लखनऊ, 14 सितंबर 2022 : सरकारी धन केदुरुपयोग का तर्कदेते हुए इसधन की रिकवरीबसपा की राष्ट्रीयअध्यक्ष मायावती की संपत्तिसे किए जानेकी जनहित याचिकाइलाहाबाद उच्च न्यायालयमें दायर कीगई है। याचीका तर्क हैकि मायावती नेअपने मुख्यमंत्रित्व कालमें सरकारी धनका दुरुपयोग किया।योजनाओं के नामपर आय सेअधिक संपत्ति भीअर्जित की गई।
सपा नेताकी याचिका परसुनवाई के लिएउच्च न्यायालय नेस्वीकृति दी
शास्त्रीनगर निवासी वसपा नेता अभिषेकसोम की याचिकापर सुनवाई केलिए उच्च न्यायालयने स्वीकृति देदी है। याचिकामें पूर्व मुख्यमंत्रीमायावती, प्रदेश सरकार केगृह मंत्री, प्रदेशसरकार में वित्तमंत्री व मुख्यसचिव को प्रतिवादीबनाया गया है।
यह कहायाचिका में
अभिषेक ने याचिकामें कहा किविभिन्न मामलों में मायावतीके खिलाफ जांचहुई थी। लखनऊव नोएडा मेंबड़ी संख्या मेंपार्टी के प्रतीकचिह्न हाथी कीप्रतिमा स्थापित करा सरकारीधन का दुरुपयोगकिया गया। उनकीसरकार में कईघोटाले भी हुए।पर्यटन को बढ़ावादेने के नामपर तमाम स्मारकबनवाए गए लेकिनइनका कोई उपयोगनहीं हुआ। इनकाउद्देश्य सिर्फ धन कमानारहा। कई मामलोंमें जांच केदौरान दिल्ली, कोलकातामें बेनामी संपत्तिभी पाई गई।
अखिलेश और योगीसरकारों ने आदेशका पालन सुनिश्चितनहीं कराया: याची
याची काकहना है किमामलों की सुनवाईके दौरान कईसाल पहले उच्चतमन्यायालय ने मायावतीसे रिकवरी काआदेश दिया था।मायावती के बादअखिलेश यादव औरफिर योगी आदित्यनाथकी सरकार आईलेकिन दोनों हीसरकारों ने शीर्षअदालत के आदेशका पालन सुनिश्चितनहीं कराया। अबउन्होंने उन आदेशोंव विभिन्न जांचोंका हवाला देतेहुए रिकवरी कीमांग करने केलिए याचिका दाखिलकी है। याचिकाकर्ताके अधिवक्ता योगेशमिश्र ने बतायाकि याचिका सुनवाईके लिए स्वीकृतकर ली गईहै। सुनवाई केलिए अगले सप्ताहकोई भी तिथिमिल सकती है।
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