महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर महाकुम्भ की ओर बढ़ा आस्था का हुजूम
इंद्रदेव ने किया श्रद्धालुओं का अभिनंदन, रविवार को हुई हल्की बारिश के बाद बड़ी ठंड के बावजूद स्नान के लिए देश के हर राज्य से महा कुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालु
योगी सरकार के निर्देश पर क्राउड मैनेजमेंट में जुटे मेला प्रशासन और पुलिस के जवान
आस्था के आगे नहीं समझ में आ रहा था सिर पर रखी गठरी का वजन
महाकुम्भनगर, 13 जनवरी। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिला। महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ में पहले स्नान पर्व पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा।
हर वर्ग में दिखा उत्साह
बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। आस्था का ऐसा आलम था कि सिर पर गठरी का वजन भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सका। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवाओं ने इस पावन क्षण को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
सनातन संस्कृति का उत्सव
इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। डीआईजी और एसएसपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। आधी रात और सुबह तड़के से ही पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद नजर आया।
श्रद्धालुओं का अभिनंदन
पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा और हल्की हवा के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। संगम क्षेत्र में आस्था का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति गौरव की अनुभूति कराई।
सोशल मीडिया पर छाया महाकुम्भ
स्नान पर्व की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। श्रद्धालु और युवा अपनी संस्कृति और परंपरा पर गर्व महसूस कर रहे हैं। महाकुम्भ का यह पवित्र स्नान पर्व सभी के लिए यादगार बन गया।
पौष पूर्णिमा पर महाकुम्भ 2025 का भव्य शुभारंभ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं
विश्व के सबसे विशाल, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ 2025' का तीर्थराज प्रयागराज में हुआ शुभारंभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त श्रद्धालुओं, संतों, महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का किया स्वागत, महाकुम्भ के प्रथम स्नान की दीं शुभकामनाएं
लखनऊ, 13 जनवरी। विश्व के सबसे विशाल, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ 2025' का सोमवार तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो गया। इस पवित्र अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त श्रद्धालुओं, संतों, महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुम्भ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक है। यह आयोजन ‘अनेकता में एकता’ की भावना को सजीव करता है। मां गंगा की पवित्र धारा में स्नान और साधना करने आए सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हों।
उन्होंने आगे कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सनातन संस्कृति और परंपराओं के वैश्विक गौरव का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। स्वच्छता, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, यातायात और आवासीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
संगम तट पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
पौष पूर्णिमा के अवसर पर आज लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं। संगम तट पर आध्यात्मिक उल्लास और धार्मिक आस्था का अद्वितीय नजारा देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ जीवन का अद्वितीय अनुभव बन रहा है।
मुख्यमंत्री का संदेश:
"आइए, महाकुम्भ 2025 में सहभागी बनकर सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें। मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो।"
पहले ही स्नान में दिखा आस्था-उमंग का जनसैलाब, महाकुम्भ की दिव्यता देख श्रद्धालु हुए मुग्ध
-आस्था के महापर्व महाकुम्भ-2025 के पहले स्नान पर उमड़ा अपार जनसैलाब
-संगम नोज पर उमड़ी सबसे ज्यादा भीड़, सभी घाटों पर लगा श्रद्धालुओं का तांता
-असंख्य कल्पवासियों ने मोक्षदायनी संगम में डुबकी लगाकर अगले 45 दिन कल्पवास के विधिवत नियमों के पालन का लिया संकल्प
-देश-प्रदेश समेत विदेश के श्रद्धालुओं का भी प्रयागराज में दिखा अपार जनसमूह, एकता के महाकुम्भ को लेकर योगी सरकार की तैयारियों से दिखे संतुष्ट
महाकुम्भनगर, 13 जनवरी। महाकुम्भ-2025 का आगाज 144 वर्षों की प्रतीक्षा, अनन्य आस्था, अगाध भक्ति, हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार को साक्षात्कार करने सरीखा अनुभव बन गया। न केवल देश-प्रदेश बल्कि विदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं के जप-तप और पुण्य-मोक्ष का मार्ग बनने के साथ ही, एकता के सूत्र में बांधने वाला एक ऐसा माध्यम बन गया जिसकी तुलना किसी अन्य घटना से होना असंभव है। मानवता के इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षी बनने, अपने जन्मों के पुण्यों को साकार करने और मानव सभ्यता के इस सबसे बड़े विलक्षण क्षण का साक्षी पहले ही दिन बनने की होड़ तीर्थराज प्रयागराज के संगम नोज समेत सभी स्थायी व अस्थायी घाटों पर दिखी। यहां भाव विह्वल श्रद्धालु भीगी पलकों से इस सुखद क्षण का साक्षात्कार करते हुए अपनी पूजा व अर्चन विधि से भक्ति में रमने के साथ ही एकता के संगम में सराबोर होते दिखे।
पहले ही दिन रिकॉर्ड भीड़ के मिले संकेत
पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुम्भ-2025 के प्रारंभ होने और पहले स्नान के अवसर पर ही पूरी दुनिया से महाकुम्भनगर स्थित मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। ये श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तैयारियों से बेहद संतुष्ट दिखे और महाकुम्भ पर्व को लेकर की गई सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखकर मुक्त कंठ से डबल इंजन की सरकार की तारीफ करते दिखे। स्नान के दो दिन पूर्व ही लाखों की तादात में श्रद्धालुओं ने स्नान किया और पहले दिन श्रद्धालुओं का अपार उत्साह-उमंग दर्शाता है कि आगे आने वाले 45 दिनों में महाकुम्भ-2025 में उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान से भी ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ सकती है।
कल्पवासियों ने स्नान कर कल्पवास के नियमों का लिया संकल्प
पौष पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवासी संगम में स्नान कर कल्पवास के कठिन नियमों का महाकुम्भ अवधि के दौरान पालन करते हुए पुण्य प्राप्ति, सद्गति, मोक्ष प्राप्ति और सकल विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। स्वयं व अपने परिजनों के कल्याण के साथ ही सकल विश्व के कल्याण के लिए भी कल्पवासी प्रार्थना करते हैं। महाकुम्भ के प्रारंभ होने के साथ ही सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया और महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की उपासना में पवित्र जलधारा में डुबकी लगाकर संकल्प लेते दिखे। हर-हर महादेव, जय श्रीराम और जय बजरंग बली की जैसे नारों से रह-रहकर संगम नोज समेत सभी घाट दिनभर गुंजायमान होते रहे। वहीं, साधारण गृहस्त श्रद्धालुओं में भी स्नान को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला। पहले ही दिन प्रयागराज व आसपास के इलाकों समेत बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों की भारी भीड़ संगम समेत तीर्थराज प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर देखने को मिली।
विदेशी श्रद्धालु भी हुए महाकुम्भ के मुरीद
संगम घाट पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। साउथ कोरिया से आए यू-ट्यूबर दल महाकुम्भ के विभिन्न शॉट्स को अपने कैमरे से कैप्चर करते दिखे तो जापान से आए पर्यटक महाकुम्भ में अपार जनसैलाब को देखकर स्थानीय गाइडों से जानकारी लेते दिखे। रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए सनातनी श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षात्कार करने के साथ ही पुण्य की डुबकी भी लगाई। स्पेन से आई क्रिस्टीना भी इन्हीं में से एक थीं जिन्होंने महाकुम्भ की भव्यता को देखकर मुक्त कंठ से इस अद्भुत क्षण की प्रशंसा की। गौरतलब यह है कि महाकुम्भ में इस वर्ष जिस प्रकार की भीड़ उमड़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है वह दुनिया के विभिन्न देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। ऐसे में, विदेशी न केवल कौतुहल में खिंचकर आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षी बनते दिखे, बल्कि सनातन धर्म को अपना चुके और सनातन आस्था को अंगीकार कर चुके विभिन्न साधु-संन्यासियों ने भी आस्था की पवित्र डुबकी लगाकर खुद को धन्य किया।
ऐसी रौनक पहले नहीं देखी...
महाकुम्भनगर में संगम मेला क्षेत्र और लेटे हनुमान मंदिर के समीप पूजा सामग्री बेचने और घाटों पर श्रद्धालुओं को तिलक लगाने वाले बेहद व्यस्त दिखे। श्रद्धालुओं की इच्छा अनुरूप प्रसाद, चुनरी, दीपदान सामग्री बेच रहे फुटकर दुकानदारों और तिलक लगाने का काम कर रहे लोगों का मानना है कि 2019 के कुम्भ मेले की अपेक्षा इस बार का महाकुम्भ न केवल दिव्य व भव्य है, बल्कि भीड़ भी कई गुना ज्यादा है और इससे उनकी आमदनी भी अच्छी-खासी होगी। तिलक लगाने का कार्य कर रहे प्रदीप उपाध्याय के अनुसार, वह 2019 में भी कुम्भ के दौरान इस कार्य को कर रहे थे, मगर इस बार लोगों में पहले से कहीं ज्यादा उत्साह-उमंग है। इसी प्रकार, फूलपुर से आकर संगम क्षेत्र में पूजन-अर्चन की फुटकर दुकान चला रही संतोषी देवी ने कहा कि लोग उनसे सबसे ज्यादा गंगा जल स्टोर करने वाले डिब्बे खरीद रहे हैं।
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