जिस क्षण का पांच सदियों से इंतजार था आज वो शुभ घड़ी आ ही गई। अयोध्या में भव्यतम श्रीराममंदिर निर्माण के कार्यारंभ के लिए भूमिपूजन संपन्न हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्विवादित रुप से रामलला विराजमान को उनकी संपूर्ण भूमि मिलने के बाद मंदिर निर्माण के लिए गठित हुए श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर निर्माण कार्यारंभ के लिए भूमिपूजन का निमंत्रण दिया गया।
5 अगस्त 2020 की सुबह ठीक 9.34 मिनट पर पीएम मोदी दिल्ली से वायुसेना के विमान में अयोध्या के लिए निकले। 10.30 मिनट पर उनका प्लेन लखनऊ पहुंचा और फिर हेलीकॉप्टर के माध्यम से 11 बजकर तीस मिनट से कुछ पहले ही पीएम मोदी अयोध्या पहुंच गए।
हेलीकॉप्टर से बाहर निकलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपना मॉस्क लगाया। कोविड19 की गाइडलाइंस के मुताबिक हेलीपैड पर उचित दूरी का ध्यान रखते हुए सफेद गोले बनाए गए थे। प्रधानमंत्री की अगवानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। कुछ सुरक्षाकर्मियों के घेरे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गाड़ियों की तरफ बढ़े। साकेत विश्वविद्यालय से प्रधानमंत्री की गाड़ियों का काफिला सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचा। मार्ग में दीवारों पर बनी सुंदर कलाकृतियां और फूलों की लड़ियां अयोध्या की शोभा को दिव्य रुप देतीं नजर आईं।
हनुमान गढ़ी पर जैसे ही प्रधानमंत्री का काफिला रुका एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी ने उनकी अगवानी की। इसके बाद पीएम और सीएम दोनों ही गढ़ी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। प्रधानमंत्री ने सीढ़ियों पर दाहिनी तरफ चढ़ते हुए अपने बांएं चल रहे सीएम योगी से चर्चा का क्रम भी बनाए रखा।
हनुमानगढ़ी मंदिर परिसर में पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राजा प्रभु हनुमान के दर्शन किए, माथा टेककर उनका आशीष लिया, आरती की, दक्षिणा रखी और फिर बजरंगबली की परिक्रमा की। सीएम योगी उनके पीछे पीछे परिक्रमा मार्ग पर चलते रहे।
परिक्रमा पूरी कर पीएम और सीएम हनुमान गढ़ी में महंत श्री से भेंट करने पहुंचे। यहां हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत बाबा प्रेमदास महाराज ने उनका सम्मान किया। गद्दीनशीन प्रेमदास महाराज ने पीएम को भगवान राम के नाम का शॉल, चांदी का मुकुट और पगड़ी पहनाकर उनका अभिनंदन किया।
हनुमान गढ़ी की सीढ़िया उतरने के बाद पीएम एक बार फिर गाड़ी में सवार हुए और निकल पड़े मुख्य कार्यक्रम स्थल की ओर।
11 बजकर 55 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश किया। यहां भी सीएम योगी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद योगी और मोदी बढ़ चले रामलला विराजमान की ओर। इसके बाद का नजारा तो अद्भुद हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही रामलला विराजमान के सामने पहुंचे वो मंदिर की सीढ़ियों पर ही दंडवत हो गए। बहुत देर तक प्रधानमंत्री रामलला के श्रीचरणों में भक्तिभाव से लीन रहे। कुछ क्षण बाद पीएम मोदी उठे और रामलला को फिर प्रणाम किया, आरती की और पूजन अर्चन किया और फिर रामलला की परिक्रमा की।
परिक्रमा पूरी कर दक्षिणा डाली और फिर रामलला के दरबार से बाहर आकर पारिजात का पौधा रोपण किया और उसमें जल प्रवाहित किया। पारिजात का वृक्ष अत्यंत विलक्षण माना जाता है। अपने गुणों के चलते पारिजात का पेड़ देववृक्ष के रुप में जाना जाता है।
बारह बजकर दस मिनट के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। प्रधानमंत्री के आसन पर बैठने के साथ ही मंत्रोच्चार शुरु हो गए। शुभ मुहुर्त में भूमि पूजन का आरंभ हुआ। राम जन्मभूमि परिसर में भूमिपूजन और शिलापूजन अनुष्ठान में पीएम के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आसन पर बैठे।
भूमि पूजन करा रहे पुजारी ने बताया, कि '1989 में दुनियाभर से श्रद्धालुओं ने ईंटें भेजी थीं। ऐसी 2 लाख 75 हजार ईंटें हैं, जिनमें से 'जय श्रीराम' लिखी हुईं 100 ईंटें ली गई हैं। उनमें से 9 ईंटें पूजन स्थल पर रखी गईं। जय श्रीराम और हर-हर महादेव की गूंज के बीच पीएम मोदी ने राम मंदिर की शिला रखी। 12 बजकर 44 मिनट के मुहूर्त पर प्रधानमंत्री की तरफ से भूमिपूजन की ईंट रखी गई।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रधानमंत्री ही देश का राजा होता है। मंत्रोच्चार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का राजा बताते हुए विधिविधान से भूमिपूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भी पूजन किया गया।
पूजन संपन्न होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन स्थल पर माथा टेका और अयोध्या की माटी से अपने टीका लगाया। राममय वातावरण में जय श्री राम के उद्घोष के बीच पूजन कार्यक्रम पूरा हुआ पीएम माथा टेककर उठे तो मुख्यमंत्री योगी ने भी माथा टेका लेकिन मौके की नजाकत को भांपते हुए मुख्मंत्री तुरंत की प्रधानमंत्री के साथ हुए और फिर मंच की तरफ चल पड़े।
मंच पर पहुंचने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजन प्रांगण में मौजूद संत महात्माओं को झुककर कोटि कोटि प्रणाम किया। इस महाआयोजन के मंच पर प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी विराजमान हुए। मंच का संचालन ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने किया। मंच पर ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोदंड राम की तीन फीट की प्रतिमा भेंट की। इस मौके पर भव्य राममंदिर के प्रस्तावित माडल की तस्वीर वाले डाक टिकट भी जारी किए गए।
राममंदिर निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानियों को याद करते हुए एक एक कर सभी मंचासीन लोगों ने अपने भाव प्रकट किए ।
करीब 2 बजकर 20 मिनट पर प्रधानमंत्री के उद्बोधन के बाद कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा हुई और प्रधानमंत्री का काफिला बढ़ चला आधुनिक राममंदिर निर्माण के शुभारंभ के साथ ही आधुनिक भारत के निर्माण की दिशा में।
अयोध्या से शिल्पी / सुमित की रिपोर्ट
टीम स्टेट टुडे
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