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राष्ट्रपति पद के चुनाव में यूपी से भी क्रास वोटिंग, मुर्मू को 282 की जगह मिले 287 वोट


नई दिल्ली, 22 जुलाई 2022 : राष्ट्रपति पद के चुनाव में उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के संयुक्‍त प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को अपने कुछ सहयोगियों का भी वोट नहीं मिला है। लगता है एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों के साथ कांग्रेस के भी विधायकों ने वोट किया है। संख्या बल के हिसाब से द्रौपदी मुर्मू को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पांच सहित 282 वोट मिलने थे, लेकिन उनको 287 वोट मिले थे। विपक्ष के बिखर जाने के बाद भी यशवंत सिन्हा को 119 वोट की आस थी, लेकिन उनके आठ वोट में सेंध लग गई।

उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के विधायक भी राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित द्रौपदी मुर्मू की सादगी के कायल हो गए। उनके पक्ष में विपक्ष में क्रास वोटिंग की गई है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा को उत्तर प्रदेश से 111 वोट मिले हैं। ओम प्रकाश राजभर के छह वोट अलग होने के बाद भी उनको यहां से 121 वोट मिलने चाहिए थे। इनमें 111 सपा के, आठ राष्ट्रीय लोकदल के तथा दो कांग्रेस के वोट थे। इसके विपरीत उनको 111 वोट ही मिले हैं। सपा के एक विधायक ने वोट नहीं डाला था। एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को उत्तर प्रदेश से 287 वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश के तीन विधायकों के मत अवैध भी हो गए हैं। दो विधायकों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया था। इनमें एक विधायक सपा तथा एक सुभासपा के हैं।

ओम प्रकाश राजभर के अलग होने के बाद विपक्ष के पास 121 वोट थे। विपक्ष के 121 वोटों में यशवंत सिन्हा को सिर्फ 111 वोट मिले। ऐसा माना जा रहा है कि विपक्ष के कम से कम सात से दस विधायकों ने क्रॉस वोट किया है। इसमें राष्ट्रीय लोकदल के आठ वोट की स्थिति स्पष्ट नहीं है। समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के पास विपक्ष में दो वोट थे।

उत्तर प्रदेश में जिस विपक्षी एकजुटता के बूते पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में भाजपा का विजय रथ रोकने का असफल प्रयास किया, वह लोकसभा चुनाव के पहले बिखरना शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी विधायक शिवपाल ङ्क्षसह यादव व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की खुली बगावत गठबंधन की उभरी गांठ के समान है तो गुरुवार को आए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम ने सपा गठबंधन में और भी भितरघाती छिपे होने की चुगली कर दी है। राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को 282 से बढ़कर 287 वोट मिल जाना और विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के 119 तय माने जा रहे वोटों में आठ मतों की सेंध अखिलेश की गड़बड़ा रही सियासत का गणित समझा रही है।

राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश के विधायकों के मतों का मूल्य सर्वाधिक अधिक 208 था। यहां पर विधायकों की संख्या भी सर्वाधिक 403 है, इसलिए इस राज्य के मतों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्ष, दोनों की नजर थी। शुरुआत में माना जा रहा था कि राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को भाजपा गठबंधन के 273 विधायकों का वोट मिल जाएगा, जबकि विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए सपा गठबंधन के 125 सहित कांग्रेस के दो मिलाकर 127 विधायकों के वोट का आंकड़ा था। इसमें यह भी संभावित था कि आदिवासी वर्ग की महिला होने के चलते बसपा प्रमुख मायावती राजग प्रत्याशी को समर्थन देंगी। मायावती ने इसकी घोषणा भी कर दी और इस तरह बसपा का एक वोट राजग के साथ आने से 274 मत की व्यवस्था हो गई। लोकतांत्रिक जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप ङ्क्षसह ने भी अपने दो वोट मुर्मू को देने की घोषणा की तो आंकड़ा 276 पर पहुंच गया। यहां तक भाजपा के वोटों में कुछ बढ़त बेशक हुई हो, लेकिन कांग्रेस के दो वोट सहित सपा गठबंधन के पास 127 वोटों की पूंजी बरकरार थी।

यशवंत सिन्हा के लिए जुट रही इस ताकत को झटका तब लगना शुरू हुआ, जब द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने लखनऊ आईं। अचानक ही सपा मुखिया के चाचा शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंच गए और राजग प्रत्याशी के समर्थन में उन्होंने सपा से खुली बगावत कर डाली। इसके साथ ही विपक्ष की गिनती से शिवपाल का एक और सुभासपा के छह समेत कुल सात वोट और खिसक गए। इसके बाद माना जा रहा था कि यशवंत सिन्हा को सपा गठबंधन और कांग्रेस के 120 विधायकों के वोट मिल जाएंगे। मगर, मतदान वाले दिन सपा विधायक नाहिद हसन वोट डालने नहीं आए। तब यशवंत के खाते में 119 वोट तय माने जा रहे थे।

सुभासपा के अब्बास अंसारी के भी वोट न देने से मुर्मू के पक्षमेंकुल 282 वोटपडऩेकीउम्मीदथी, लेकिनगुरुवारकोसामनेआएचुनावपरिणामनेखासतौरपरअखिलेशयादवकेलिएअलार्मबजायाहै।भाजपाकोउम्मीदसेपांचअधिक 287 वोटमिलेहैं, जबकियशवंतकोउत्तरप्रदेशके 111 विधायकोंकेहीवोटमिलसके।यहभीतबहै, जबकितीनवोटनिरस्तहुएहैं।इससेसाफहैकिशिवपालसिंहयादवऔरओमप्रकाशकीतरहसपागठबंधनमेंकुछबागीअभीखामोशीसेबैठेहुएहैं।

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