रिपोर्ट - आदेश शुक्ला (विशेष संवाददाता) (@aadeshShuklaa)
दिल्ली में पीएम मोदी से केशव की मुलाकात, चर्चाओं का बाजार गर्म
पूरे कार्यकाल हाशिए पर रहे केशव पर हो सकती फिर तीन सौ पार कराने की जिम्मेदारी
पिछड़ों की अनदेखी पर विपक्ष के निशाने पर रही योगी सरकार
लखनऊ व नोएडा के बाद दिल्ली में पीएम की केशव से मुलाकात के हैं कई संकेत
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सोमवार को हुई आत्मीय मुलाकात ने कईयों की नींद उड़ा दी है। पहले लखनऊ फिर नोएडा और अब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से केशव प्रसाद मौर्य की मुलाकात बता रही है कि भाजपा यूपी को हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती।
भाजपा ने वर्ष 2017 में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में बम्पर जीत को दोहराने के लिए फिर कमर कस ली है। अप्रत्यक्ष रूप से यूपी का चुनावी संग्राम केशव के हवाले किया जा रहा है।
सोमवार को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का संसद भवन ऑफिस में आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना मात्र संयोग नहीं है। इस तय मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के बीच उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई। हालांकि बाद में मुलाकात की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए डिप्टी सीएम ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और लिखा कि प्रधानमंत्री जी से मिलकर उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त किया है। लेकिन अंदरखाने के सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा का आलाकमान केशव प्रसाद मौर्य पर फिर से भरोसा जता रहा है।
जेवर के बाद से बदले तेवर
जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास पर केशव प्रसाद मौर्य को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पुराने साथी कह कर पूरा फोकस उन पर किया था। पीएम मोदी और केशव प्रसाद मौर्य की नजदीकियों से सत्ता के गलियारों में मीडिया में खूब चर्चा रही। उसके बाद केशव प्रसाद मौर्य पूरी तरह चुनावी रंग में रंगे दिखे। विपक्ष पर धारदार हमले से यूपी के डिप्टी सीएम ने जता दिया कि इस बार भी यूपी का चुनाव उनके ही इर्द गिर्द लड़ा जायेगा। साढ़े चार साल जबरन हाशिये पर रखे गये केशव प्रसाद मौर्य अब चुनाव में भाजपा के खेवनहार नजर आ रहे हैं। पचास प्रतिशत से ज्यादा पिछड़े वोटों की अनदेखी के कारण विपक्ष लगातार केशव के बहाने योगी सरकार पर हमलावर हो रहा था। यही वजह है कि अब फिर केशव प्रसाद मौर्य के सहारे भाजपा चुनाव की नैया पार करना चाह रही है। केशव मौर्य लगातार ये कहते आ रहे हैं कि यूपी में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद तय होगा। अमित शाह योगी को अगला सीएम जरूर बता गए लेकिन मोदी ने केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर चेहरे की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य पिछले कुछ दिनों से विपक्ष पर खासे हमलावर हैं। सोमवार को भी उन्होंने एक ट्वीट के जरिए समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि गुंडागर्दी अपराध और सपा की रिश्ता जन्मजात है। इसके पहले उन्होंने चंदौली में डिप्टी एसपी से सिर लड़ाने वाले सपा विधायक का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था कि क़ानून के साथ खेलने वालों पर कार्रवाई होगी। चंदौली में पुलिस कर्मियों तथा डिप्टी एसपी के साथ अभद्रता व हाथापाई सपा का गुंडों, अपराधियों व माफ़ियाओं वाला चरित्र उजागर करता है।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इस समय भाजपा के नए फायर ब्रांड नेता के रूप में सामने आ रहे हैं। मथुरा वाले बयान की चर्चाओं का शोर अभी थमा भी न था कि प्रयागराज के एक सम्मेलन में उनके एक और बयान ने आने वाले चुनाव का रुख बदलने में एक कदम और बढ़ा दिया है। केशव के बयान पर कुछ लोग आपत्तियां भले ही जता रहे हों लेकिन आम जनता इस बयान से खुद को जोड़ कर देख रही है।
प्रयागराज में व्यापारियों के सम्मेलन में केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी से जुड़े मुस्लिम नेताओं को टोपी और लुंगी वाला गुंडा बताया था। केशव मौर्य ने कहा था कि साल 2017 के चुनाव से पहले जालीदार और गोल टोपी पहने लुंगी छाप गुंडे व्यापारियों को आतंकित करते थे। दर्जनों असलहों और कई गाड़ियों के साथ चलते हुए दहशत फैलाते थे। लुंगी और टोपी पहने गुंडे समाजवादी पार्टी से जुड़े रहते थे, लेकिन चुनाव के बाद अब वह सब जेल चले गए हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में मुसलमानों को लुंगी व टोपी छाप गुंडा बताया।
केशव मौर्य ने कहा कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इन गुंडों को लेकर व्यापारियों का डर ख़त्म हो गया है। केशव मौर्य का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ। केशव ने कुछ दिन पहले ही मथुरा में कृष्ण मंदिर निर्माण की तैयारी पर ट्वीट करते हुए सियासी माहौल को गरमाया था। इसके साथ ही यूपी में विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी समाज के अलग-अलग तबकों को रिझाने व अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुट गई है। केशव प्रसाद मौर्य की दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात पर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भाजपा केशव को लेकर कोई चूक नहीं करना चाहती।
टीम स्टेट टुडे
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