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10 मई तक बढ़ाया गया उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन, गांवों में हर घर में कोरोना जांच अभियान शुरु

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


रिपोर्ट - आदेश शुक्ला


कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के हालात जितनी तेजी से खराब हुए उसे थामने की कोशिश भी अब तेजी पकड़ रही है। दवा-इलाज, अस्पताल-आक्सीजन आदि जो संक्रमित हो चुके हैं उनके लिए हैं लेकिन संक्रमण का जो खतरा लगातार बढ़ रहा है उसे थामने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। लोग नहीं निकलेंगे तो संक्रमण की चेन टूटेगी।


यूपी के हालात नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार सख्ती बढ़ा रही है। दो दिन की साप्ताहिक बंदी को तीन दिन करने के बाद अब फिर चार दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले साप्ताहिक बंदी तीन मई और फिर छह मई तक थी। अब इसे बढ़ाकर सोमवार यानी 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है। इस दौरान पूर्ण रूप से बंदी रहेगी, लेकिन जरूरी चीजों की दुकानें व जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।


बढ़ते संक्रमण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार चिंता जता रहे हैं। कोविड का मौजूदा स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है। यह पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। कुछ केस में देखा गया है कि कोविड टेस्ट में भी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है, जबकि सी टी स्कैन में पता लग रहा कि लंग्स कोविड से प्रभावित है। ऐसे में हमें और सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है। इसीलिए दो दिन की साप्ताहिक बंदी को पहले तीन दिन और बढ़ाने के बाद अब सरकार ने इसे 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ हुई बैठक में कहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार लगातार जरूरी कदम उठा रही है। प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। इसे और विस्तार दिया जा रहा है। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि चलती रहेंगी।



गांवों में घर-घर जा रही कोरोना जांच टीम


आपको बता दें कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार से घर-घर जांच अभियान शुरू हुआ। यह अभियान 9 मई तक चलेगा। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जाएगी, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण होंगे अथवा जो दूसरे प्रदेश से लौट कर आए हैं उनकी कोविड जांच की जाएगी।


ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। हर टीम में 2 सदस्य होंगे। एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तो दूसरा अध्यापक अथवा निगरानी समिति का सदस्य होगा। हर टीम को 1000 लोगों की जिम्मेदारी दी गई है। टीम के सदस्यों को प्रतिदिन 100 मानदेय दिया जाएगा। यह टीम गांव में जाएगी। लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेगी। परिवार में किसी को बुखार होगा तो उसे मेडिकल किट उपलब्ध कराएगी।


जिन लोगों में कोरोना संक्रमित होने के लक्षण होंगे और दूसरे प्रदेश से गांव में आने वालों की कोरोना जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को करीब 10 लाख एंटीजन किट उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा अन्य लोगों की आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल भेजा जाएगा।


सैंपल को वरीयता के आधार पर लैब में भेजा जाएगा


ग्रामीण इलाके में होने वाली जांच के सैंपल को वरीयता के आधार पर लैब में भेजा जाएगा। प्रयास है कि दूसरे दिन तक हर हाल में रिपोर्ट से वाकिफ करा दिया जाए। जांच के दौरान जिन्हें बुखार, खांसी अथवा सांस फूलने जैसे लक्षण होंगे उनकी जांच के साथ दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।


यदि किसी घर में कोविड पॉजिटिव व्यक्ति है तो उसे होम आइसोलेशन में रहने के तरीके भी बताए जाएंगे। संबंधित व्यक्ति को जिला मुख्यालय और राज्य स्तर पर चल रही हेल्प लाइन के बारे में भी टीम जानकारी देगी।



टीकाकरण के बारे में भी प्रेरित करेगी


गांव-गांव जाने वाली यह टीम टीकाकरण के बारे में भी लोगों को जानकारी देगी। यह भी बताएगी कि किस तरह से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कोरोना वायरस से लड़ा जा सकता है। मास्क पहनने, हाथ धुलने आदि के तरीके भी बताए जाएंगे।


कोविड नियंत्रण के लिए 14 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन


कोरोना वायरस की दूसरी लहर के नियंत्रण और इलाज की व्यवस्था के लिए डॉक्टरों की सलाहकार समिति का गठन किया गया है। 14 सदस्यीय सलाहकार समिति का अध्यक्ष एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान को बनाया गया है। यह समिति कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम के संबंध में समय-समय पर टीम-9 को भी परामर्श देगी।


सलाहकार समिति में केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी, अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एके सिंह, लोहिया संस्थान की निदेशक, मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर, एसजीपीजीआई पल्मोनरी विभाग के डॉ आरके सिंह, डॉ. आलोक नाथ, केजीएमयू पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश, एसएसपीएच ग्रेटर नोएडा के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता, मिडलैंड हॉस्पिटल के डॉ. बीपी सिंह, बीएचयू के निदेशक , आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष, स्वास्थ्य विभाग के स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को सदस्य मनोनीत किया गया है।


इसके अलावा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने मंगलवार शाम आदेश जारी किया है। मालूम हो कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिया था कि चिकित्सा विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया जाए, जो समय समय पर प्रभावी नियंत्रण के संबंध में अपनी राय देगी। चिकित्सकों की कमेटी की राय के आधार पर टीम 9 भी विभिन्न व्यवस्थाओं में परिवर्तन करेगी।


आज से प्रदेश भर में बांटा जा रहा राशन


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय और पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को 14 मई तक यह लाभ दिया जाएगा। अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 35 किग्रा खाद्यान्न जिसमें 20 किग्रा गेहूं और 15 किग्रा चावल का वितरण किया जाएगा। गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट पांच किग्रा खाद्यान्न जिसमें तीन किग्रा गेहूं और दो किलोग्राम चावल वितरित होगा। गेहूं का वितरण मूल्य दो रुपए प्रति किग्रा और चावल का तीन रुपए प्रति किग्रा निर्धारित किया गया है।


प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तृतीय चरण के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न का वितरण 05 किग्रा प्रति यूनिट के अनुसार मई माह के द्वितीय वितरण चक्र में कराया जायेगा, जिसकी तिथि अलग से निर्धारित होगी।

इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने मॉस्क न पहनने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर पहली बार एक हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा। दूसरी बार 10 गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा। प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।


टीम स्टेट टुडे


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