लखनऊ, 04 जनवरी 2023 : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सरकार को राहत मिली है। इसके साथ ही योगी सरकार को एक एडवांटेज भी प्राप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी पर बुधवार को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त किया है, जिसमें हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को 31 जनवरी से पहले निकाय चुनाव आयोजित करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इसी आदेश को चुनौती देते हुए यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता तुषार मेहता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए पैनल को यह 31 मार्च से पहले निकाय चुनाव के लिए ओबीसी कोटे से जुड़े मुद्दे पर विचार प्रस्तुत करना होगा।
योगी सरकार को मिला 3 महीने का एडवांटेज
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह अनुमति दी है कि मौजूदा निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद अपनी ओर से प्रशासकों की नियुक्ति कर सकती है। हालांकि, इस स्थिति में प्रशासक को बड़े नीतिगत निर्णय लेने की अनुमति नहीं होगी।
यहां समझें क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीते 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी निकाय चुनाव करवाने के अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य सरकार की अधिसूचना के विरुद्ध यह आरोप लगाया गया कि चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और ट्रिपल टेस्ट के फार्मूले को लागू नहीं किया गया है।
इसके बाद हाईकोर्ट ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया और 31 जनवरी से पहले चुनाव करवाने का निर्देश दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति दी थी।
चुनौती के साथ आयोग का गठन
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के साथ ही राज्य सरकार ने एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट फार्मूले को लागू कर ओबीसी आरक्षण देने के लिए आयोग का यह पैनल 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। ऐसे में हाई कोर्ट के आदेशानुसार 31 जनवरी से पहले चुनाव नहीं करवा पाना राज्य सरकार के लिए मुश्किल हो गया। इस समस्या से बचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।
मुख्यमंत्री योगी ने जताया धन्यवाद
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने टि्वटर पर लिखते हुए कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दिए गए आदेश का हम स्वागत करते हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।’
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