महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। शाम को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी आरे महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी वसीयत की जानकारी भी इसी में दी। पुलिस का इस संबंध में कहना है कि वो अभी इसे विस्तार से देख रहे हैं और उसके बाद ही स्थिति को साफ किया जा सकेगा।
शिष्य गिरफ्तार
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस रात 10 बजे हरिद्वार पंहुची थी। पुलिस टीम ने डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद आनंद गिरी को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। जानकारी के मुताबिक सहारनपुर पुलिस और एसओजी की टीम हरिद्वार पहुंची थी।
क्या कहा आनंद गिरि ने
हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि इस बात में उन्हें कोई शक नहीं कि उनके गुरू महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है। इसमें कौन लोग शामिल है, इस बात का खुलासा होना चाहिए। कई लोग ऐसे हैं जिन पर उन्हें शक है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। मैं अगर दोषी पाया जाता हूं तो फिर मुझे भी सजा मिलनी चाहिए।
सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर
संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य व्यवस्थापक और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित आवास में रहते थे। सोमवार की शाम सेवादार उनके कमरे में पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी पर लटक रहा था। पूरे मठ में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मठ को सीज कर दिया था।
शिष्य आनंद गिरि से विवाद
मौके पर फोरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट भी जांच कर रही थी। डीएम ने लखनऊ में उच्चाधिकारियों को प्रारंभिक सूचना से अवगत कराया। महंत नरेंद्र गिरि हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद में चर्चा में आए थे। हालांकि वह विवाद आनंद गिरि के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था। इसके अलावा जाहिरा तौर पर कोई बड़ा विवाद अभी सामने नहीं आया।
मृत्यु से ठीक पहले श्रीमहंत नरेंद्र गिरी जी ने क्या क्या किया
जानकारी मिल रही है कि सोमवार सुबह साढ़े ग्यारह से दोपहर बारह बजे के बीच महंत नरेंद्र गिरि ने खाना खाया। सामान्य लग रहे महंत जी ने किसी से ज्यादा बातचीत नहीं की। फिर अपने कमरे में आराम करने चले गए। दोपहर दो बजे वे नीचे आए। आमतौर पर वे दोपहर को तीन से चार बजे के बीच में नीचे आते हैं, लेकिन आज जल्दी आ गए। नीचे आने के बाद सीधे गेस्ट हाउस वाले रूम में चले गए।
मठ के अंदर ही गेस्ट हाउस भी है, वहां आमतौर पर बाकी लोगों का जाना माना होता है, लेकिन शाम 4 बजे के करीब मठ का एक शिष्य उन्हें चाय देने गया। पहले जब वह उनके कमरे में ऊपर गया तो मालूम हुआ कि वो नीचे हैं। नीचे मौजूद गेस्ट हाउस का कमरा अंदर से बंद था। दरवाजा काफी देर खटखटाने पर भी जब कोई जवाब नहीं आया तो दरवाजे को तोड़ दिया गया। अंदर गमछे से फांसी पर उनका शव लटका मिला। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और परिसर में मौजूद सभी शिष्यों को अपने कमरों में जाने के लिए कह दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट वसीयत की तरह लिखा है। किसका ध्यान रखा जाना है और किसे क्या सौंपा जाना है, इसका इस नोट में जिक्र है। इस नोट में उन्होंने खुद कबूला है कि उन्होंने आत्महत्या की है। उनका शव गेस्ट हाउस में पंखे से लटका मिला था। उन्होंने नोट में लिखा है कि मैं सम्मान के साथ रहा हूं। अब सम्मान के बिना नहीं रह सकता।
पुलिस अधिकारियों ने मठ के सेवादारों से पूछताछ की है। सोमवार को सुबह से ही मठ आने और जाने वालों की सूची भी मांगी गई है। महंत नरेंद्र गिरी के मोबाइल नंबर की भी जांच की जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से आएगा सच सामने
घटना के बाद से जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि सभी बिंदुओं को ध्यान में रखा जा रहा है। उनका शव फांसी पर लटका मिला। पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनकी मौत कैसे हुई? आईजी केपी सिंह का कहना है कि नरेंद्र गिरी का शव फांसी पर लटका मिला। प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकता है।
टीम स्टेट टुडे
Comments