अहमदाबाद, 27 जुलाई 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजकोट के रेस कोर्स ग्राउंड में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि आज राजकोट के साथ-साथ पूरे सौराष्ट्र और गुजरात के लिए बड़ा दिन है, लेकिन प्रारंभ में मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही चक्रवात आया था और फिर बाढ़ ने भी तबाही मचाई। संकट के इस समय में एक बार फिर जनता और सरकार ने साथ मिलकर इसका मुकाबला किया है। जल्द से जल्द सभी प्रभावित परिवारों का जीवन सामान्य हो, इसके लिए भूपेंद्र भाई की सरकार हरसंभव प्रयास कर ही रही है। केंद्र सरकार भी राज्य सरकार को जिस भी सहयोग की जरूरत है, उसे पूरा कर रही है।
राजकोट को मिला इंटरनेशनल एयरपोर्ट
उन्होंने कहा कि आज राजकोट को नया और बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिल चुका है। अब राजकोट से देश के साथ-साथ दुनिया के अनेक शहरों के लिए भी सीधी फ्लाइट्स संभव हो पाएगी। इस एयरपोर्ट से यात्रा में तो आसानी होगी ही, इस पूरे क्षेत्र के उद्योगों को भी बहुत लाभ होगा।
'हम सुशासन की गारंटी देकर आए थे'
बीते नौ वर्षों में केंद्र सरकार ने समाज के हर वर्ग, हर क्षेत्र के जीवन को आसान बनाने के लिए काम किया है। हम गुड गवर्नेंस की, सुशासन की गारंटी देकर आए थे। आज हम उस गारंटी को पूरा करके दिखा रहे हैं। हमने गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, आदिवासी हों, सबके जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर काम किया है।
'डबल से ज्यादा हुई एयरपोर्ट की संख्या'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2014 में सिर्फ चार शहरों में मेट्रो नेटवर्क था, लेकिन आज 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है। आज देश के 25 अलग-अलग रूट पर वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। 2014 में देश में 70 के आसपास एयरपोर्ट होते थे। अब इनकी संख्या भी बढ़कर डबल से ज्यादा हो गए। हवाई सेवा के विस्तार ने भारत के एयरलाइन्स सेक्टर को दुनिया में नई ऊंचाई दी। आज भारत की कंपनियां लाखों करोड़ों रुपये के नए विमान खरीद रही हैं।
विपक्षियों पर बरसे PM मोदी
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों ने आजकल अपनी जमात का नाम भी बदल दिया है। चेहरे, पाप और तौर तरीके पुराने हैं, लेकिन जमात का नाम बदल दिया है। जब मिडिल कास्ट को कुछ सस्ता मिलत है तो वे कहते हैं कि किसान को सही कीमत नहीं मिल रही और जब किसान को ज्यादा कीमत मिलती है तो कहते हैं कि महंगाई बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, केंद्र में सत्ता में रहते हुए उन्होंने महंगाई दर को 10 फीसदी में पहुंचा दिया था। अगर हमारी सरकार ने महंगाई पर काबू नहीं पाया होता तो आज भारत में कीमतें आसमान छू रही होती। देश में पहले वाली सरकार होती तो दूध 300 रुपये लीटर और दाल 500 रुपये किलो बिक रहा होता। यह हमारी सरकार है, जो कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद महंगाई को कंट्रोल में किया हुआ है।
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