सेंट्रल विस्टा। भूले तो नहीं नया संसद भवन, जो तैयार हो रहा है पूरे दमखम के साथ। सिर्फ ऐतिहासिक भवन ही नहीं ऐतिहासिक फैसलों का भी गवाह होगा ये परिसर।
देश की आम जनता को अब प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के संसद जाने और वहां से वापस आने वाले काफिले के कारण परेशानी नहीं होगी। नई बन रही संसद में ऐसी सुरंगें बनाई जा रही हैं जो अंडरग्राउंड यानी भूमिगत रास्तों से ही प्रधानमंत्री आवास और उपराष्ट्रपति के घर तक जाएंगी। इससे आम लोगों को रास्ते पर वीवीआईपी गतिविधियों की वजह से परेशानी नहीं होगी और संसद के बाहर ट्रैफिक की आवाजाही भी सामान्य रूप से जारी रह सकेगी।
इन सुरंगों को बनाने का मतलब है कि प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति जैसी हस्तियों का काफिला ट्रैफिक को बाधित न करे और ससंद में उनकी आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। इसके पीछे की अवधारणा है कि यदि वीआईपी मूवमेंट संसद से अलग होंगी तो इससे आम आवाजाही में कम व्यवधान होंगे।
सेंट्रल विस्टा की निर्माण योजना के अनुसार नया पीएम आवास और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ आएगा। नए वीपी चैंबर नोर्थ ब्लॉक में होंगे। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन की तरफ सांसदों के चैंबर होंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ये सुरंगे सिंगल लेन की होंगी क्योंकि इनका इस्तेमाल विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा किया जाएगा।
चूंकि ये छोटे खंड हैं ऐसे में संसद तक पहुंचने के लिए गोल्फ कोर्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। राष्ट्रपति भवन से इस तरह के लिंक की जरूरत नहीं है। यह कुछ दूरी पर है और राष्ट्रपति का संसद में कम ही आना होता है और यह पहले से निर्धारित होता है।
जानकारी के अनुसार सेंट्रल विस्टा के रिडेवलपमेंट का प्राथमिक उद्देश्य संसद परिसर के ऊपर और आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक पहुंच को और आसान बनाना है। वर्तमान में सेंट्रल विस्टा और लुटियंस बंगला जोन के कई हिस्सों में सुरक्षा कारणों और वीआईपी आवाजाही के लिए कई बार कड़ी व्यवस्था की जाती है। इससे लोगों की आवाजाही पर असर पड़ता है।
टीम स्टेट टुडे
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