वाराणसी, 12 सितंबर 2022 : ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरणमें पांच महिलाओंकी ओर सेदाखिल प्रार्थना पत्रपर सोमवार दोपहरअदालत का फैसलाआ गया। दोपहरएक बजे केबाद से हीपरिसर में गहमागहमीतेज हो गईऔर दोपहर दोबजे अजय कुमारविश्वेश कीअदालत ने फैसलापढ़ना शुरू किया, सवा दो बजेअदालत ने अंजुमनइंतजामिया मसाजिद कमेटी केप्रार्थना पत्र कोअपने फैसले मेंखारिज कर दिया।इसके साथ हीअदालत ने प्रकरणके आगे भीसुनवाई जारी रहनेकी जानकारी देतेहुए अगली तिथि 22 सितंबर तय करदी।
वाराणसी में ज्ञानवापीमस्जिद परिसर को लेकरदायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह (व अन्य) बनामउत्तर प्रदेश राज्यसरकार मामले मेंअदालत ने दोपहरसवा दो बजेफैसला सुना दिया।वाराणसी के जिलाजज ने अपनाऐतिहासिक निर्णय देते हुएकहा कि उपरोक्तमुकदमा न्यायालय में चलनेयोग्य है। यहनिर्धारित करते हुएप्रतिवादी संख्या चार अंजुमनइंतेजामिया मसाजिद कमेटी केद्वारा अदालत को दिएगए 7/11 के प्रार्थनापत्र को खारिजकर दिया गया।इसी के साथअदालत ने अगलीसुनवाई की तिथि 22 सितंबर तयकर दी है।वहीं अंंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटीने फैसले केखिलाफ हाईकोर्ट जानेकी बात कहीहै।
दूसरी ओर ज्ञानवापीमस्जिद मामले में हिंदूपक्ष के वकीलविष्णु शंकर जैनकोर्ट ने बतायाकि हमारी बहसको अदालत मेंमान लिया गयाहै। मुस्लिम पक्षके आवेदन कोरद्द कर करतेहुए कोर्ट नेकहा है कियाचिका सुनवाई के योग्यहै। अब इसमामले की अगलीसुनवाई 22 सितंबर को होनीहै तो हमआगे की प्रक्रियाके लिए अबतैयारी कर रहेहैं।
इस प्रकारअब आगे भीज्ञानवापी मस्जिद मामले कीसुनवाई जारी रहेगी।इससे संबंधित अन्य मामलेभी अदालत मेंलंबित चल रहेहैं। अदालत काफैसलाआने के बादअब ज्ञानवापी केवजूखने में मेंमिले शिवलिंग केपूजन की अनुमतिसहित श्रृंगार गौरीऔर अन्यदेवी देवताओं केविग्रह के पूजनअर्चन संबंधी वादको गति मिलजाएगी। दरअसल 'केस सुनवाईयोग्य हैया नहीं' इसकोलेकर भी अन्य मामलेइस फैसले परनिर्भर करते थे।ऐसे में अबज्ञानवापी मामले में अन्य वादको लेकर सुनवाईहो सकेगी।
हिंदू पक्ष कीयाचिकाकर्ता मंजू व्यासने मीडिया सेबात करते हुएकहा कि अदालतके फैसले सेसंपूर्ण देश खुशहैं। हमारे हिंदूभाइयों और बहनोंसे विनती हैकि आज फैसलेके जश्न मेंअपने घरों मेंघी के दीयेजलायें, शंख औरनगाड़े बजाने के साथही हर-हरमहादेव के नारेभी लगाएं। वहींअदालत का फैसलाआने के बादकचहरी परिसर मेंहर-हर बम-बम औरहर हर महादेवका उद्घोष काफीदेर तक गूंजतारहा।
दोपहर एक बजेतक दोनों पक्षोंके वकील कोर्टपरिसर में पहुंचेऔर अपने पक्षके वादी प्रतिवादीसे मुलाकात करविचार विमर्श किया।अदालत में हिंदूपक्ष की ओरसे वादिनी महिलाएंतो मुस्लिम पक्षकी ओर सेअंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटीके सदस्यभी कोर्ट पहुंचगए। हिंदू पक्षकी ओर सेएडवोकेट सुधीर त्रिपाठी केचैंबर में मुलाकातऔर ईश्वरसे प्रार्थना करनेके बाद कोर्टका सभी नेरुख किया।
वाराणसी में सुबहसे ही कचहरीपरिसर में 250 सुरक्षाकर्मियोंकी सुरक्षा केबीच गहमागहमीका माहौल बनाहुआ है। दोपहरढाई बजे अदालतका फैसला आनेकी उम्मीदजताई जा रहीहै। जबकि पुलिसअधिकारियों ने 18 थानों कीपुलिस फोर्स कोसंवेदनशील क्षेत्रों में तैनातकिया था। लगभगदो हजार सेअधिक सुरक्षाबलों कीतैनाती इस मामलेको लेकर कचहरीसे लेकर ज्ञानवापीपरिक्षेत्र तक कीगई थी।
मंदिर पक्ष नेयह साबित करनेकी कोशिश कीहै कि मुकदमासुनने योग्य है।वहीं, मस्जिद पक्षने भी इसेस्थानीय अदालत में सुननेयोग्य नहीं बतानेका प्रयास कियाहै। पूरे प्रकरणकी क्रोनोलाजी, मुकदमेके दौरान दोनोंपक्ष की प्रमुखदलीलें, मंदिर पक्ष केप्रार्थना पत्र कीप्रमुख बातें सुनने केबाद अदालत कीओर से 12 सितंबरकी तिथि मुकर्ररकी गई थी।दोपहर सवा दोबजे तक इसमामले में अदालतने अपना फैसलासुना दिया। अदालतके फैसले केबाद दोनों पक्षआगे की विधिककार्रवाई की रूपरेखातय करने मेंजुट गए हैं।इस लिहाज सेसोमवार को आनेवाले फैसले नेमस्जिद मामले का रुखतय कर दियाहै।
लगभग 24 वर्ष पहलेभी प्राचीन मूर्तिस्वयंभू विश्वेश्वर की ओरसे कोर्ट मेंमुकदमा दायर कियाथा। तब वाराणसीकी सिविल जजकी अदालत नेमुकदमे को सुननेयोग्य नहीं मानाथा। वादी पक्षने निगरानी याचिकादाखिल की। प्रथमजिला जज नेनिचली अदालत केफैसले को निरस्तकरते हुए मुकदमासुनने योग्य मानाथा। इसके खिलाफअंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटीने हाई कोर्टमें रिवीजन दाखिलकिया है। सोमवारको इस मामलेमें भी अदालतमें सुनवाई कीगई।
सोशल मीडियापर निगाह : पुलिसकी टीम हीनहीं प्रशासिनक स्तर परभी सोशल मीडियापर लगातार निगरानीरखी जा रहीहै। अदालत काफैसला आने केदौरान अफवाह फैलानेवाले व किसीकी धार्मिक भावनाको चोट पहुंचानेवालों के खिलाफकार्रवाई की जाएगी।इसके लिए शिकायतमिलने पर तत्काल जांचऔर विधिक कार्रवाईकी तैयारी जिलापुलिस प्रशासन नेकर ली थी।
Comments