लखीमपुर मामले में जिन दो गाड़ियों और गाड़ी पर सवार लोगों की चर्चा हो रही है उसमें एक नाम अंकित का है। अंकित लखनऊ के पूर्व मेयर, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अखिलेश दास के भतीजे हैं। इस मामले में अखिलेश दास का नाम आने के बाद कांग्रेस की तरफ से बयान जारी किया गया है।
कांग्रेस का कहना है कि लखीमपुर की दुःखद घटना में लखनऊ निवासी युवा कारोबारी की कथित उपस्थिति को लेकर उनके चाचा पूर्व मंत्री डॉ अखिलेश दास गुप्ता व काँग्रेस का नाम महज उस युवक की पहचान के लिए लिया जाना नितांत एक ओछा षड्यंत्र है। इसमें संकुचित मानसिकता के साथ डॉ दास व कांग्रेस को बदनाम करने के षड्यंत्र की सीधे बू आ रही है। जिस युवा कारोबारी अंकित का नाम काँग्रेस जनप्रिय नेता समाज सेवक, शिक्षाविदपूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अखिलेश दास जी से जोड़ने की कवायद कर छवि को कलंकित करने के लिये किया जाना दुःखद है। काँग्रेस के करोड़ो कार्यकर्ता, समर्थक व डॉ दास के लाखों प्रशंसक आहत है। अंकित का सच सभी को स्पष्ट है कि वह भारतीय जनता पार्टी सक्रिय सदस्य है।
अंकित का काँग्रेस से कोई सम्बन्ध नही है, न कभी रहा है। डॉ अखिलेश दास कांग्रेस परिवार से जुड़े थे इसलिए बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया। अंकित, डॉ दास के परिवार के संग नहीं रहते बल्कि उनका आवास और परिवार अलग रहता है।
डॉ दास के परिजनों व उनके प्रशंसको को लखीमपुर घटनाक्रम में उनके नाम को जोड़ने से भावनाएं आहत हुई है, यह एक शरारत है जिसे डॉ अखिलेश दास गुप्ता जी के साथ जोड़ा गया है, अगर कोई व्यक्ति (अंकित अग्रवाल) लखीमपुर में रहकर ठेकेदारी या अन्य व्यवसाय कर रहे थे। लखीमपुर की घटना पर दुख व्यक्त करते है ईश्वर सभी निर्दोष मृत व्यक्तियों की आत्मा को शांति प्रदान करने के साथ परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दें।
टीम स्टेट टुडे
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