उत्तर प्रदेश में बिजली की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है। लो वोल्टेज, ट्रिपिंग और कटौती से परेशान लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। लंबे समय तक लॉकडाउन झेलने के बाद व्यापारी वर्ग भी बिजली कटौती से काफी परेशान है।
प्रदेश का लगभग हर जिला बिजली की समस्या से दो-चार है। ऐसे में विपक्ष को सरकार ने बैठे बिठाए एक मुद्दा तो दे ही दिया है। बिजली का रोना रो रहे प्रदेश में राजधानी लखनऊ हो या औद्योगिक शहर नोएडा गाजियाबाद हर जगह स्थिति एक सी है।
कांग्रेस नेता अनिल यादव ने ग्रामीण विकास समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ ज़िलाधिकारी सुहास एल वाई के समक्ष कच्ची कॉलोनियों जिनमें उन्नति विहार,सोरखा एक्सटेंशन कॉलोनी, विष्णु नगर कॉलोनी, गणेश नगर कॉलोनी, श्याम वाटिका कॉलोनी, वेदा कॉलोनी,सैनिक विहार, साईं एनक्लेव , कृष्णा कुंज, राधा कूंज, अंबेडकर सिटी, उन्नति विहार, ककराला वहिशपुर फेज 2, पुस्ता कॉलोनी आदि में बिजली ना होने की समस्या को रखा।
इस मामले में ज़िलाधिकारी ने बताया की डूब क्षेत्र में होने की वजह से इन कॉलोनियों में कोई भी सुविधा नहीं दी जा सकती। जिसपर समिति के अध्यक्ष वशिष्ठ मिश्र ने कहा की कुछ कॉलोनी ऐसी भी है जो कि डूब क्षेत्र में आती है लेकिन वहाँ बिजली की व्यवस्था है, यदि एक दो कॉलोनी में बिजली मुहैया कराई जा सकती है तो बाक़ी में क्यू नहीं।
बिजली कटौती और ट्रिपिंग से गाजियाबाद भी अछूता नही हैं। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कारोबारी इंदरजीत सिंह टीटू ने मुख्यमंत्री को बिजली की समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखा है।
इंदर जीत सिंह टीटू ने कहा है कि लंबे समय तक कोरोना की मार झेलने के बाद बिजली की समस्या से व्यापार चौपट हो रहा है। दूसरी तरफ डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं जिससे जेनरेटर चलाना गरीबी में आटा गीला होने जैसा है। इंदरजीत सिंह टीटू ने यूपी सरकार में ऊर्जा मंत्री से निवेदन किया है कि वो इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करें।
इसी तरह की समस्याओं से राजधानी लखनऊ भी जूझ रही है। सरकार की नाक के नीचे बिजली की समस्या से ना सिर्फ आम लोग परेशान हैं बल्कि स्थिति इतनी बुरी हो चली है कि बार बार वोल्टेज घटने बढ़ने से लोगों के घरों में इलेक्ट्रानिक उपकरण तक खराब हो रहे हैं।
इस बाबत जब स्टेट टुडे ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा से जब जानकारी ली तो उन्होंने राज्य में बिजली समस्या का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में ट्रांसमीशन कम्पनी उसका सिस्टम मिसमैच है। पहले उसमें सुधार होना चाहिये। 132 के वी सबस्टेशनों की कुल क्षमता 52747 एमवीए है। उसे यदि किलोवाट में निकाला जाये तो वह 4 करोड 74 लाख किलोवाट होगा वहीं प्रदेश के लगभग 2 करोड 93 लाख विद्युत उपभोक्ताओं का कुल भार 6 करोड 32 लाख किलोवाट है। यानि कि सिस्टम व उपभोक्ताओं के भार के बीच लगभग 2 करोड का गैप ऊपर से 20 प्रतिशत बिजली चोरी वह भी 1 करोड किलोवाट के बराबर होगा। ऐसे में सिस्टम मिसमैच है पीक आवर्स में डायवर्सिटी फैक्टर 1 अनुपात 1 होगा जिससे उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की बिजली नही मिल पायेगी ।
बिजली कटौती की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि बिजली आपूर्ति संबंधी समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उपभोक्ताओं को कटौती की सही जानकारी देने के लिए इंटरनेट मीडिया का भी सहारा लें। मंत्री ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि गांवों में सूर्यास्त से सूर्योदय तक बिजली आपूर्ति बनी रहे।
टीम स्टेट टुडे
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