
लखनऊ, 23 जून 2023 : यूपी में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की दस्तक के बाद कई शहरों में हुई झमाझम बारिश से तापमान में भारी गिरावाट दर्ज की गई है। बारिश के बाद शुक्रवार सुबह से ही लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, प्रयागराज सहित पश्चिम यूपी के जिलों में काले घने बादल छाए हुए हैं। आज भी प्रदेश के 40 से अधिक शहरों में वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। लगातार हुई बारिश से ठंडक बढ़ी हैं वहीं बारिश थमने के बाद से उमस भी लोगों को परेशान कर रही है। मौसम विभाग की माने तो अगले 24 घंटे में मानसून यूपी को हिट करेगा।
कानपुर में बारिश ने तोड़ा 52 साल का रिकार्ड
मानसून के बादल अभी झारखंड और पूर्वी बिहार तक ही पहुंचे हैं लेकिन उससे पहले ही बुधवार से गुरुवार सुबह तक शहर में हुई भारी वर्षा ने 1972 से अब तक 22 जून को हुई वर्षा का 52 साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया। जून महीने में इससे पहले केवल 2013 में सर्वाधिक वर्षा 134.2 मिमी का रिकार्ड बरकरार है। शहर में बीते तीन दिन के दौरान 122 मिमी वर्षा हुई है। गुरुवार दोपहर तक शहर में वर्षा का दौर जारी रहा है। दोपहर बाद भी हल्की वर्षा रुक-रुककर हुई है लेकिन गुरुवार की सुबह और बुधवार को पूरे दिन में जिस तरह से पानी बरसा है उसने लोगों को घरों में कैद रहने के लिए मजबूर कर दिया। लगातार हुई वर्षा ने अब तक के सारे अनुमान पीछे छोड़ दिए हैं।
अधिकतम गर्मी, वर्षा और अधिकतम शीत का चल रहा है चक्र
28 जून 2013 को एक दिन में सर्वाधिक वर्षा 134.2 मिलीमीटर दर्ज हुई है। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव भी चरम पर हो रहे हैं अधिकतम गर्मी, वर्षा और अधिकतम शीत का चक्र चल रहा है। शहर में हर साल औसत वर्षा 876 मिमी और मानसून सीजन का औसत 762 मिमी है। इसके विपरीत दो दिन में 124 मिमी पानी बरसा है। जून महीने में सर्वाधिक वर्षा का रिकार्ड 22 जून 1975 को 86.8 मिमी और 08 जून 2000 को 77.4 मिमी वर्षा हुई है।
कन्नौज में बारिश के बाद मौसम में छाई धुंध, रेंगते रहे वाहन
मौसम में आए बदलाव के कारण कन्नौज में पिछले दो दिन रुक रुक कर खूब बारिश हुई। इससे तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। बारिश से जहां एक ओर लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर मक्का और धान की बोआई करने वाले किसानों के चेहरे खिल गए। शुक्रवार सुबह लोग उठे तो मौसम में जून के मौसम में धुंध देख कर चौंक गए। लोगों का कहना है कि गर्मी में धुंध की ऐसी तस्वीर देखने को नहीं मिलती है। धुंध का असर पूरे जिले में रहा। हालांकि जैसे जैसे दिन निकलता गया धुंध भी खत्म होती गई। धुंध के कारण वाहन रेंगते दिखे।
दिन भर हुई वर्षा से फसलों को मिली संजीवनी
जासं, कानपुर : बुधवार को दिन भर हुई वर्षा ने खेतों में खड़ी फसलों के लिए संजीवनी का काम किया है। इससे खरीफ फसलों के लिए खेत पूरी तरह तैयार हो गए हैं। उड़द-मूंग की उन फसलों के लिए यह वर्षा नुकसानदेह है जो अभी तक खेतों में तैयार खड़ी हैं। वर्षा ने एक दिन में बारिश का पिछले नौ साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। इसके बावजूद किसानों के लिए इस बरसात को सबसे फायदेमंद माना जा रहा है।
बुधवार को हुई बारिश की खास बात हल्की -हल्की वर्षा रही। 24 घंटे के दौरान बहुत थोड़ा समय ही ऐसा रहा है जब मध्यम गति से पानी बरसा है। धीमे - धीमे बरसी बूंदों ने खेतों की मिट्टी में रिसकर जमीन को गहराई तक सिंचित कर दिया है। मौसम व क़ृषि विज्ञानियों के अनुसार इस बारिश से फसलों को बड़ा फायदा हुआ है। अब अगर धूप तेज भी निकलेगी तो भी जमीन में नमी लंबे समय तक बनी रहेगी। इससे खरीफ की फसलों खास तौर पर धान की पाैध तैयार करने के लिए सिंचाई ज्यादा नहीं करनी पड़ेगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डा. राजेन्द्र कुमार यादव के अनुसार इस वर्षा ने धान की खेती के लिए सर्वाधिक अनुकूल स्थितियां बना दी हैं। मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय किसानों को अब खेत में सिंचाई करने की जरूरत नहीं है। अभी मानसून की बारिश होने वाली है। इसका लाभ धान की रोपाई में भी मिलेगा। हरी शाक-सब्जी के लिए भी यह वर्षा लाभदायक है।
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