महाघोटालेबाज "अनामिका शुक्ला" सामने आई
बीएसए के सामने अनामिका शुक्ला पेश हुई
अनामिका ने सभी शैक्षिक प्रपत्र BSA को दिखाएं
BSA ने प्रपत्र लेकर अनामिका को कोतवाली भेजा
गोंडा के भुलइडीह की रहने वाली है अनामिका
कागजों के गलत इस्तेमाल का लगाया आरोप
शैक्षिक प्रपत्रों का गलत इस्तेमाल हुआ
मार्कशीट स्कैनिंग से तैयार किए दस्तावेज
गोंडा की अनामिका शुक्ला आज भी बेरोजगार
नगर कोतवाली में दर्ज कराई गई ऑनलाइन एफआईआर
असली वाली अनामिका शुक्ला को नौकरी न मिल, मार्कशीट का इस्तेमाल करके 25 से लेकर 9 लोग नौकरी कर लिए।
यूपी के 25 जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करने वाले मामले में नई कहानी सामने आई। यूपी के गोंडा जिलें में असली अनामिका शुक्ला सामने आई। वह बीएसए आफिस पहुंची और शपथ पत्र देकर बताया कि उसने तो आजतक नौकरी ही नहीं की है। उसके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का किसी ने गलत इस्तेमाल किया है। अनामिका के इस खुलासे के बाद से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई और अधिकारियों पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे।
उत्तर प्रदेश के नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में जिस अनामिका शुक्ला के अभिलेख पर विज्ञान शिक्षिका के पद पर दूसरी महिलाएं नौकरी कर रही थीं, वह असली अनामिका शुक्ला गोंडा की ही हैं।
हाई स्कूल की टीसी में दर्ज पते को देखकर अनामिका शुक्ला को पता चला कि प्रदेश में चल रहा मामला उन्हीं से जुड़ा हुआ है।
अनामिका ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति से मिलकर अपने दस्तावेज पेश किए। अनामिका को देखकर बीएसए चौंक पड़े, उन्होंने निदेशालय से मिले अभिलेखों से मिलान किया और पूरी जानकारी हासिल की।
प्रदेश के नौ जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम से कस्तूरबा बालिका आवासीय स्कूलों में विज्ञान शिक्षिका के पद पर महिलाएं कार्य कर रहीं थीं। अमर उजाला की खबर देखकर अनामिका को पता चला कि यह मामला उन्हीं से जुड़ा है।
2017 में किया था आवेदन
अनामिका ने बताया कि पांच जिलों में वर्ष 2017 में उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन वह काउंसिलिंग नहीं करा पाई थीं। उन्होंने पूरी डिटेल के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति को सभी अभिलेख दिखाए। बीएसए ने हाईस्कूल, इंटर, बीएससी, बीएड व टीईटी के अभिलेख देखे और पूछताछ की। बीएसए ने बताया कि असली अनामिका शुक्ला के अभिलेखों के आधार पर दूसरे लोगों ने नौकरी ली है। अनामिका अब भी बेरोजगार है, इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
पांच जिलों में किया था आवेदन
अनामिका शुक्ला की मेरिट हाई थी और उन्होंने पांच जिलों सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर, लखनऊ में वर्ष 2017 में कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में विज्ञान शिक्षिका के लिए आवेदन किया था। काउंसिलिंग का समय आया तो वह उसमें शामिल नहीं हो सकीं। उस समय उन्होंने ऑपरेशन से बेटी ने जन्म दिया था और वर्ष 2019 में बेटे का जन्म हुआ।
उन्होंने बताया कि दो छोटे बच्चे होने के कारण नौकरी करने में असमर्थ थी। इसलिए अवसर मिलने पर भी मैं उसका लाभ नहीं उठा पाई। आज भी मैं बेरोजगार हूं और कहीं नौकरी नहीं कर रही हूं। इस मामले के बाद मैं परेशान हूं कि आखिर मेरे शैक्षिक अभिलेखों पर दूसरे लोगों को नौकरी कैसे मिल गई।
केजीबीवी में नियुक्ति में निवास प्रमाण पत्रों में दिखा अंतर
अनामिका शुक्ला ने शैक्षिक अभिलेखों के साथ ही निवास प्रमाण पत्र भी दिया। अनामिका ने वर्ष 2017 में आवेदन के लिए निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाया था। जिसमें उन्होंने अपने पिता के नाम की जगह पर पति दुर्गेश का नाम दर्शाया है, जबकि अन्य जिलों में आवेदन के समय लगाए गये निवास प्रमाण पत्रों में पिता का ही नाम दर्ज है।
बीएसए ने निदेशालय से आए अभिलेखों में निवास प्रमाण पत्र मिलाया तो यह हेराफेरी सामने आई। अनामिका ने कहा कि शादी के बाद उसने आवेदन किया था तो निवास प्रमाण पत्र में पति का ही नाम लिखवाया था।
टीम स्टेट टुडे
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