नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2022 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देवघर (झारखंड) में बचाव कार्यों में शामिल भारतीय वायुसेना के कर्मियों, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों के साथ बात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आपने तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू आपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की आपने जान बचाई है। पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है। मैं इसे बाबा बैद्यनाथ जी की कृपा मानता हूं। हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाएं, अनेक साथी घायल भी हुए हैं। पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
उन्होंने कहा कि देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है। इस दुर्घटना और रेस्क्यू मिशन से अनेक सबक हमें भी मिले हैं। आपके अनुभव भविष्य में बहुत काम आने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से बात करने के लिए बहुत उत्सुक हूं, क्योंकि इस आपरेशन से मैं लगातार जुड़ा रहा और हर स्थिति का जायजा लेता रहा था। तीन दिनों के दौरान आपने चौबीसों घंटे काम किया। एक कठिन आपरेशन पूरा किया और कई नागरिकों की जान बचाई। आपके प्रयासों की पूरे देश ने सराहना की है। हालांकि, हमें दुख है कि कुछ लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सभी एजेंसियों ने बहुत कम समय में तालमेल के साथ कम से कम नुकसान के साथ इस आपरेशन को पूरा किया। जब त्रिकूट की पहाड़ी पर इतने सारे यात्री फंसे हुए थे तो पूरे देश की सांसे अधर में लटकी हुई थीं। झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर 30 केबिन वाले रोप-वे की ट्रालियों में फंसे करीब 88 लोगों को निकाला गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई।
केंद्र ने राज्यों से सभी रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करने को कहा
उधर, केंद्र सरकार ने देवघर रोपवे हादसे को देखते हुए मंगलवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करें। इसके साथ ही उसने ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू करने को भी कहा है। गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में यह भी कहा कि प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट के लिए एक रखरखाव नियमावली व कार्यक्रम होना चाहिए ताकि सुरक्षा व्यवस्था मानक प्रथाओं के अनुरूप हो। पत्र में उन्होंने कहा कि रोपवे का संचालन करने वाली संस्था को रखरखाव कार्यक्रम के तहत की गईं सभी गतिविधियों का रिकार्ड रखना चाहिए।
भल्ला ने यह भी कहा है कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करने के लिए एक अनुभवी और योग्य कंपनी या संगठन को नियुक्त करना चाहिए। रोपवे का संचालन करने वाली इकाई को आडिट में सामने आए सभी मुद्दों से निपटना चाहिए।
गौरतलब है कि झारखंड के देवघर जिले में रविवार दोपहर एक रोपवे के खराब होने के बाद केबल कारों से बचाए जाने के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। वायु सेना के हेलीकाप्टरों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सेना, आइटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की मदद से बाकी सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हादसे के बाद 18 ट्रालियों में 60 लोग फंस गए थे। भल्ला ने अपने पत्र में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए समय-समय पर माक ड्रिल करते रहने की सलाह भी दी है। उन्होंने रोपवे के संचालन में मानकों के पालन पर नजर रखने के लिए एक सक्षम अधिकारी को भी नियुक्त करने की सलाह दी है।
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