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वैक्सीन है,लग रही है, लगती रहेगी, अफवाहों पर मत जाइये– पीएम मोदी ने कहा तेज होगा टेस्टिंग और टीकाकरण



कोरोना वारियर्स के वैक्सीन लगने के बाद दूसरे चरण में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के वैक्सीनेशन और फिर 31 मार्च तक 45 की उम्र पार वालों के पास पर्याप्त मौका था जब वो वैक्सीनेशन सेंटर पर जाते और सहजता से वैक्सीन लगवा कर चले आते। बहुत सारे लोगों ने ऐसा किया भी। तब ना तो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप था और ना ही सेंटर्स पर भीड़ भाड़। सीधे शब्दों में कहा जाए तो ऐसे लोगों ने सरकार पर भरोसा किया और अपने साथ साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित किया।


इसी दौर में देश के कई नेताओं ने ना सिर्फ जनता को गुमराह किया बल्कि हर तरह के मीडिया का इस्तेमाल करते हुए अफवाहों का खूब प्रचार किया।


अफवाहें जो चल रही हैं

  • बीजेपी की वैक्सीन मत लगवाइये

  • वैक्सीन लगवाने वालों की ही जान जा रही है

  • वैक्सीन अभी अंडर ट्रायल है

  • वैक्सीन खत्म हो गई अब नहीं लगेगी

  • वैक्सीन का स्लॉट नहीं मिल रहा


ऐसी बहुत सारी लाइनें हैं जो वैक्सीन का भ्रामक प्रचार आम जनता के बीच कर रही हैं। एक नेता ने अपनी सरकार बनने पर वैक्सीनेशन की बात कही तो एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं ने सब के टीकाकरण की मांग कर डाली। सरकार ने जब 18 साल से ऊपर सभी के टीकाकरण को हरी झंडी दे दी तो वैक्सीन की कमी का गुब्बारा फुला दिया गया।


ये सच है कि भारत समेत दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनियां रातोंरात दुनिया के हर इंसान के लिए वैक्सीन नहीं बना सकतीं। ये काम चरणबद्ध तरीके से ही पूरा होगा। इस दौरान बहुत सारे जरुरतमंद देशों की मदद करना भी सरकारों का फर्ज होता है। जैसे अभी दुनिया के देश कोरोना की दूसरी लहर में भारत के साथ आ खड़े हुए उसी प्रकार भारत ने भी वैक्सीन की डोज़ तैयार करने के बाद कई देशों की मदद की।


अभी स्थिति ये है कि वैक्सीनेशन को लेकर अगर शहरों में मारामारी की स्थिति दिखाई जा रही है जो दरअसल नहीं है तो दूसरी तरफ भोले भाले ग्रामीणों को ये समझा दिया गया है कि वैक्सीन लगवाने से आदमी तुरंत मर रहा है। इसी लिए ग्रामीण इलाकों में इस बार संकट बढ़ा हुआ है क्योंकि बिना दवा इलाज के ग्रामीण घबरा कर अपनी जान छोड़ रहा है।


इस बीच तमाम प्रयासों के चलते कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर कुछ ब्रेक लगा है। कोविड टीकाकरण अभियान तेज करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता अगले महीने से बढ़ जाएगी। ।



कैसा है वैक्सीनेशन का रोडमैप


केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगस्त से दिसंबर के बीच देशभर में 200 करोड़ वैक्सीन की डोज उपलब्ध होंगी, जिससे 18 से 44 साल वाले आयु वर्ग के लोगों को तेजी से टीकाकरण किा जा सकेगा। साथ ही सरकार ने कहा कि इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा। दिसंबर तक पूरी वयस्क आबादी (करीब 94 करोड़) का टीकाकरण का लक्ष्य है।


अभी तक हर दिन लगीं 15 लाख डोज


  • भारत में 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हुआ।

  • 16 जनवरी से चल रहे टीकाकरण अभियान को 15 मई 2021 को चार महीने यानी 120 दिन पूर हो गए।

  • इन 120 दिनों में भारत में अब तक करीब 18 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई है।

  • औसतन एक दिन में भारत ने 15 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ।

  • देश में अनुमानित वयस्क आबादी करीब 94 करोड़ है।

  • इस आबादी का टीकाकरण करने के लिए 188 करोड़ वैक्सीन की डोज की जरूरत होगी।

  • वयस्क आबादी को वैक्सीन लगाने के लिए साल के बाकी 231 दिनों में 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी।

  • अगर सप्ताह के सातों दिन जोड़ लिए जाए, तो हर दिन करीब 73.6 लाख खुराकें लगानी होंगी।

  • यानी मौजूदा रफ्तार के हिसाब से करीब पांच गुना ज्यादा वैक्सीन की डोज रोजाना लगानी होंगी।

  • देश में हर दिन 90 लाख डोज लगाई जाएंगी।

  • अबतक किसी देश ने एक दिन में इसकी आधी डोज भी नहीं लगाई हैं।

  • भारत के नाम ही एक दिन में सबसे ज्यादा डोज लगाने का रिकॉर्ड है, जो उसने 5 अप्रैल को बनाया था, तब एक दिन में 41.6 लाख डोज लगाई गई थीं।

  • चुनौती सिर्फ सप्लाई की नहीं है, इसके लिए टीकाकरण केंद्रों की संख्या और मैनपावर भी कई गुना बढ़ाना होगा।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई-लेविल मीटिंग में दिए महत्वपूर्ण निर्देश


देश में कोरोना का कहर जारी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 3890 लोगों की मौत हो गई। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण अभियान को लेकर चर्चा की गई।


इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न मंत्रालय भी शामिल हुए। बैठक में पीएम मोदी ने गांवों में घर-घर जाकर सर्वे और टेस्ट कराने के लिए कहा। इसके अलावा वेंटिलेटर के इस्तेमाल ना होने की खबरों पर नाराजगी जताई। इस बैठक में मौजूद अधिकारियो ने उन्हें बताया कि देश में कोरोना टेस्ट की रफ्तार तेज कर दी गई है। मार्च महीने में एक हफ्ते में 50 लाख कोरोना टेस्ट होते थे, जो अब बढ़कर 1.3 करोड़ प्रति सप्ताह होने लगे हैं।



इसके अलावा अधिकारियों ने पीएम मोदी को घटती पॉजिटिविटी दर और बढ़ती रिकवरी दर की भी जानकारी दी। इस बैठक में यह चर्चा की गई कि स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप अब कोरोना के दैनिक मामले कम हो रहे हैं।


इसके अलावा बैठक में अधिकारियों की ओर से राज्य और जिला स्तर की स्थिति, परीक्षण, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, टीकाकरण रोडमैप पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि ज्यादा संक्रमण दर वाले इलाके में कोविड-19 की जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है।


टीम स्टेट टुडे



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