अगर आप प्रियंका गांधी से पूछेंगें कि अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना दम दिखाने में सफल रहती है तो क्या आप मुख्यमंत्री बनेंगी तो निश्चित है कि जवाब सीधा नहीं आएगा। जवाब अगर हां नहीं हुआ तो नहीं भी नहीं होगा।
ये संस्पेंस आखिर तक बना रहे यही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत का तकाज़ा होगा। बावजूद इसके कि बनारस की रैली में बेहद साफ शब्दों में इस बात का ऐलान कर दिया गया अगर कांग्रेस यूपी में मजबूती से वापसी करती है तो प्रियंका ही मुख्यमंत्री होंगीं। ये ऐलान किसी और ने नहीं उत्तर प्रदेश में प्रमुख पर्यवेक्षक की भूमिका निभा रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है।
जो कांग्रेस की राजनीति को करीब से जानते हैं उन्हें पता है कि बड़े से बड़े ऐलान ऐसे समय में कुछ इस तरह से किए जाते हैं कि संदेश जिनके लिए है वो उसे पकड़ लें बाकी शिगूफा मान कर छोड़ दें।
बनारस की किसान न्याय रैली में जब सबकी निगाहें प्रियंका पर थीं और कान प्रियंका के शब्दों पर तब प्रियंका के भाषण से ठीक पहले भूपेश बघेल ने बेहद नपे-तुले अंदाज में ना सिर्फ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को अंदरखाने की बात का इशारा दे दिया। जनता को लगा कि कांग्रेस के नेता हैं, एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं उन्होंने अपनी बात रखी है लगा तो तीर नहीं तो तुक्का।
बीते दिनों का कांग्रेसी घटनाक्रम देखें तो ये साफ हो जाएगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस की केंद्रीय कार्यकारिणी में अधिकृत राष्ट्रीय महासचिव के रुप में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें पूर्वांचल का प्रभारी बनाया था। उस दौर से सक्रिय राजनीति की जो कसरत उत्तर प्रदेश में प्रियंका ने शुरु की वो बीते छ महीने में तेज हुई और बीते पन्द्रह दिनों में बेहद रफ्तार से आगे बढ़ी है।
प्रियंका का लखनऊ को अपना स्थाई ठिकाना बनाना, लखीमपुर मामले में हिरासत,गिरफ्तारी और फिर सरकार से दो-दो हाथ कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करना और फिर किसान न्याय रैली से चुनावी शंखनाद करना अचानक नहीं हुआ है।
जाहिर है उत्तर प्रदेश में चुनावी जीत हार से ज्यादा बड़ा नजारा ये बन चुका है कि अब नजरें कहां हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं कांग्रेस के इस पूरे अभियान में सबसे बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस के प्रवक्ता और मीडिया सेल ने संभाल रखी है। डिजिटल पर अंशू अवस्थी, प्रिंट पर अशोक सिंह, इलेक्ट्रानिक पर जीशान के साथ साथ नवोदित और प्रौढ़ प्रवक्ताओं की टीम माहौल को लगातार बनाए हुए है।
बनारस में प्रियंका ने क्या कहा –
आज नवरात्रि का चौथा दिन मैं व्रत हूं तो मैं मां की स्तुति से शुरू करना चाहती हूँ
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्था नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः
सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते
मेरे साथ कहिए जय माता दी जय माता दी जय माता दी
प्रिंयका बोंलीं 2 साल से मैं यहां काम कर रहे हूँ
यहां की जो सच्चाई मैंने देखी, आपसे बयां कर रही हूँ
शुरू में सबसे पहले सोनभद्र में घटना हुई ,उम्भा में पुलिस प्रशासन की सहमति से कुछ लोगों ने जमीन छीनने की कोशिश कर रहे थे
जीप से आए और गोली चलाई 13 लोगों को शहीद किया
उम्भा में नरसंहार हुआ जब मैं उनसे मिलने गई तो मेरे मन में एक बात बहुत स्पष्ट लगी जिस परिवार के पास में जा रही थी वह कह रहे थे हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें इंसाफ चाहिए
उसके बाद कोरोना हुआ ,वही हुआ और सरकार मदद के बजाय आक्रामक हो गयी, जो अस्पताल कह रहा था हमारे पास आज सीजन नहीं है सरकार उस पर हमले कर रही थी सभी को लग रहा था कि न्याय की उम्मीद नहीं
उसके बाद हाथरस की घटना हुई परिवार को न्याय नहीं मिला पुलिस ने परिवार को बिना लिए लाश चला दी उनके घर के लोगों ने भी हमें यही कहा दीदी हमें न्याय चाहिए
अब लखीमपुर में भी यही हुआ पिछले हफ्ते से हम यही देख रहे हैं देश के केंद्रीय राज्य मंत्री अपनी गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्मलता से कुचल दिया
सब परिवार 6 के 6 परिवार यह कहते हैं, हमें पैसे नहीं चाहिए हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें न्याय चाहिए लेकिन हमें न्याय दिलवाने वाला इस सरकार में कोई नहीं दिख रहा है
आपने देखा कि मेरी गिरफ्तारी की गई पूरी पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए लग गई न्याय दिलवाने के बजाए पुलिस मंत्री और उनके परिवार को बचाने में लग गई
यह जिस आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह आजादी किसने दी थी आजादी किसानों ने दी जिसका यह उत्सव मना रहे हैं। वह किसान के बेटे ने सीमा पर देश को सींचा और देश के अंदर किसानों ने देश को अन्न दिया।
यह देश एक आस्था है एक उम्मीद है इसलिए न्याय की उम्मीद पर इस देश को आजादी मिली
जब महात्मा गांधी जी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए गए तो उनके दिल में ख्याल था कि मेरी जनता को मेरे देश में , मेरे किसानों को मेरे देश में,
मेरे देश की महिलाओं को मेरे देश में न्याय मिलना चाहिए
लखीमपुर के पीड़ितों से में मिली नछत्तर सिंह के घर गई उन्होंने कहा उनका बेटा एसएसबी में भर्ती हुआ है सभी के घर में सभी के घर वालों ने यही कहा कि हमें न्याय चाहिए लेकिन सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है हत्यारों को बचाया जा रहा
देश के किसानों ने 9-10 महीनों से एक आंदोलन जारी रखा है लगातार आंदोलन चल रहा है 600 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं ,
ये आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह जानते हैं यह सरकार के बनाए जो तीन काले कानून हैं, उनके खेत, उनकी आमदनी, उनके फसल सब उद्योगपतियों के कब्जे में जाने वाली है
जो सेब पहले ₹88 किलो किसान बेच रहे थे अब वह ₹70 किलो बेचा जा रहा है क्योंकि उनके फैंस की फसल की कीमत खरबपति तय कर रहे हैं
आंदोलन कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री ने आंदोलन जी भी कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि उत्तर प्रदेश आओगे तो सुधार देंगे यह भाषा क्या शोभा देती है
प्रधानमंत्री जी देश देश घूम रहे हैं लेकिन उनको किसानों से मिलने का फुर्सत नहीं
प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदेश से हैं लेकिन क्या वह जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में आवारा पशु की कितनी बड़ी समस्या है हर आधा-आधा किलोमीटर पर आवारा पशु बैठे हैं मैंने देखा है
किसानों की बिजली के दाम तीन बार बढ़ा चुके हैं क्या नरेंद्र मोदी ने देखा है क्या प्रधानमंत्री जी ने देखा है कि किसानों को कितनी बिजली मिल रही है प्रदेश का हर परिवार त्रस्त है दूसरी में
23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चलेगा प्रदेश में बिजली नहीं मिल रही कोयला खत्म हो रहा है
परसों मैं लखनऊ से बस्ती में गई इसलिए गई क्योंकि योगी जी ने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया सफाई कर्मचारियों के प्रति मेरी बहनों के प्रति, जो अपने घरों में झाड़ू मारते हैं सफाई करते हैं घरों के साथ रखते हैं उनके प्रति योगी आदित्यनाथ में अपमानजनक शब्द प्रयोग किए , मैं एक घर से दूसरे घर हर घर में सब ने बताया कि उनके घर के किसी युवा ने बीए किया था किसी ने MA किया था लेकिन उनके पास नौकरी नहीं रोजगार नहीं
प्रदेश की जनता नाराज आक्रोश है क्योंकि जिस समय लोगों की आय घट रही है उस समय प्रधानमंत्री जी के उद्योगपति मित्रों की आमदनी बढ़ रही है
नौकरी नहीं है बेरोजगारी बढ़ रही है और इस सरकार ने आप के ऊपर और आक्रमण किए कभी जीएसटी कभी नोटबंदी और करोना के समय हर एक देश में जहां जहां मार पड़ी वहां की सरकार ने राहत दी ,लेकिन यहां पर सरकार ने राहत नही दी।
देश के तमाम सार्वजनिक उपक्रम इन के उद्योगपति मित्रों को बेच दिए गए
आपको मालूम है प्रधानमंत्री ने अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदे आप बताइए कितने के हवाई जहाज आपको मालूम है, सब पता है एक हवाई जहाज 8000 करोड़ का है दो हवाई जहाज खरीदे यानी 16000 करोड रुपए
इस देश की एयर इंडिया कितने रुपए में देसी 18000 करोड रुपए में अपने लिए 16000 करोड रुपए के दो जहाज लिए और देश की एयर इंडिया बेच दी
इस देश टीवी चैनलों पर बताया जाता है कि हम सब सुरक्षित हैं लेकिन सच्चाई यह है इस देश में हर एक आदमी असुरक्षित है। सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार सुरक्षित है प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं उनके मंत्री सुरक्षित हैं और उनके खरबपति उद्योग मित्र सुरक्षित हैं।
बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर प्रचार किया जा रहा है लेकिन सच्चाई क्या है आप जानते हैं क्या आप की फसलों का उचित दाम मिलता है,क्या आपके बच्चों की पढ़ाई की फीस आ पा रही है। आप जानते हैं अभी चुनाव की बात नहीं है देश को बचाने की बात है।
यह देश भाजपा के उनके मंत्रियों के उनके प्रधानमंत्रियों की जागीर नहीं है यह देश आपका देश है,
इस देश को कौन बचाएगा कौन बचाएगा ?
इस देश को अगर आप जागरूक नहीं बनेंगे समझदार नहीं बनेंगे
आप इनकी राजनीति में उलझ आएंगे तो आप ना अपने देश को बचा पाएंगे ना अपने आपको बचा पाएंगे
आप किसान हो इस देश की आत्मा हो
हम डरने वाले लोग नहीं हैं हम गांधी को मानने वाले कांग्रेस के लोग हैं
कांग्रेस जिसने इस देश को आजादी दिलाई हम तब तक चुप नहीं बैठने वाले जब तक हत्यारे केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी नहीं होती है, आपको हमें मारना है मारिए, जेल में डालिए, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे ,पीछे नहीं हटेंगे।हम कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं यहां पर जितने भी लोग मंच पर बैठे नेता हैं उनको सबको आप ने बनाया है । हम सब मिलकर आपके साथ खड़े हैं आप के साथ अन्याय हो रहा है
आप आइए हमारे साथ खड़े होइए हम इस सरकार को बदल कर मानेंगे मैं तब तक चुप नहीं बैठूंगी जब तक सरकार लोगों पर अत्याचार करेगी।
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