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पीएम मोदी ने सराहा यूपी में कोरोना के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी के प्रयास,अनाथ बच्चे राज्य की संपत्ति



जैसे जैसे वक्त गुजर रहा है कोरोना वायरस का प्रकोप कमजोर पड़ रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के लोगों का विश्वास भी लौट रहा है। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में जिस कदर कोरोना का कहर बरपा आमजन निराशा के गहरे गर्त में चले गए। यूपी के मुख्यमंत्री जब संक्रमण का शिकार हुए तो व्यवस्थाएं रसातल में चली गईं। बीमारी के दौरान वर्चुअल बैठकों के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो कर पाए वो किया लेकिन ठीक होते ही प्रदेश की चरमराती व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने में रात दिन एक कर दिया।


राजधानी समेत प्रदेश मे कोरोना का ग्राफ गिर रहा है। सरकार के कोविड प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग पहले ही कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर संतोष जताया है। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ ही प्रधानमंत्री ने पूरे उत्तर प्रदेश की स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा दी गई रिपोर्ट से संतुष्ट होकर उन्होंने यूं ही काम करते रहने के लिए प्रेरित किया।


प्रधानमंत्री मोदी ने वीसी के जरिए प्रदेश मुख्य सचिव और वाराणसी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से वहां की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव के अनुसार उन्होंने पीएम को वाराणसी में कोरोना नियंत्रण की विस्तृत रिपोर्ट देने के साथ ही प्रदेश में कोविड प्रबंधन के तहत किए जा रहे काम की जानकारी दी।


प्रधानमंत्री को बताया गया है कि अब यूपी की संक्रमण दर 3.2 फीसद रह गई है, जबकि रिकवरी दर बढ़कर 90 फीसद से अधिक हो गई है। सरकार गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए गांव-गांव सर्वे करा रही है। ग्रामीणों की जांच कराई जा रही है। हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी लगातार जिले और वहां के गांवों का दौरा कर भौतिक जायजा ले रहे हैं। इन सारे प्रयासों की प्रधानमंत्री ने सराहना की। सुधार की स्थिति पर संतोष जताया और अधिकारियों को इसी तरह काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।


महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति


बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए गठित की गई टीम 9 के साथ हुई बैठक में संक्रमण के चलते अनाथ और निराश्रित हुए बच्चों को लेकर एक अहम फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच प्रदेश के भीतर अनाथ अथवा निराश्रित हुए बच्चे अब राज्य की संपत्ति हैं, उनका ध्यान रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी जिम्मेदारियां निभाई जाएंगी। कोविड के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हुआ है, उन बच्चों के भरण-पोषण समेत सभी जिम्मेदारियां और सुविधाएं राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए सीएम योगी ने महिला एवं बाल विकास विभाग को तत्काल प्रभाव से विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।


टीम स्टेट टुडे



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