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Pagoda Park भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शा रहा शिवालय पार्क



भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शा रहा शिवालय पार्क


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवालय पार्क का किया निरीक्षण


नैनी के अरैल में 14 करोड़ रुपए की लागत से 11 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है शिवालय पार्क


पार्क में कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम देखने को मिलेगा


प्रयागराज, 7 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज नगर निगम द्वारा नैनी के अरैल में बनवाए जा रहे शिवालय पार्क का निरीक्षण किया। पार्क का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। शिवालय पार्क महादेव को समर्पित एक भव्य स्थल है, जो भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शाता है। 11 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह पार्क विविधताओं से भरपूर है, जिसमें कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम देखने को मिलेगा। महाकुम्भ की शोभा को बढ़ाने हेतु निर्माणाधीन इस पार्क का निर्माण 14 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।


निर्माण कार्य में वेस्ट मटीरियल का किया जा रहा उपयोग

शिवालय पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें सभी प्रमुख मंदिर उनके मूल स्थानों पर ही बनाए गए हैं, ताकि आगन्तुक तीर्थ यात्रा का अनुभव कर सकें। पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है। बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है। इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी बनाया जा रहा है । शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे खास बात है कि इसमें अधिकतर वेस्ट मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है। इसके निर्माण कार्य में जुटी कंपनी जेड टेक इंडिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख रखाव की जिम्मेदारी रहेगी।



इन मंदिरों का प्रतिरूप करवाया जा रहा है तैयार

सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)

मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)

महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)

ओकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)

बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)

भीमाशंकर मंदिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र)

रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)

नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)

काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)

त्र्यंबकेश्वर मंदिर। नासिक, महाराष्ट्र

केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)


महत्वपूर्ण शिव मंदिर

बैजनाथ मंदिर - बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश

पशुपतिनाथ मंदिर - काठमांडू, नेपाल

लिंगराज मंदिर - भुवनेश्वर, ओडिशा

वीरभद्र मंदिर - लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश

शोर मंदिर - महाबलीपुरम, तमिलनाडु


 

सीएम योगी ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ क्षेत्र में किया 25,000 बेड के सार्वजनिक आश्रय स्थल की शुरुआत



- आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे 250 बेड की क्षमता वाले सभी 100 सार्वजनिक आश्रय स्थल


- श्रद्धालुओं के लिए बेहद सस्ता और सुलभ होगा सार्वजनित आश्रय स्थल


- सीएम योगी ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का भी किया उद्घाटन



- स्वच्छ, सुरक्षित और सुलभ महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार


प्रयागराज, 7 दिसंबर। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए हरसंभव प्रयास कर रही है। योगी सरकार सर्दी के कठोर मौसम में श्रद्धालुओं के ठहराव और उनकी सुरक्षा के लिए का पूरा ध्यान रख रही है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेला क्षेत्र में 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, इसके साथ ही, महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की भी शुरुआत की गई।


सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। परंपरागत रूप से तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों या परिसंचरण क्षेत्रों में समय बिताते हैं, जिससे सर्द मौसम में उनके लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है।


आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं सभी आश्रय स्थल

महाकुंभ के लिए तैयार किए गए सार्वजनिक आश्रय स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इनमें प्रत्येक आश्रय स्थल पर 250 बेड की क्षमता होगी। बेड के साथ गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध कराई जाएंगी। पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की व्यवस्था की गई है। इन आश्रय स्थलों में नियमित सफाई, जिसमें चादरों का परिवर्तन शामिल है, सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल और चौबीस घंटे (24x7) सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। इन सुविधाओं का उपयोग श्रद्धालु नाममात्र शुल्क पर कर सकेंगे, जिससे महाकुंभ में सभी वर्गों के लोगों को ठहरने का विकल्प मिलेगा।


श्रद्धालुओं के लिए बेहद सस्ता और सुलभ होगा सार्वजनिक आश्रय स्थल

सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई है। सामान्य दिनों में, श्रद्धालुओं को पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा। मुख्य स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में, यह शुल्क पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के ठहराव के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये होगा। श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (UPI) से भुगतान कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट जारी किया जाएगा।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए है, जो होटल, गेस्ट हाउस या निजी शिविर का खर्च नहीं उठा सकते। इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों से न केवल उनकी यात्रा किफायती बनेगी, बल्कि वे सर्द मौसम में आराम और सुरक्षा का अनुभव भी कर सकेंगे।


सीएम योगी ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जिससे श्रद्धालुओं की गुमशुदगी संबंधी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सके। इस पहल से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और संगठित अनुभव मिलेगा।


महाकुंभ 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारतवर्ष की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करेगा। यह पहल सर्दी के कठोर मौसम में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुकूनदायक और यादगार अनुभव प्रदान करेगी।


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नंदी' जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर समेत, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।


 

संत समाज से है महाकुम्भ की भव्यता-दिव्यता, सरकार और प्रशासन आयोजन के सहयोगी: मुख्यमंत्री



संतगणों की भावनाओं का पूरा सम्मान, हर आशा-अपेक्षा और आवश्यकता को पूरा करने का है प्रयास: मुख्यमंत्री


प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री ने संत-समाज को दिया आमंत्रण


महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है: मुख्यमंत्री

अखाड़ों, संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने अपनी अपेक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, व्यवस्थाओं से संतुष्ट, सुविधाओं में बढ़ोतरी का अनुरोध

महाकुम्भ से पूर्व सभी अखाड़ों, विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद


प्रयागराज, 07 दिसंबर:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है, सरकार और प्रशासन तो बस आयोजन की सहयोगी है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक पटल पर यदि सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है तो यह संतों की कृपा से ही हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है। इसलिए इस बार भी पूज्य संतगण मेला प्रशासन के अधिकारियों को अपना मार्गदर्शन प्रदान करते रहें।


शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संत समाज के साथ संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। प्रयागराज के एक दिनी दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने संत समाज का आह्वान करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी जी का प्रयागराज आगमन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री जी संगम पूजन करेंगे, साथ ही स्वच्छ-सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे। इस विशेष अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की गौरवपूर्ण उपस्थिति प्रार्थनीय है। संत समाज ने समवेत स्वर से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए अपनी सहमति जताई।


संतों के साथ महाकुम्भ की तैयारियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष गंगा जी का पानी देर से उतरने के कारण कुछ कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन संत समाज की हर जिज्ञासा, हर अपेक्षा को पूरा करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुम्भ-2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा। संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज पूरी दुनिया अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन कर रही है।


संगम तट पर मुख्यमंत्री के साथ आयोजित संवाद में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्मध्वज के रक्षक हैं। उनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। संतों ने कहा कि योगी जी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुम्भ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं/सुझावों को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। साधु-संतों, आचार्यों के लिए यह अवसर संतोषप्रद है। संत गणों ने महा कुम्भ-2025 की तैयारियों पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र में चल रही तैयारियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुम्भ-2025 प्रयागराज में पूर्व में हुए सभी कुम्भ/महाकुम्भ से भव्य एवं दिव्य होगा। संत समाज ने भूमि आवंटन, शिविर के लोकेशन, धूल, जाम, स्वच्छता, घाटों के नामकरण, सहायता राशि आदि के संबंध में अपनी-अपनी जिज्ञासाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने यथोचित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला महाकुम्भ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा। समूचा संत समाज इसमें अपना योगदान करने को आतुर है।


 

तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए ‘स्मार्ट प्रयागराज तैयार: मुख्यमंत्री योगी


दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुम्भ -2025 के दृष्टिगत चल रही सौंदर्यीकरण एवं अन्य परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण


पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री ने जताया संतोष, बाकी परियोजनाओं को 10 दिसंबर तक हर हाल में पूर्ण करने का दिया निर्देश


मुख्यमंत्री योगी ने अरैल बंधा रोड, त्रिवेणी पुष्प, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट और शिवालय पार्क का किया स्थलीय निरीक्षण


प्रयागराज, 7 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से छः दिन पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलों से उद्घाटन होने वाली और दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुम्भ -2025 के दृष्टिगत चल रही सौंदर्यीकरण एवं अन्य परियोजनाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त किया और बची हुई परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से हर हाल में 10 दिसंबर तक पूरा करने का अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री योगी सर्किट हाउस से सीधे अरैल बंधा रोड पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए ‘स्मार्ट प्रयागराज तैयार है। मुख्यमंत्री योगी ने 13 दिसंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के दौरे के दृष्टिगत महाकुम्भनगर एवं प्रयागराज को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप सजाने का निर्देश दिया।


वहां से मुख्यमंत्री योगी ने त्रिवेणी पुष्प का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने त्रिवेणी पुष्प में बने योग एवं सांस्कृतिक केंद्र को देखा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी को त्रिवेणी पुष्प के कायाकल्प के कार्यों की गुणवत्ता के विषय में जानकारी दी, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ- 2025 प्रयाग ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश के लिए भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परम्परा को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने का एक अवसर है।


इसके बाद मुख्यमंत्री नैनी स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे, जहां उन्होंने प्लांट की चल रही टैपिंग के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कोई भी ड्रेनेज और सीवर गंगा और यमुना जी में न गिरने पाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सभी नालों को टैपिंग समय पर कर लें। महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री अविरल एवं निर्मल गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने के साथ आचमन कर पाएं, इसके लिए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है।


ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने बाद मुख्यमंत्री योगी ने शिवालय पार्क का स्थलीय निरीक्षण किया। 40 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इस पार्क में भारत के सभी प्राचीन शिव मंदिरों को दर्शाया गया है। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस पार्क में सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक परम्परा को दर्शाया गया है, महाकुम्भ में दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह पार्क आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके दृष्टिगत इसकी स्वच्छता और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर समेत मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।


 

महाकुंभ-2025


संत बोले- सीएम हैं हमारे अभिभावक, सब मिलकर भव्य और दिव्य महाकुम्भ को उतारेंगे धरातल पर


सीएम योगी के साथ संवाद कर पूरी तरह संतुष्ट नजर आए साधु और संत


संत बोले- सार्थक रही चर्चा, महाकुम्भ में प्रशासन के साथ मिलकर करेंगे काम


प्रयागराज, 7 दिसंबर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रयागराज महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करने प्रयागराज पहुंचे। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके 13 अखाड़ों के संतों के साथ बैठक की। सीएम के साथ संवाद से अखाड़े प्रफुल्लित दिखे। चर्चा खत्म होने के बाद संतों ने संतुष्टि जताते हुए स्पष्ट किया कि सीएम योगी हमारे अभिभावक हैं और अब हम सब मिलकर इस महाकुम्भ को भव्य और दिव्य बनाने पर पूरा जोर लगाएंगे।


संपूर्ण संत समाज सीएम के साथ: जमुना पुरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने अखाड़ों के साधु संतों के साथ बैठक की। सीएम संतों के बीच 40 मिनट तक रहे, जहां संतों ने इत्मीनान से अपनी बातें रखीं। बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी ने कहा कि महाकुंभ हमारा है, मेला हमारा है, इसलिए हम सब मिलकर महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाएंगे। सीएम हमारे अभिभावक है और उनके साथ संपूर्ण संत समाज है।


प्रशासन के साथ मिलकर महाकुम्भ को और दिव्य बनाएंगे संत

मुख्यमंत्री के साथ अखाड़ों के इस संवाद में 13 अखाड़ों के दो दो प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने अपनी बात सीएम के सामने रखी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि बैठक बहुत सार्थक रही। योगी जी ने सभी अखाड़ों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुना। सभी संतो ने योगी जी को भरोसा दिलाया हैं कि सब लोग मिलकर इस महाकुंभ को और बेहतर बनाएंगे। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के श्री महंत दुर्गा दास का कहना है कि संन्यासी शैव अखाड़े के साथ दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा और खाकचौक के संतों की मौजूदगी में सीएम ने कहा हैं कि महाकुंभ की तैयारियों की मॉनिटरिंग वह खुद करेंगे।


 

'ब्रांड प्रयागराज' को 'ग्लोबल' बनाने का बड़ा अवसर है महाकुम्भ 2025: मुख्यमंत्री


महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और जनता से सहयोग का किया आह्वान


मुख्यमंत्री ने की प्रयागराज के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों की समीक्षा भी की


बोले मुख्यमंत्री, इस बार का कुम्भ भव्य-दिव्य और डिजिटल होगा, 13 को प्रयागराज में होगा प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक अभिनंदन


प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व 10-12 दिसंबर तक प्रयागराज में चलेगा विशेष स्वच्छता अभियान


प्रधानमंत्री की जनसभा में व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करें जनप्रतिनिधि: मुख्यमंत्री


प्रयागराज, 07 दिसंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 'प्रयागराज महाकुम्भ-2025 'ब्रांड प्रयागराज' को 'ग्लोबल' बनाने का बड़ा अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि कुम्भ 2019 ने पूरी दुनिया में प्रयागराज की अच्छी छवि बनाई है। अब एक बार फिर अवसर आया है। पूरी दुनिया से लोग प्रयागराज आने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए महाकुम्भ यहां के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रयागराजवासियों के लिए भी 'अतिथि देवो भवः' का भाव प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच है। प्रयागराज को इसका लाभ उठाना चाहिए।


शनिवार को प्रयागराज में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस बार अभूतपूर्व 'दिव्य-भव्य-डिजिटल' महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। 12 वर्ष के अंतराल के उपरांत इस वर्ष आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुम्भ अब तक के सभी कुम्भ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। मानवता की यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश और लोक आस्था का साक्षात्कार कराएगी। महाकुम्भ के सफल आयोजन के दृष्टिगत प्रयागराज के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण होगा। आगामी 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयागराज आगमन पर ऐतिहासिक अभिनंदन होगा।


स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की जनसभा में बड़ी संख्या में आमजन की भागीदारी होगी, ऐसे में सभी जनप्रतिनिधियों को व्यवस्था बनाने में सहयोग करना होगा। जो लोग आएं, वह कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं, इसमें सभी लोग स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री जी के आगमन से पूर्व 10 से 12 दिसंबर तक पूरे प्रयागराज में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। सभी जनप्रतिनिधि स्वयं इसमें रुचि लेकर आमजन को सहभागिता के लिए प्रोत्साहित करें।


उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 'प्रयागराज' की ब्रांडिंग के लिए सबसे उत्तम अवसर है। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वह यहां आने वाले अधिकाधिक तीर्थयात्रियों/पर्यटकों से भेंट करने का प्रयास करें और उन्हें प्रयागराज की पौराणिकता, ऐतिहासिकता और आधुनिक युग में प्रयाग की महत्ता से परिचित कराएं। स्वाधीनता संग्राम में प्रयागराज की भूमिका के बारे में चर्चा करें। 2019 के कुम्भ और फिर इस बार के भव्य-दिव्य-डिजिटल महाकुम्भ की स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था से अवगत कराएं।


मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के सफल आयोजन के लिए प्रयागराज के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता से सहयोग का भी आह्वान किया।

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