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Maha Kumbh 2025 - "योगी की फोर्स" पेश करेगी मानवता की अनूठी मिसाल




प्रयागराज के परेड ग्राउंड में संकल्प प्रशिक्षण पंडाल में सॉफ्ट बिहेवियर की ट्रेनिंग ले रहे पुलिसकर्मी


पहले चरण में 21 दिनों तक दो बैच में दिया जा रहा प्रशिक्षण, दिसंबर तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम


महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की हर संभव मदद और उनके प्रति विनम्र व्यवहार करने पर है फोकस


सॉफ्ट स्किल के साथ ही जेंडर सेशटाइजेशन पर भी दिया जा रहा विशेष ध्यान



प्रयागराज, 23 अक्टूबर। मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है। महाकुंभ 2025 के आयोजन और संचालन के लिए योगी सरकार और यूपी पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सीएम योगी की मंशा के मुताबिक इस महाकुंभ में यूपी पुलिस मानवता की अनूठी मिसाल पेश करेगी। इस उद्देश्य से यूपी पुलिस ने प्रयागराज के परेड ग्राउंड में संकल्प प्रशिक्षण पंडाल में ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर दिया है। "सुरक्षा आपकी-संकल्प हमारा" के ध्येय के साथ-साथ यूपी पुलिस का पूरा ध्यान महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की हर संभव मदद और उनके प्रति विनम्र व्यवहार करने पर है। ताकि श्रद्धालु महाकुंभ से लौट कर अपने साथ पुण्य और सुखद अनुभव ही लेकर जाएं। उल्लेखनीय है कि दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में 21 दिनों तक दो बैच में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।



सॉफ्ट स्किल सीख रहे जवान

विश्व में मानवों के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, साधुओं, संन्यासियों और पर्यटकों की सुरक्षा और व्यवस्था का जिम्मा यूपी पुलिस के हाथ में है। एसएसपी कुंभ राजेश द्ववेदी ने बताया कि सीएम योगी की आशाओं के मुताबिक यूपी पुलिस इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके प्रति विनम्र व्यवहार पर विशेष जोर दे रही है। इसके चलते प्रयागराज में 16 अक्टूबर से चल रहे पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुरक्षा उपायों के साथ-साथ विशेष बल सॉफ्ट स्किल और जेंडर सेशटाइजेशन पर दिया जा रहा है। सॉफ्ट स्किल के तहत पुलिस कर्मियों को श्रद्धालुओं से बात-चीत करने, उनकी मदद करने, पार्किंग, यतायात के साधन व मेले के सही रूट व ठहरने के स्थान बताने की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही मेले में आने वाले साधू, संन्यासियों के प्रति कैसा व्यवहार करना है, ये भी बताया जा रहा है।


भाषाई अनुवाद के लिए किया जाएगा एप का उपयोग

उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटकों और देश के कोने-कोने से आने वालों से उनकी भाषा में बात कर मदद करने के लिए एआई टेक्नॉलाजी की मदद लेने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए भाषीनि एप भी बनाया गया है जो कई भाषाओं का अनुवाद करने में सक्षम है। साथ ही पुलिसकर्मियों को चैटबॉट की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि मेले में श्रद्धलुओं की हर संभव मदद की जा सके।



जेंडर सेंसटाइजेशन पर जोर

अंत प्रशिक्षण कार्यक्रम में सबसे ज्यादा जोर जेंडर सेंसटाइजेशन पर है। एसएसपी कुंभ ने बताया कि महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं की मदद के लिए हर जगह महिला पुलिस तैनात करना संभव नहीं है। इसलिए पुरूष पुलिस कर्मियों को भी महिलाओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार करने और मदद करने को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही जल पुलिस, एडीआरफ व एसडीआरफ के सैनिकों को विशेष कर कल्पवासियों और स्नार्थियों की स्नान के दौरान सुरक्षा और डूबने बचाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। जल पुलिस मेले में नावों के संचालन व सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखेगी। ट्रैफिक व सिविल पुलिस श्रद्धालुओं के स्नान घाटों तक पहुंचने व सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करेंगे। महाकुंभ 2025 में यूपी पुलिस का ध्येय सीएम योगी के दिव्य भव्य सुरक्षित महाकुंभ के संकल्प को पूरा करना है।


 

महाकुंभ 2025 विशेष : सात पीढ़ियों को मोक्ष दिलाने महाकुंभ से पहले ही आ रहे 'भगीरथ'




तीर्थराज प्रयागराज बन रहा देश की आस्था का केंद्र



प्रवासियों के साथ ही प्रयागराज के ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा भी जबरदस्त उत्साह में


योगी सरकार के सख्त निर्देश, श्रद्धालुओं की हर समस्या का तत्काल करें निस्तारण


प्रयागराज, 23 अक्टूबर : महाकुंभ 2025 को दुनिया का सबसे भव्य सांस्कृतिक आयोजन बनाने जा रही योगी सरकार ने प्रयागराज के घाट पर अपने सबसे कुशल अफसरों को उतार दिया है। सरकार की धर्म कर्म को लेकर स्पष्ट नीति के परिणामस्वरूप देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। यहां तक कि विदेश से भी लोग अपनी सात-सात पीढ़ियों को मोक्ष दिलाने के लिए संगम नगरी पहुंचने लगे हैं। योगी सरकार का अधिकारियों को सख्त निर्देश है कि बाहर से बड़ी संख्या में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या ना आने पाए। महाकुंभ को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। आस्था और विश्वास को लेकर प्रतिदिन उमड़ते लोगों के मद्देनजर तीर्थराज प्रयाग एक तरह से देश का धार्मिक केंद्र बनता जा रहा है।


बढ़ने लगी श्रद्धालुओं की संख्या

प्रयागराज में संगम घाट के पुरोहित पंडित महेंद्र नाथ शर्मा ने बताया कि महाकुंभ से पहले ही देश विदेश से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आने वाले अप्रवासियों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। यहां बड़ी संख्या में लोग अपनी सात- आठ पीढ़ियों को मुक्ति दिलाने के लिए कर्मकांड करने आ रहे हैं। इसके अलावा भारत के बाहर से भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग आते हैं, जिन्हें इतनी लंबी पीढ़ियों की जानकारी नहीं होती। प्रयागराज के घाट पर मौजूद पुरोहित उन्हें इस तरह की लिखित जानकारी भी उपलब्ध करा रहे हैं।


योगी सरकार के रात दिन चल रहे नव निर्माण देखकर लोगों में उत्साह

प्रयागराज के प्रसिद्ध प्रयागवाल सुब्रह्मण्यम शास्त्री उर्फ चारी जी के अनुसार, योगी सरकार के रात दिन चल रहे नवनिर्माण को देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासियों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रयागराज के घाट पर ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा के पास आने वाले लोगों की लंबी कतार लगने लगी है।


देश के कोने-कोने से आ रहे श्रद्धालु

महाकुंभ की तैयारियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना के अलावा कई राज्यों से हजारों लोगों का अनुष्ठान प्रयागराज के पुरोहित प्रतिदिन करा रहे हैं। इनके अलावा अमेरिका, कनाडा, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, रूस में भी रहने वाले भारतीय मां गंगा को प्रणाम करने आने लगे हैं। इनमें बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां भी लेकर आ रहे हैं।


धार्मिक कार्यों के लिए टीम वर्क

संगम के तट पर धार्मिक कार्यों के कुशल प्रबंधन के लिए पूरा टीम वर्क किया जा रहा है। इसी तरह की जिम्मेदारी देख रहे पंकज पांडे बताते हैं कि यहां आने वाले लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान करते हैं। ब्राह्मणों को दान देते हैं, जिससे यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है।


ऐतिहासिक महत्व

ऐसी मान्यता है कि इक्ष्वाकुवंशीय राजा भगीरथ ने कड़ी तपस्या से गंगा को पृथ्वी पर अवतरित किया। जिसके बाद कपिल मुनि के श्राप से भस्म साठ हजार सगरपुत्रों को मुक्ति दिलाई। मां गंगा को पृथ्वी पर लाने का श्रेय भगीरथ को ही है। इनके नाम पर ही माता को भागीरथी भी कहा गया है।


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