टोक्यो ओलंपिक से भारत के लिए अच्छी खबर आई है। स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। सिंधु दो ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने एक अगस्त को चीन की ही बिंग जियाओ को सीधे सेटों में हरा दिया। सबसे दिलचस्प बात ये है कि टोक्यो ओलंपिक में सिंधु ने अपने सभी मुकाबले सीधे दो सेटों में ही जीते।
सिंधु का टोक्यो ओलंपिक में सफर
सिंधु ने इस्राइल की केन्सिया पोलिकारपोवा को 21-7, 21-10 से हराकर अपने टोक्यो अभियान की अच्छी शुरुआत की थी। ग्रुप जे के अपने दूसरे मुकाबले में सिंधु ने हांगकांग की च्युंग एनगान को 21-9, 21-16 से शिकस्त दी। उन्होंने दूसरे मैच में अपने प्रतिद्वंदी पर 36 मिनट में जीत दर्ज कर तीसरे दौर में पहुंचीं। तीसरे दौर यानी प्रीक्वार्टरफाइनल में सिंधु ने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ड को हराया। सिंधु ने मिया ब्लिचफेल्ट को सिर्फ 41 मिनट में 21-15, 21-13 से हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था।
क्वार्टरफाइनल में सिंधु ने पहला गेम 23 मिनट में अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच जोरदार टक्कर चली। यामागुची ने हालांकि 8-13 से पिछड़ने के बाद वापसी की और अगले नौ मे से आठ अंक हथिया लिए, जिससे उन्होंने 16-15 की बढ़त ले ली। यामागुची ने हालांकि 15-13 के स्कोर पर ही सिंधु को थकाने वाली रैली में उलझाया। इसके बाद यामागुची ने सिंधु को गलती करने पर बाध्य किया और 18-16 से बढ़त बना ली। शानदार नेट शॉट से यामागुची ने दो और गेम प्वाइंट हासिल किए, जिससे उनकी वापसी करने की उम्मीद लग रही थी। मगर सिंधु ने फिर दो स्मैश लगाकर स्कोर 20-20 कर दिया। फिर एक और हाफ स्मैश ने वह मैच प्वाइंट तक पहुंचकर गेम जीत गईं और वह खुशी से चिल्लाने लगी। दूसरा गेम सिंधु ने 33 मिनट में अपने नाम किया।
भले ही सिंधु सेमीफाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की खिलाड़ी ताई जु यिंग से हार गईं, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल के मैच में उन्होंने अपनी लय दोबारा हासिल कर ली। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी को सीधे सेटों में 21-13 और 21-15 से हराया। 53 मिनट तक चले इस मुकाबले में सिंधु शुरू से ही चीनी खिलाड़ी पर हावी रहीं।
रियो में क्या किया था पीवी सिंधु ने
रियो ओलंपिक के राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में सिंधु ने चीनी चाइपे की ताई जु यिंग को 21-13, 21-15 से हराया था। इसके बाद क्वार्टरफाइनल में सिंधु ने चीन की वांग यांग को 22-20, 21-19 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। वहीं, सेमीफाइनल में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-19, 21-10 से पटखनी देकर फाइनल में प्रवेश किया था। इसके साथ ही वह ओलंपिक के महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं।
फाइनल में सिंधु मुकाबला विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मारिन से हुआ। फाइनल का पहला सिंधु ने 21-19 से जीता लेकिन दूसरे गेम में मारिन ने बाजी मारी। मारिन ने सिंधु को दूसरे गेम में 21-12 से हराया। इसके कारण मैच तीसरे गेम तक चला। तीसरे गेम में मारिन ने सिंधु को 21-15 से हराया। उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
टीम स्टेट टुडे
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