लखनऊ, 25 अगस्त 2023 : लखनऊ की पेपरमिल कालोनी में युवा कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या ने सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी थी। लखीमपुर खीरी के छोटे से कस्बे की रहने वाली मधुमिता शुक्ला वर्ष 1999 में उभरती हुई कवयित्री के रूप में सामने आई थी।
मधुमिता की मुलाकात उसी दौरान बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी से हुई थी और दोनों के बीच जल्द ही नजदीकियां बढ़ गई थीं। जांच में सामने आया था कि मधुमिता व अमरमणि के बीच करीबी रिश्तों की जानकारी होने पर अमरमणि की पत्नी मधुमणि ने उसकी हत्या की साजिश रची थी। मधुमिता की डायरी से उसके अमरमणि से प्रेम संबंधों के भेद भी सामने आए थे।
लखनऊ में गोली मारकर कर दी गई थी मधुमिता की हत्या
लखनऊ की पेपरमिल कालोनी में 9 मई, 2003 को मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यूपी पुलिस के बाद इस हत्या की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने आरोपितों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था। देहरादून की कोर्ट ने 24 अक्टूबर, 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी व शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एक अन्य शूटर प्रकाश पांडेय बरी हो गया था, जिसे बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
सीबीआई जांच में सामने आई ये बात
सीबीआई जांच में सामने आया कि अमरमणि से मधुमिता के रिश्तों से नाराज होकर हत्या की साजिश मधुमणि ने रची थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि मधुमिता गर्भवती थी। इसके बाद ही पूरे मामले की जांच में नया मोड़ आया था। डीएनए जांच में पता चला था कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का था। इसके बाद जांच में एक के बाद एक नए तथ्य सामने आते गए थे।
मधुमिता की हत्या के पांच महीने बाद अमरमणि को किया गया था गिरफ्तार
मधुमिता की हत्या के लगभग पांच महीने बाद आरोपित अमरमणि त्रिपाठी को 23 सितंबर, 2003 को गिरफ्तार किया गया था। अमरमणि का बेटा पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोपित है। सारा हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी। जिसमें सामने आया था कि सारा की मौत सड़क हादसे में नहीं, बल्कि मोबाइल चार्जर के तार से गला घोंटकर की गई थी।
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