कभी खास शूटर रहे कुख्यात डान मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या किए जाने से घबराए बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को ‘प्री-प्लान’ के तहत मंडल कारागार से पंजाब जेल पहुंचाया गया था।
प्लान के तहत मुख्तार के खिलाफ मोहाली में बगैर जांच पड़ताल के बिल्डर से रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद प्रोटेक्शन वारंट को आधार बनाकर पंजाब पुलिस मुख्तार को अपने साथ ले गई थी। उधर इस मामले में छुट्टी पर गए डिप्टी जेलर तारकेश्वर सिंह सोमवंशी को बली का बकरा बनाकर निलंबित कर दिया गया था।
गौरतलब हो कि लखनऊ जेल में निरुद्ध रहे विधायक मुख्तार अंसारी का वर्ष 2017 में बांदा जेल तबादल कर दिया गया। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल रास नहीं आ रही थी। इसी बीच जनवरी 2018 में जेल के अंदर मुख्तार को दिल का कथित दौरा पड़ गया। इस दौरान उनकी पत्नी भी साथ थी। इस वाकए से जेल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे। आनन-फानन में अंसारी दंपति को लखनऊ ले जाकर पीजीआई में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य को क्लीनचिट दे दी। इसके बाद मुख्तार को फिर वापस बांदा जेल भेज दिया गया।
इसी बीच जुलाई 2018 को बागपत जेल मे निरुद्ध माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुन्ना बजरंगी कभी मुख्तार अंसारी का खासम-खास था। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय ही हत्या में मुन्ना बजरंगी के साथ मुख्तार को भी नामजद किया गया था। मुन्ना की हत्या के बाद विधायक ने अपनी जान का खतरा बताया था। इसके बाद उसके जेल तबादले का प्लान बनाया गया।
जेल सूत्रों की माने तो जनवरी 2000 में मुख्तार के नाम से पंजाब के मोबाइल नंबर 6390407709 से वहां के बिल्डर उमंग को फोन किया गया। बिल्डर के मुताबिक उससे 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई न देने पर जान से मार देने की धमकी दी गई।
इसके बाद पंजाब पुलिस ने मोहाली में मुख्तार के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। इस बात की जांच पड़ताल तक नहीं की कि बांदा जेल में बंद मुख्तार के नाम से फोन किसने और कहां से किया। उधर पंजाब पुलिस प्रोटेक्शन वारंट लेकर मुख्तार को लेने बांदा आ गई। यहां बांदा जेल प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कोर्ट से परमीशन लेकर बगैर समझे-बूझे 21 जनवरी 2019 को मुख्तार को पंजाब पुलिस के सुपुर्द कर दिया। तब से मुख्तार पंजाब के रूपनगर जेल में आराम फरमा रहा था।
उधर इस मामले में तत्कालीन डिप्टी जेलर तारकेश्वर सिंह को निलम्बित कर दिया गया था। उनका कहना था कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। वह छुट्टी पर थे। मुख्तार के पंजाब चले जाने की उन्हें जानकारी तक नहीं हुई थी।
रिपोर्ट - संदीप तिवारी (बांदा)
टीम स्टेट टुडे
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