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एन डब्ल्यू एम थेरेपी से संभव हुआ लाइलाज रोगों का इलाज – प्राकृतिक चिकित्सा का अद्भुत असर

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


नेचुरोमेटिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर, के, एनसीआर केंद्र पर, प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर, एडवांसेज ऑफ एन डब्ल्यू एम थेरेपी विषय पर ऑनलाइन सेमिनार आयोजित किया गया।


सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, महराष्ट्र, उत्तराखंड आदि के अलावा अमेरिका आदि देशों से भी लोगो ने शिरकत की।


उत्तराखंड सरकार में अधिकारी और केंद्र से वर्षों से जुड़े श्री के.के.शर्मा ने कहा कि उपचार के प्राकृतिक तरीके जीवन में उतार कर स्वास्थ्य पाना आसान हो जाता है।


मुख्य वक्ता एवं एन डब्ल्यू एम पद्धति के अविष्कारक संस्थापक प्रदीप भागवत ने कहा कि इस कोरोना काल ने साबित किया कि कोई भी पद्धति राम बाण नहीं है। एक मात्र रामबाण उपाय है, प्रकृति।


इसी समझ को एन डब्ल्यू एम पद्धति में उतार कर एक ऐसी अद्भुत पद्धति तैयार की गई है जो ना केवल पास से वरन् हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति के रोगों की जांच कर, उन रोगों का उपचार करने में भी सक्षम है।


अमेरिका से मलिना ने बताया कैसे उन्हें गालब्लैडर का ऑपरेशन कराने को बोला गया था परन्तु कुछ ही दिन के एन डब्ल्यू एम पद्धति के उपचार से वो ठीक हो गई, इसी में जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि पहले भी उनके रिश्तेदार कैंसर जैसी बीमारियों से भी निजात पा चुके है।


अमेरिका की ही रिनी ने बताया कैसे उनकी मेनूपॉज की समस्या एन डब्ल्यू एम उपचार से हल हुई। उन्होंने कहा कि अब एन डब्ल्यू एम को सिक्रेट वैपन की तरह कोई भी रोग का पहला लक्षण दिखते ही, प्रयोग में लाती हैं और शीघ्र स्वस्थ हो जाती है।


बिहार की व्यवसाई सारिका बताती हैं कि कैसे सालों से एन डब्ल्यू एम पद्धति उनके परिवार को पॉजिटिव एनर्जी देती आ रही है।


एनसीआर के वरिष्ठ अधिवक्ता एम के शर्मा के अनुसार एन डब्ल्यू एम पद्धति उनको तथा उनके परिवारजनों के ऐसे ऐसे रोग में लाभ पहुंचा चुकी है जिनमे सालों से अंग्रेजी दवाई भी असर नहीं कर पा रही थी, पुराना डिप्रेशन हो या बचपन से लार ना बनना तो गुटखा आदि खाने के कारण मुंह ना खुलना आदि सभी में वे एन डब्ल्यू एम पद्धति से लाभ देख चुके है।


केंद्र के पदाधिकारियों ने सबको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपील की, कि हमे अपनी पारंपरिक भारतीय मूल की चिकित्सा पद्धति एन डब्ल्यू एम को एक नई कॉम्पलीमेंट्री पद्धति की तरह किसी भी उपचार के साथ जोड़कर शीघ्र लाभ प्राप्त करें। एन डब्ल्यू एम पद्धति में कोई दवाई भी नहीं दी जाती इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है।


टीम स्टेट टुडे

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