एनसीईआरटी की फर्जी किताबों का रैकेट दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में चल रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस का नारा देने वाली योगी सरकार की पार्टी भाजपा के ही नेताओं का नाम इस रैकेट में सामने आया है मेरठ में एसटीएफ व पुलिस ने थाना परतापुर क्षेत्र में एक गोदाम में छापा मारकर करीब 35 करोड़ की एनसीईआरटी की किताबें और छह प्रिटिंग मशीने बरामद की हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी में 35 करोड़ रुपये की एनसीईआरटी की किताबें मिली हैं। ये किताबें एक प्रिंटिंग प्रेस में अवैध तरीके से छापी जा रही थीं। इस कार्रवाई के दौरान 6 प्रिटिंग मशीनें भी जब्त की गई हैं।
रैकेट में शामिल प्रिंटिंग प्रेस भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता की है। इस प्रिंटिंग प्रेस पर उनके भतीजे सचिन गुप्ता भी पार्टनर हैं। कुछ साल पहले तक कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के पुत्र भी इस प्रिंटिंग प्रेस में साझीदार थे। जब नकली किताबों के प्रकाशन को लेकर छापा पड़ा तो उन्होंने अपनी हिस्सेदारी हटा ली।
पुलिस ने मौके से 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसएसपी अजय साहनी ने रैकेट के बारे में और जानकारी दी। मेरठ समेत कई शहरों में तमाम प्रकाशक फर्जीवाड़े में लिप्त हैं।
सूत्रों के मुताबिक कैंट विधायक के पुत्र की अप्रत्यक्ष साझेदारी इस प्रिंटिंग प्रेस में है। प्रिंटिंग प्रेस के मालिक संजीव गुप्ता कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के बेहद करीबी लोगों में है। पिछले करीब एक दशक से इस प्रिंटिंग प्रेस पर नकली पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं। मोहकमपुर स्थित इस प्रिंटिंग प्रेस पर नकली पुस्तकों के प्रकाशन का दो बार खुलासा हो चुका है। पहले जब प्रिंटिंग प्रेस पर छापा पड़ा था तो भाजपा के ही विधायकों ने मामले को दबवाया था। एनसीईआरटी के अफसरों ने आज तक इतने बड़े रैकेट की शिकायत क्यों नहीं की। इसकी पड़ताल भी एसटीएफ को जरूर करनी चाहिए क्योंकि बड़े शिक्षा अफसरों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा रैकेट चलना नामुमकिन है।
टीम स्टेट टुडे
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