कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने पर देश की जनता भले रोजमर्रा के कामकाज में तीसरी लहर का ख्याल ना कर रही हो लेकिन केंद्र की मोदी सरकार जानती है कि तीसरी लहर का कहर भी देश पड़ सकता है। इसलिए बिना समय गवाएं केंद्र सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां शुरु कर दी है। इसके लिए कैबिनेट ने 23 हजार करोड़ रुपये के नए पैकेज को मंजूरी है। इनमें से 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र और 8,123 करोड़ रुपये राज्य सरकारें मुहैया कराएंगी।
मंत्रालय संभालने के साथ ही देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी है कि इस पैकेज को अगले नौ महीने के भीतर यानी अगले मार्च तक अमली जामा पहना दिया जाएगा। इसके पहले पिछले साल मार्च में 15 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार इस पैकेज से जिला स्तर पर आक्सीजन और जरूरी दवाइयों की आपूर्ति , स्टोरेज से लेकर पर्याप्त संख्या में बिस्तरों की संख्या की बढ़ाने का प्रविधान किया गया है। तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संख्या में प्रभावित होने की आशंका के चलते सभी जिलों में बच्चों के विशेष वार्ड और हाईब्रिड आइसीयू बेड भी बनेंगे।
इस बड़े एलान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए पैकेज के तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आइसीयू बेड, आक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।
कैसे इस्तेमाल होगा धन कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए
सभी 736 जिला अस्पतालों में ई-हास्पिटल या ई-सुश्रुत साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर हास्पिटल मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। अभी 310 अस्पतालों में ही लगाए गए हैं।
करीब 2.4 लाख सामान्य मेडिकल बेड और 20 हजार आइसीयू बेड तैयार किए जाएंगे। इनमें 20 फीसद बच्चों के लिए होंगे।
केंद्र सरकार के अस्पतालों में 6,688 कोरोना बेड तैयार किए जाएंगे।
सभी जिला अस्पतालों में बच्चों के वार्ड बनाए जाएंगे।
नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को जिनोम सिक्वें¨सग मशीनें दी जाएंगी।
साइंटिफिक कंट्रोल रूम और एपेडेमिक इंटेलीजेंस सर्विस का ढांचा तैयार किया जाएगा।
ई-संजीवनी प्लेटफार्म को मजबूत कर प्रतिदिन पांच लाख लोगों को टेली कंसल्टेंसी मुहैया कराने लायक बनाया जाएगा। अभी केवल 50 हजार लोगों को टेली कंसल्टेंसी दी जाती है।
देशभर में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन के 1,050 स्टोरेज तैयार किए जाएंगे, उन्हें पाइपलाइन से अस्पतालों से जोड़ा जाएगा। हर जिले में कम से कम एक स्टोरेज जरूर होगा।
8,800 नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी।
कोरोना के प्रभावी प्रबंधन में अंडर ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंटर्न, अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्र और बीएससी व जीएनएम के नर्सिग छात्रों की सेवाएं ली जाएंगी।
टीम स्टेट टुडे
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