चुनावी तालमेल की सबसे बड़ी खबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से निकली है। 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजावादी पार्टी को यकीन है कि सरकार उसी की बनेगी। चुनावी समीकरण अपने पक्ष में करने के लिए समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन हो चुका है। सीटों पर बात फंसी थी जो अब काफी हद तक सुलझ गई है।
स्टेट टुडे के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अखिलेश और जयंत की मुलाकात का सबसे बड़ा हासिल ये रहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने की सूरत में अखिलेश मुख्यमंत्री और जयंत चौधरी उपमुख्यमंत्री बनेंगे।
समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीटों पर तालमेल की पहली कसरत पूरी हो गई। 2022 के विधानसभा चुनाव में सीटों पर सहमति बनाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की लखनऊ में मुलाकात हुई।
इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने परस्पर बने तालमेल का संदेश देती फोटो भी ट्वीट कीं।
उम्मीद की जा रही है कि अब जल्द ही गठबंधन की सीटों का आधिकारिक ऐलान हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक रालोद का दावा पचास सीटों से शुरु हुआ था जो 40 से अधिक सीटों पर केंद्रित रहा। बाद में 36 सीटों पर रालोद के साथ समझौता हुआ जिसमें छ सीटें ऐसी होंगी जिसपर रालोद का उम्मीदवार सपा के सिंबल पर लड़ेगा। अन्य तीस सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार सीधे अपनी किस्मत आजमाएंगें।
इस मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए जयंत ने लिखा ...बढ़ते कदम। सपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद जयंत दिल्ली लौट गए। वहीं, अखिलेश ने मुलाकात की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि...जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर...।
जानकारी के मुताबिक 26 नवंबर को जयंत और अखिलेश की एक और मुलाकात होगी जिसके बाद दोंनो नेता साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।
पश्चिमी उप्र में रालोद अपना तगड़ा दावा है जबकि सपा मुखिया पश्चिमी उप्र में एक तरफा सारी सीटें रालोद को देने के मूड में नहीं हैं। मसलन मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर, बिजनौर, मथुरा आदि जिलों में सपा अपने भी ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार लड़ाना चाह रही है। प्रत्येक जिले में सपा और रालोद का अनुपात तय करने की बात कही जा रही है।
चूंकि इन जिलों में जहां सपा का जनाधार रहा है तो वहीं कई दिग्गजों ने इसी आस में सपा का दामन थामा है कि इन्हें वहां से टिकट मिलेगा।
ऐसे में समाजवादी पार्टी भी एक एक कदम फूंक फूंक कर रख रही है।
टीम स्टेट टुडे
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