दिल्ली के वीवीआईपी और बेहद सुरक्षित इलाके में इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार शाम को बम ब्लास्ट हुआ था। धमाके की जांच में लगी एजेंसियों को शनिवार को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है। जांच में पता चला है कि कम क्षमता वाले बम (लो इंटेंसिटी इंप्रोवाइज्ड डिवाइस) से विस्फोट किया गया था। इसे पेय पदार्थ की केन में बनाया गया था।
मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक
सूत्र बता रहे हैं कि जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था उसकी बनावट और दूसरे डिटेल से पता चलता है कि उसे प्रोफेशनल ने तैयार किया था। जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को पहले से इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। इशारा मिल रहा है कि इजरायली दूतावास के पास धमाका किसी एजेंसी के सैन्य संगठन की करतूत हो सकती है।
देश की टॉप जांच एजेंसियां इस्तेमाल विस्फोटकों का विश्लेषण कर रही है कि ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया या नहीं।
घटनास्थल से ड्राई सेल के टुकड़े इकट्ठा किए गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि धमाके के लिए प्रयोग में लाया गया विस्फोट मिलिट्री के ग्रेट का है। इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं आई है। अगर ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेट विस्फोटक के होने की पुष्टि हो जाती है तो इसका मतलब होगा कि यह काम किसी एजेंसी या प्रोफेशनल संस्था द्वारा अंजाम दिया गया।
इसका यह भी मतलब यह है कि विदेशी एजेंसियां भारत के इलाके में घुसपैठ करने में सफल हो गईं।
आपको याद दिला दें कि 2012 में जब नई दिल्ली में इजरायली दूतावास पर हमला हुआ था तब भी इजरायल इस मामले की जांच में भारत की मदद की थी। तब इजराइल से आई एजेंसियों ने ना सिर्फ घटनास्थल का दौरा किया था बल्कि उस होटल भी पहुंचे थे जहां संदिग्ध ईरानी ठहरे थे।
गुलाबी दुपट्टे का रहस्य
घटना स्थल वाले जगह से एक जला हुआ गुलाबी दुप्पटा मिला है। जांच एजेंसियां इस दुप्पटे के मिलने के बाद अब यह जांच कर रही है कि आखिर यह किस युवती का है या फिर जिस भी शख्स ने इस धमाके में इसका इस्तेमाल किया है वह कहीं पुलिस का ध्यान भटकाने की कोशिश तो नहीं कर रहा है।
ओला-उबर चालक और सवारियों से होगी पूछताछ
अब पूरे मामले में यह बात सामने आ रही है कि एपीजे अब्दुल कलाम सड़क से गुजरने वाले सभी ओला-उबर चालक और सवारियों से पूछताछ की जाएगी। यह जांच सिर्फ शाम में तीन बजे से छह बजे तक के बीच से गुजरने वालों की ही होगी।
जांच में सारे तथ्य और सीसीटीवी फुटेज बन रहे अहम
पूरे मामले में इजरायली दूतावास ने बताया कि हम जांच में सारे तथ्य और सीसीटीवी फुटेज को संभाल कर रख रहे हैं। हम इस मामले में भारतीय अधिकारियों को जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। सारी सूचनाओं का आदान-प्रदान चल रहा है। दूतावास की ओर से यह भी बताया गया है कि पश्चिम एशिया में यह शांति को खत्म करने वाले अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं होंगे। हमारा शांति का प्रयास जारी रहेगा।
क्या कहा इजरायल के राजदूत ने
भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मलका ने कहा कि उनके पास यह मानने के लिए पर्याप्त कारण हैं कि यह एक आतंकवादी हमला था लेकिन वे इस हमले को लेकर हैरान नहीं हैं क्योंकि पिछले कुछ सप्ताह से सतर्कता काफी बढ़ाई हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर जांच की जा रही है, जिसमें हमारे राजनयिकों पर यहां 2012 में हुए हमले से तथा दुनियाभर में हो रहे घटनाक्रम से कोई संबंध होने की संभावना शामिल हैं।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या हमले का उद्देश्य विभिन्न अरब देशों के साथ इजरायल के शांति प्रयासों को पटरी से उतारना था, उन्होंने कहा, ‘‘ ये हमले क्षेत्र (पश्चिम एशिया) में विध्वंस करने की साजिश है, जो हमें भयभीत नहीं कर सकते या रोक नहीं सकते, हमारे शांति प्रयास जारी रहेंगे।’’उन्होंने कहा कि इजरायल के अधिकारी हमले की जांच कर रहे भारतीय अधिकारियों को सभी सहायता, जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के अति सुरक्षित लुटियंस जोन इलाके की डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार शाम बम एक धमाका हुआ था। इस के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। हालांकि इस धमाके में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन दूतावास के सामने खड़ी पांच गाड़ियों के शीशे टूट गए। इस वारदात को भारत-इजरायल कूटनीतिक रिश्तों की 29वीं सालगिरह पर अंजाम दिया गया।
टीम स्टेट टुडे
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