नेपाल सीमा से सटे जंगलों में अतिक्रमण, स्थिति गंभीर तैनात की गई पीएसी
कोर टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बढ़ा अतिक्रमण का जाल
बढ़ते अतिक्रमण पर सख़्त हुआ कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग
बहराइच में वर्ल्ड फेम कतर्नियाघाट वाईल्ड लाईफ सेंचुरी रेंज का इलाका बड़ी तेजी से अतिक्रमण के जाल में फंसता जा रहा है। यही कारण है कि जंगल में बढ़ते अतिक्रमण के चलते जंगल के राजा वनराज को आये दिन मजबूरन इंसानों की बस्ती में आना पड़ता है।
इसको लेकर कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के DFO आकाश दीप बधावन ने बताया कि कतर्नियाघाट सेंचुरी रेंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है।
जिसके बारे में स्थानीय सांसद और विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को पत्राचार भी किया जा चुका है। शासन के निर्देश पर जंगल क्षेत्र में फैले अवैध अतिक्रमण पर शिकंजा कसने के लिये सभी रेंज अफसरों को प्रॉपर गस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अतिक्रमणकारियों से निपटने के लिये मौके पर PAC तैनात कर दी गयी है।
कतर्नियाघाट जंगल से लगे बिछिया बाजार, सुजौली, एवं गिरिजपुरी क्षेत्र में अतिक्रमण करने वालों को बाकायदा नोटिस जारी की गई है, जिसकी मॉनिटरिंग हाईस्ट लेबल से हो रही है।
DFO ने बताया कि जंगल क्षेत्र में 500-से लेकर 1000 लोगों की भीड़ लाईन आर्डर की समस्या पैदा कर देती है और लोगों की भीड़ आमादा फौजदारी हो जाती है।
जंगली जीवों की सुरक्षा के लिये वाइल्डलाइफ जोन क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या एक बहुत बड़ा गम्भीर विषय है।
जिसको ध्यान में रखते हुए अति शीघ्र जंगल क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को समाप्त करने का व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायेगा।
आपको बताते चलें कि जंगल में अतिक्रमण करने वाले ज्यादातर एक ही समुदाय से हैं। फितरत ऐसी है कि यहां-वहां धार्मिक स्थल बनाकर पूरे मामले को सांप्रदायिक बनाया जा रहा है। चूंकि ये इलाका भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ है इसलिए यहां तस्करी और अन्य अवैध कारोबार भी तेजी से फलफूल रहा है। अफसोस की बात ये है कि स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले से मुंह मोड़े हुए है। साथ ही बार्डर पर तैनात फोर्स भी सवालों के घेरे में है।
टीम स्टेट टुडे
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