश का पहला परिवार बताकर बखेड़ा खड़ा कर दिया था, तब इसके लिए उनकी खासी आलोचना हुई थी और बीजेपी ने उनपर गांधी परिवार की चाटुकारिता का आरोप लगाया था, लेकिन केरल चुनाव के दौरान पीसी चाको बागी हो गए हैं।
सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में पीसी चाको ने लिखा, 'मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस जैसी कोई पार्टी नहीं है। वहां दो पार्टियां हैं- कांग्रेस (I) और कांग्रेस (A)।
दो पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमिटी है जो KPCC की तरह काम कर रही है, केरल एक अहम चुनाव के मुहाने पर है, लोग कांग्रेस की वापसी चाहते हैं मगर शीर्ष नेता गुटबाजी में लगे हैं।
पीसी चाको नहीं मिला चुनाव लड़ने का मौका
पीसी चाको विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर प्रदेश कांग्रेस ने वरिष्ठतम नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला किया है। इसकी वजह से चाको की चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर पानी फिर गया और उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
अब समझिये राहुल गांधी का केरल फार्मूला
केरल में विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार करने को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर घमासान मचा है। अपने-अपने पसंदीदा प्रत्याशियों के नामों को अंतिम सूची में शामिल कराने के लिए पार्टी के दो गुटों में खींचतान चल रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिस्ट में तकरीबन 40 से 50 फीसदी प्रत्याशियों को बदलने के लिए कहा है। उन्होंने पार्टी की राज्य ईकाई को सलाह दी है कि प्रत्याशियों की लिस्ट में और ज्यादा महिलाओं और युवाओं को शामिल किया जाए।
राहुल केरल के ही वायनाड से सांसद हैं। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। उन्हें पहले ही उम्मीदवारों की पसंद के बारे में कई तरह की शिकायतें मिली हैं। शीर्ष नेतृत्व की तरफ से प्रदेश ईकाई को कहा गया है कि प्रत्येक सीट के लिए दो-दो उम्मीदवारों के नाम लिस्ट में रखे जाएं। इस बीच पार्टी के 'आई' और 'ए' ग्रुपों में अपने-अपने वफादारों का नाम लिस्ट में कन्फर्म करने को लेकर मची तकरार की वजह से इसे अंतिम रूप देने में देरी हो रही है। दोनो समूहों के लोग अपने अपने लोगों को लिस्ट में शामिल करने के लिए अड़े हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ऊमन चांडी बाबू और केसी जोसेफ को लिस्ट में शामिल करने पर जोर लगा रहे हैं। इससे पार्टी में भारी उथल-पुथल मची हुई है।
वायनाड में भी 4 नेताओं ने दिया था इस्तीफा
पिछले हफ्ते पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में 4 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य केके विश्वनाथन, केपीसीसी सचिव एमएस विश्वनाथन, डीसीसी महासचिव पीके अनिल कुमार और महिला कांग्रेस नेता सुजाया वेणुगोपाल ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।
प्रदेश कांग्रेस की कार्यशैली से असंतुष्ट
समझा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रमेश चेन्निथला और पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव ओमन चांडी से नाराज इन नेताओं में लोकसभा के दो मौजूदा सदस्य एमके राघवन और के सुधाकरण भी शामिल हैं। इनके अलावा वरिष्ठ नेता व राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पीजे कुरियन, पूर्व मुख्यमंत्री करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन आदि भी प्रदेश कांग्रेस की कार्यशैली से असंतुष्ट बताए जाते हैं।
टीम स्टेट टुडे
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