तेल की कीमतों में लगी आग में सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री को लिखा गया खत अब राजनीतिक लपट ले चुका है। पेट्रोल,डीजल की बढ़ती कीमतों पर सरकार को घेरते हुए सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला किया है। सोनिया गांधी ने तेल की बढ़ी कीमतों को 'ऐतिहासिक और अव्यवहारिक' बताते हुए सरकार से बढ़े दाम वापस लेने की अपील की है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने खत में आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आर्थिक नीतियां ही गलत हैं। जिससे ईंधन की कीमत में इजाफा हो रहा है। सोनिया गांधी ने अपने खत में लिखा है, 'जिस तरह जीडीपी 'गोता खा रही' है और ईंधन के दाम बेतरतीब बढ़ रहे हैं, सरकार अपने आर्थिक 'कुप्रबंधन' का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है। सरकार ईंधन के बढ़े दाम वापस ले और इसका लाभ हमारे मध्यम एवं वेतनभोगी वर्ग, किसानों, गरीबों तक पहुंचाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर लोगों की 'मुसीबतों से मुनाफाखोरी' का आरोप लगाया है। सोनिया गांधी ने खत में लिखा है, 'मैं ईंधन और गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर देश के हर नागरिक को हो रहे कष्ट और पीड़ा को बताने के लिए आपको लिख रही हूं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भारत में व्यवस्थित ढंग से नौकरियां, कमाई और घरों की आय कम हो रही हैं। मिडल क्लास और समाज के हाशिए के लोग संघर्ष कर रहे हैं। ये चुनौतियां महंगाई और तकरीबन हर घरेलू सामानों की कीमतों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी से और बढ़ रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा, 'दुख की बात है कि इन दिक्कतों वाले समय में सरकार ने लोगों की मुसीबतों से मुनाफा कमाने को चुना है।
इसमें दोराय नहीं है कि तेल की कीमतों पर जिन तेवरों के साथ सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है इसके बाद राज्य दर राज्य कांग्रेस इकाई को सड़कों पर उतरने का इशारा मिल गया है।
टीम स्टेट टुडे
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