google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

टिकट कटने पर जनसमर्थन का दम भरने वाले मुख्तार अंसारी के अपने दांत भी छोड़ रहे हैं उसका साथ

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


एक दौर था जब मुख्तार अंसारी के चेहरे से लोग खौफ खाते थे लेकिन अब उसके अपने दांत भी उसका साथ नहीं दे रहे। लंबे समय तक पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहा मुख्तार और उसका परिवार फिलहाल जान की खैर मना रहा है।


महज कुछ घंटो पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी ऐलान किया कि मुख्तार अंसारी जैसे अपराधियों को बहुजन समाज पार्टी टिकट नहीं देगी।


तिलमिलाए मुख्तार को जेल में जब ये सूचना मिली तो उसने ट्विटर पर अपना मुंह खोला और अपने जनसमर्थन में कसीदे काढ़े। लेकिन हालात ऐसे हैं कि मुख्तार में मुंह के दांत भी उसका साथ नहीं दे रहे। कई लोगों को असहनीय तकलीफ देने वाले मुख्तार अंसारी के दांत उसे दर्द का एहसास करा रहे हैं।


दरअसल बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को दांत दर्द ने बेचैन कर दिया। मंगलवार को भारी पुलिस सुरक्षा में उन्हें बज्र वाहन से इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। यहां चार विशेषज्ञों की टीम ने दांतों की सफाई और इलाज किया।


इलाज में करीब 40 मिनट का समय लगा। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर दंत रोग विभाग के इर्दगिर्द किसी अन्य को जाने नहीं दिया गया। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से सात अप्रैल को जेल लाया गया था। तब से वह जेल में ही है।


सोमवार की रात दांत में भीषण दर्द होने पर मुख्तार ने जेल अफसरों से इलाज की बात कही। अधिक दर्द होने से रातभर वह सोया भी नहीं। जेल से मिली टेबलेट खाकर दर्द बर्दाश्त किया। जेल अफसरों की सूचना पर भारी पुलिस बल की सुरक्षा में मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे मुख्तार को बज्र वाहन से जिला अस्पताल ले जाया गया।


यहां से मुख्तार को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। जहां दंत रोग विभाग में मुख्तार का इलाज हुआ। दंत रोग विशेषज्ञ डा. शरद के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने इलाज किया।


जिस दांत में कैविटी और खाना फंस रहा था उसकी अच्छे से सफाई की गई। डॉक्टरों की टीम में डा. शरद के अलावा डा. हरिमूरत, डा. जूही यादव व डा. विनोद शामिल रहे। मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि मुख्तार अंसारी को रूटीन जांच के लिए तीन दिन पूर्व मेडिकल कालेज के तीन डाक्टरों की टीम जेल गई थी। तब मुख्तार ने दांत दर्द की शिकायत बताई थी, लेकिन इलाज विशेष चेयर में ही हो सकता था, इसलिए टीम जेल में इलाज नहीं कर सकी थी। जेलर पीके तिवारी ने बताया कि लगभग 4.30 बजे मुख्तार को जेल में वापस दाखिल किया गया।


वैसे आपको बताते चलें कि कानून के साथ आंख मिचौली खेलने वाले शातिर अपराधी अक्सर जेल में बंद होने पर ऐसे बहाने बनाते हैं जिससे उन्हें बाहर निकलने का मौका मिले। ऐसे शातिरों के गुर्गे पहले से सतर्क रहते हैं और अपने आका के बाहर आते ही गुप्त रुप से उन तक संदेश पहुंचा दिए जाते हैं।


उत्तर प्रदेश चुनावी मुहाने पर खड़ा है ऐसे में मुख्तार अंसारी का जेल से बार बार बाहर आना जाना योगी सरकार की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा सकता है।


टीम स्टेट टुडे


विज्ञापन

Comments


bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0