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क्या कहते कहते मोदी राज्यसभा में हो गए भावुक? क्यों निकले गुलाम नबी आजाद के आंसू!



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोलते बोलते भावुक हो गए। सबसे दिलचस्प बात ये है कि वो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के लिए बोल रहे थे। पीएम ने मंगलवार को 4 सांसदों की विदाई पर राज्य सभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी भावुक हो गए और सांसदों की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद का किस्सा सुनाया, जब उन्होंने रोते हुए पीएम मोदी को फोन किया था।


पीएम मोदी ने सुनाया पुराना किस्सा


पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान एक पुराना किस्सा सुनाया और कहा, 'गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।



इस घटना का जिक्र आने के बाद खुद गुलाम नबी ने उस किस्से को सुनाया और भावुक हो गए। गुलाम नबी आजाद ने बताया कि साल 2007 में जब वे जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री थे। तब कुछ पर्यटकों पर एक आतंकी हमला हो गया। जिसमें कुछ बच्चों की जान भी चली गई। उनमें कुछ बच्चे गुजरात के भी थे। जब उन बच्चों के शव जम्मू-कश्मीर से गुजरात राज्य भेजे जा रहे थे तो गुलाम नबी आजाद उनसे मिलने हवाई अड्डे पहुंचे, उन्हें देखते ही पीड़ित परिवार फूट-फूटकर रोने लगे। आसपास के माहौल को देखकर गुलाम नबी आजाद भी रोने लगे। रोते-रोते गुलाम नबी आजाद पीड़ित परिवार फूट-फूटकर रोने लगे। आसपास के माहौल को देखकर गुलाम नबी आजाद भी रोने लगे। रोते-रोते गुलाम नबी आजाद पीड़ित परिवारों से माफ़ी मांगने लगे।


इस घटना की वीडियो भी अब समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी कर दी गई है। इस वीडियो में देखा जा सकता है किस तरह गुलाम नबी आजाद के आसपास कई बच्चे और महिला रो रही हैं जिन्हें देखकर गुलाम नबी आजाद की आंखों से भी आसूं निकलने लगते हैं।



बागवानी करना गुलाम नबी आजाद का जुनून


पीएम ने कहा, मैं गुलाम नबी आजाद को वर्षों से जानता हूं। हम एक साथ मुख्यमंत्री थे। मैंने सीएम बनने से पहले भी बातचीत की थी, जब आजाद साहब सक्रिय राजनीति में थे। उनके एक जुनून के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, वो है बागवानी। उन्होंने आगे कहा, 'मैं आजाद के प्रयासों और प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा, जब गुजरात के लोग कश्मीर में हुए आतंकी हमले के कारण फंस गए। गुलाम नबी जी लगातार इसकी निगरानी कर रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।


गुलाम नबी के जाने से पीएम चिंतित


पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्य सभा में कहा, 'मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।



गुलाम नबी जी का सम्मान करता हूं: पीएम मोदी


पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा, 'मैं अपने अनुभवों और स्थितियों के आधार पर गुलाम नबी आजाद जी का सम्मान करता हूं। मुझे यकीन है कि उनकी दया, शांति और राष्ट्र के लिए काम करने का उनका अभियान हमेशा चलता रहेगा। वह हमेशा जो कुछ भी करते हैं, उनके मूल्यों में वह जुड़ जाता है।


पीएम मोदी ने चारों सांसदों को कहा धन्यवाद


पीएम मोदी ने कहा, 'गुलाम नबी आजाद जी, शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी और नादिर अहमद जी, मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और आपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।


शमशेर सिंह के साथ स्कूटर पर की थी यात्रा


पीएम मोदी ने कहा, 'शमशेर सिंह मन्हास के बारे में.... मैं कहां से शुरू करूं। मैंने उनके साथ सालों तक काम किया है। हमने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते हुए स्कूटर पर यात्रा की है। सदन में उनकी उपस्थिति का रिकॉर्ड सराहनीय है। वह सांसद थे, जब जम्मू-कश्मीर से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।


टीम स्टेट टुडे



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