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लखनऊ, 8 अप्रैल 2023 : कोरोना के बढ़ रहे रोगियों को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में आ रहे ऐसे लोग जिन्हें सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में दिक्कत है, ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनकी 24 घंटे के भीतर कोरोना जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
विदेश यात्रा से वापस लौट रहे लोगों की अनिवार्य रूप से कोरोना जांच कराई जाएगी। शुक्रवार को सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रविन्द्र की ओर से सभी जिलों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। सभी जिलों की लैब से कोरोना संक्रमित लोगों के सैंपल का जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के लिए केजीएमयू भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलों में बने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को फिर से सक्रिय करने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्विलांस के लिए टीमें गठित करने, जिले व ब्लाक स्तर पर बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) और आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्राम निगरानी समिति को फिर से ट्रेनिंग दिलाई जाए। यह लक्षण युक्त लोगों को मेडिकल किट का वितरण करेंगी।
आरआरटी में एक चिकित्सक अनिवार्य रूप से शामिल हो और कोरोना संक्रमित मरीज के घर का भ्रमण कर उसके संपर्क में आए लोगों की 24 घंटे के भीतर जांच कराना सुनिश्चित किया जाए। संपर्क में आए ऐसे लोग जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं, उन्हें भी सतर्क किया जाए। लक्षण उत्पन्न होते ही कोरोना की जांच के लिए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से मदद लें।
जिलों में जरूरत के अनुसार कोविड-19 अस्पताल सक्रिए किए जाएं। उनमें वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर व आक्सीजन प्लांट सक्रिय हों और दवाओं का पर्याप्त इंतजाम किया जाए। कोविड अस्पतालों में डाक्टर व पैरामेडिकल कर्मियों की तैनाती की जाए। कोरोना जांच के लिए एयरपोर्ट, रेलवे व बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जाए। लोगों को मास्क लगाने व दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए और इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। फिलहाल जिलों को कोरोना से बचाव के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
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