पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। अब इसे लागू करने के प्लान का ऐलान भी कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह के साथ निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह ने पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया लागू होने की जानकारी दी।
प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछले पांच चुनावों के आरक्षण का ध्यान में रखते हुए आरक्षित पद निर्धारित किए जाएंगे।
सूबे में जो सीटें कभी भी आरक्षित नहीं रहीं सर्वप्रथम उनको आरक्षित किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में दो जिला पंचायतें ऐसी है जो कभी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुई है। उनको अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया जाएगा।
यह भी देखा जाएगा कि कोई ऐसा पद जो कभी ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ वह ओबीसी के लिए आरक्षित होगा।
जो पद जिस वर्ग में आरक्षित था इस बार वह पद उस वर्ग में आरक्षित नहीं होगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विभाग पंचायत चुनाव की तैयारी में लगा है। परिसीमन का काम समाप्त होने के बाद आरक्षण प्रक्रिया पर काम किया गया। उन्होंने कहा कि जहां पर भी पहले आरक्षण लागू था, वहां पर इस बार वह स्थिति नहीं होगी।
प्रदेश में 2015 में आरक्षण की जो स्थिति थी वह 2021 में नहीं होगी। पिछले पांच चुनावों के वह पद किसके लिए आरक्षित था। उसका संज्ञान लिया जाएगा। इसके साथ ही छह दिन में यानी दो से लेकर आठ मार्च तक आपत्ति आरक्षण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।
इस बार आरक्षण करने के पहले जो पदों का स्थानों का आवंटन का आरक्षण नियमावली 1994 है। सबसे पहले शेड्यूल टाइप महिला शेड्यूल टाइप से शेड्यूल कास्ट महिला से शेड्यूल कास्ट का ओबीसी अनारक्षित ब्लॉक प्रमुखों के पांच पद आरक्षित होते हैं। शेड्यूल कास्ट के लिए 5 में 4 महिलाओं के लिए कुशीनगर, देवरिया, बलिया तथा सोनभद्र के आरक्षण होंगे।
कोई भी ऐसा पद जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं किया गया है, वह शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित होगा। जैसे जिला पंचायत का कोई अध्यक्ष पद नहीं आरक्षित रहा है वह आरक्षित हो सकता है।
इसी तरह यह देखा जाएगा कि कोई ऐसा पर जो ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ है। वह ओबीसी के लिए आरक्षित होगा फिर इसी तरह महिला को भी देखा जाएगा और इसी तरह से क्रम में आरक्षित किया जाएंगे।
प्रदेश में 826 ब्लॉकों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षित होगा यह राज्य स्तर पर जारी होंगी एवं जिला पंचायतों के आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी।
11 से लेकर 15 मार्च के बीच में जिला पंचायतों के आरक्षण 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। यह अनुसूचित जाति के लिए होगा।
जिलाधिकारी ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर के आरक्षण प्रणाली तय करेंगे।
जो पद शेड्यूल कास्ट या फिर शेड्यूल कास्ट महिला के लिए हैं वह अनारक्षित व ओबीसी हो सकते हैं।
प्रदेश में दो जिला पंचायत ऐसी थी जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए नहीं आरक्षित हुई एवं सात ऐसी जिला पंचायत की जो महिलाओं के लिए नहीं हुई।
टीम स्टेट टुडे
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