सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष, इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहींः सीएम योगी
प्रयागराज दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लिया हिस्सा
सीएम योगी बोले- दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय और उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म
महाकुम्भ के पावन आयोजन पर पूरी दुनिया से आए लोगों को एक ही संदेश देना है और वो है महाकुंभ का संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा देशः सीएम
भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत के ऊपर कोई संकट आएगा तो कोई भी पंथ और संप्रदाय सुरक्षित महसूस ना करेः मुख्यमंत्री
महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी। प्रयागराज दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने एक बार फिर महाकुम्भ को एकता का संदेश देने वाला देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया और सनातन धर्म को विराट वट वृक्ष की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय हो सकते हैं, उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म। यही मानव धर्म है। भारत में जितनी भी उपासना विधियां हैं वह अलग पंथ और संप्रदाय की से भले ही जुड़ी हों, लेकिन निष्ठा और आस्था सब की सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। सबका उद्देश्य तो एक ही है। इसलिए महाकुम्भ के इस पावन आयोजन पर हम सबको पूरी दुनिया से आए लोगों को एक ही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी का कहना है कि महाकुंभ का संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा देश।
उन्होंने कहा कि याद रखना, भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, हर संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत के ऊपर कोई संकट आएगा तो सनातन धर्म पर संकट आएगा। सनातन धर्म पर संकट आएगा तो भारत के अंदर कोई भी पंथ और संप्रदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस ना करे। वह संकट सबके ऊपर आएगा, इसलिए संकट की नौबत आने ना पाए, इसके लिए एकता का संदेश आवश्यक है।
दुनिया की आंखें खोल रहा महाकुम्भ
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि इस महाकुम्भ के आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। जब पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दिन कोटि-कोटि श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी के संगम पर डुबकी लगाकर अभिभूत हो रहे थे तब उने जो पॉजिटिव कमेंट्स थे उसने पूरी दुनिया की आंखों को खोलने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते हैं की यह सदी भारत की सदी है, भारत की सदी का मतलब हर एक क्षेत्र में भारत को विकास की बुलंदियों को छूना है। लेकिन हर एक क्षेत्र में देश उन बुलंदियों को तब छुएगा जब उस क्षेत्र से जुड़े हुए प्रतिनिधि अपने दायित्वों का ईमानदार पूर्वक निर्वहन करेंगे। जो राजनीति मैं हैं वह राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, सीमा पर सेना देश की रक्षा का काम कर रही है और धार्मिक जगत से जुड़े हुए हमारे पूज्य संत भी अपना दायित्व निभा रहे हैं।
अंधकार के युग से उबर कर आगे बढ़ रहा देश
सीएम ने कहा, भारत से सनातन धर्म की संस्कृति दुनिया के अंदर पहुंची तो वह तलवार के बल पर नहीं, बल्कि अपने सद्भाव के माध्यम से पहुंची। दक्षिण पूर्वी एशिया के तमाम देशों में जहां भी सनातन धर्म पहुंचा है वहां पर उन्होंने अपने कार्य से, व्यवहार से भारत के मूल्य और आदर्श से वहां के समुदाय को अपनी ओर आकर्षित किया है। दुनिया के कई देशों ने राम की, कृष्ण की या फिर बुद्ध की परंपरा को स्वीकार किया है और बड़े गौरव के साथ उस परंपरा से जुड़ने के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आप दुनिया के किसी भी देश में जाइए, किसी न किसी रूप में वह भारत के साथ जुड़ते हुए दिखाई देते हैं। एक अंधकार का युग था, जिससे उबर कर हम लोग आगे की ओर बढ़ रहे हैं।
महाकुम्भ दे रहा एकता का संदेश
सीएम ने कहा कि आपने देखा होगा कि क्या पवित्र भाव के साथ महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। कोटि-कोटि श्रद्धालु आ रहे हैं। आज यहां पर वर्तमान में दो करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। सभी सड़कें चोक हो चुकी हैं। यह लगातार चलेगा। पिछले 10 दिनों के अंदर महाकुम्भ के पावन त्रिवेणी संगम में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और अगले 35 दिन के अंदर यह संख्या 45 करोड़ पहुंचने वाली है। दुनिया के अंदर कितने देश हैं जो 45 करोड लोगों को एक अस्थाई शहर में आमंत्रित करके उनको जोड़ने का संदेश देते हैं। दुनिया के अंदर कौन सा ऐसा देश है, जहां पर कोई भूखा नहीं सो सकता। यहां किसी भी अखाड़े में जाएंगे, किसी भी शिविर में जाएंगे, वहां पर उसको 2 जून की रोटी मिल जाएगी। वहां आशीर्वाद भी मिलेगा, दक्षिणा भी मिलेगी और प्रसाद भी प्राप्त होगा। यह केवल सनातन धर्म ही दे सकता है। लाखों, करोड़ों लोग जो यहां आ रहे हैं, उन्हें कोई चिंता नहीं। कहां रहना है, कहां सोना है, क्या खाना है, कैसे जाना है, किसी बात की कोई चिंता नहीं। बस अपना बैग, अपनी गठरी उठाई और चल दिए। यह ताकत है सनातन धर्म की, यह ताकत है पूज्य संतों की। यहां उसकी कोई जाति नहीं पूछ रहा, उसका कोई पंथ और संप्रदाय नहीं पूछ रहा है, कोई नाम नहीं पूछता है।
समाज मजबूत होगा तो राष्ट्र की अखंडता को कोई ताकत चुनौती नहीं दे पाएगी
सीएम योगी ने चेताया कि आज जितना सकारात्मक माहौल है, उतनी ही चुनौतियां भी हैं। देश की एकता को, समाज की एकता को कहीं भी खंडित नहीं होने देना है। कुछ लोग हमें बांटना चाहते हैं, भाषा के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं उन लोगों के किसी भी षड्यंत्र में हमारे पूज्य संतों को नहीं पड़ना है। कोई ऐसी नकारात्मक टिप्पणी हम लोग अपने स्तर पर ना करें। यह कितना अच्छा अवसर है कि 2025 की शुरुआत में महाकुम्भ का भव्य आयोजन हो रहा है। इससे पहले 2024 के जनवरी माह में 500 वर्षों का इंतजार खत्म करते हुए श्रीराम जन्मभूमि में भगवान राम का मंदिर बना। 2019 में कुम्भ का भव्य आयोजन यहीं प्रयागराज में ही हुआ था। तब यहीं संतों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर बनाने का संकल्प लिया जो आज साकार हो चुका है। एकता का संदेश पूरी दुनिया में देना है। जन जागरण के माध्यम से समाज को जोड़ते जाइए। जितनी मजबूती के साथ आपका कार्य होगा, उतना मजबूत समाज बनेगा। समाज मजबूत होगा तो राष्ट्र की अखंडता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे पाएगी।
मुख्यमंत्री ने साधु-संतों का हृदय से अभिनंदन किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए श्री महंत, आचार्य और योगेश्वर का हृदय से सम्मान किया। उन्होंने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, परमात्मानंद महाराज और निर्मलानंद महाराज को शॉल ओढ़ाकर और गोरखनाथ जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया। इनके साथ ही सतुआ बाबा, सुदर्शनाचार्य महाराज, स्वामी धीरेंद्र और स्वामी जितेंद्रनाथ का भी सम्मान किया गया। उन्होंने रामानुजाचार्य, श्रीधराचार्य, शेरनाथ महाराज, उमेशनाथ महाराज, कृष्णनाथ महाराज, समुद्रनाथ महाराज, संख्यनाथ महाराज, रामनाथ महाराज, श्री महंत सोमवरनाथ महाराज, और मिथिलेशनाथ महाराज का भी अभिनंदन किया।
गुरु गोरक्षनाथ अखाड़ा में सीएम योगी ने की धर्म ध्वजा की पूजा, संतों को प्रसाद गृहण कराया
मुख्यमंत्री ने देश भर से आए सिद्ध योगेश्वरों से की विभिन्न विषयों पर चर्चा, संतों के आर्शीवचन भी सुने
महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज दौरे पर शनिवार को महाकुम्भ स्थित श्री गुरुगोरक्ष नाथ अखाड़ा भी पहुंचे। यहां उन्होंने धर्म ध्वजा की पूजा की और सभी संतों को प्रसाद गृहण कराया और स्वयं भी प्रसाद भी प्रसाद गृहण किया। इस अवसर पर उन्होंने देश भर से आए सिद्ध योगेश्वरों से विभिन्न विषयों पर चर्चा भी की।
योगी महासभा के विशिष्ट उपाध्यक्ष महंत बालक नाथ योगी ने बताया कि यह अखाड़ा स्वयं मुख्यमंत्री जी का है। यह अखाड़ा नाथ सम्प्रदाय का है, गुरु गोरक्षनाथ जी की परंपरा का है। जब से यहां धर्म ध्वजा की स्थापना हुई तब से भारत के विभिन्न स्थानों से सिद्ध योगेश्वर यहां पहुंच रहे हैं। इनके रहने, सोने और प्रसाद की व्यवस्था यहां पर होती है। आज का प्रसाद हमारे अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ जी की ओर से था, क्योंकि यह उनका ही अखाड़ा है। सभी साधुओं को प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री जी ने धर्म ध्वजा की पूजा भी की और सभी संतों के आर्शिवचन सुनने का मौका प्राप्त किया। उनके द्वारा संतों को प्रसाद भी गृहण कराया गया, जबकि उन्होंने स्वयं भी भंडारे का प्रसाद गृहण किया। इस अवसर पर सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर उपस्थित रहे।
दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य का आगमन बढ़ा रहा महाकुम्भ की शोभाः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से की भेंट
150 वर्षों के बाद श्रृंगेरी पीठ के महाकुम्भ आयोजन में औपचारिक भागीदारी पर जाताया आभार
मुख्यमंत्री का दक्षिण रीति से किया गया स्वागत, कुम्भ के स्वरूप के रूप में भेंट किया गया नारियल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शंकराचार्य को शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर किया अभिनंदन
महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे पर शनिवार को दक्षिण भारत की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भी भेंट कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य के प्रयागराज पधारने से बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है। आपके आगमन से महाकुम्भ को पूर्णता मिल रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दक्षिण रीति से स्वागत किया गया और उन्हें कुम्भ के स्वरूप के रूप में नारियल भेंट किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी शंकराचार्य को शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को दी महाकुम्भ की संपूर्ण जानकारी
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ का महाकुम्भ के महाआयोजन में आगमन हो रहा है। इससे महाकुम्भ की शोभा और अधिक बढ़ गई है। यह आनंद का विषय है कि इस महाकुम्भ में श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य 5 दिन का प्रवास करेंगे, यह हमारे लिए आशीर्वाद की तरह है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आपका आभारी है। कुम्भ जैसे आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में आपकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को महाकुम्भ की व्यवस्था, संतों की भागीदारी और वैश्विक स्तर पर लोगों के आगमन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान कीं।
शंकराचार्य ने भी की सीएम की भूरि भूरि प्रशंसा
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री द्वारा महाकुम्भ के विषय में दी गई जानकारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाकुम्भ में की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। अपनी सेवा में लगे लोगों को भी उन्होंने आशीर्वाद दिया। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को दक्षिण पीठ की परंपरा के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 48 वर्ष पहले गुरु के गुरु कुम्भ में अमावस्या के समय एक दिन का स्नान करने के लिए यहां आए थे, लेकिन औपचारिक रूप से दक्षिण से कोई शंकराचार्य 150 वर्षों के बाद महाकुम्भ में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5 दिन के प्रवास के अवसर पर वह शास्त्रार्थ के साथ ही अमावस्या पर शंकराचार्यों के साथ त्रिवेणी संगम स्नान में भी सम्मिलित होंगे। उन्होंने अपने प्रवास और इसके बाद कार्यक्रमों के विषय में भी बताया। इस पर मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य से काशी प्रवास के अवसर पर शास्त्रार्थ सभा और प्रवचन करने का भी निवेदन किया। इस पर शंकराचार्य ने भी अपनी सहमित दी। अन्नपूर्णा मंदिर में कार्यक्रम को लेकर भी शंकराचार्य की ओर से सहमति प्रदान की गई। इस अवसर पर शंकराचार्य के कुम्भ प्रवास के प्रभारी राकेश शुक्ला, दक्षिण के प्रभारी मुरली जी समेत अन्य अधिकारी व अतिथि शामिल रहे।
बाबा कल्याण दास जी महाराज से भी की भेंट
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 19 स्थित श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक के आश्रम भी पहुंचे और यहां उन्होंने सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की और उनके साथ व्यक्तिगत चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में सरकार के द्वारा की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विषय में भी उनसे बातचीत की। करीब 10 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अपने अगले कार्यक्रम की ओर बढ़ गए। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1977 से जन सेवा, समाज सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को अपना उद्देश्य बनाकर निरंतर कार्य कर रहा है।
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