सस्पेंशन फिर बर्खास्तगी और वित्तीय अनियमित्ताओ की दर्ज है रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर सरकार व जनप्रतिनियो का उड़ा रहा माखौल
पहले सस्पेंशन, फिर बर्खास्तगी और रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद बांदा में तीन साल पहले उद्योग विभाग में तैनात रहे सहायक आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित की अब तक गिरफ्तारी न किया जाना हैरत में डालता है। औद्योगिक स्थान के नीतिगत मामले में सर्वेश कुमार की ओर से राजस्व संबंधी गंभीर वित्तीय अनियमितताएं की गई थीं। सीतापुर तबादला हो जाने के बाद वह अनियमितताओं से जुड़ी पत्रावलियां भी साथ ले गए थे और चार्ज भी नही छोड़ा था। इसके बाद उनके खिलाफ कोतवाली में धारा 409 के तहत (विश्वास का आपराधिक हनन) मामले की नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी।
बता दें कि उद्योग केन्द्र कार्यालय परिसर में खाली पड़ी जमीन को वर्ष 2017 में तत्कालीन सहायक आयुक्त उद्योग सर्वेश कुमार ने 6 भू-खण्ड आवंटित किए थे। इनमें तीन भू-खण्ड भाजपा नेता अजीत गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता के नाम और 3 भू-खण्ड संतोष कुमार मिश्रा, श्रीमती मन्नो देवी व श्रीमती अम्रता तिवारी को आवंटित किये गये थे। इसके एवज में तमाम व्यापारियो से मोटी रकम भी ऐंठ ली गई थी।
हालांकि कुछ माह बाद सर्वेश कुमार दीक्षित वर्ष 2018 में सीतापुर ट्रांसफर हो गया। ट्रांसफर के बाद सर्वेश कुमार महत्वपूर्ण पत्रावलियां भी अपने साथ ले गए। तत्कालीन उपायुक्त इंद्र देव शुक्ला की माने तो उन्होंने कई बार लिखा पढ़ी की लेकिन सर्वेश कुमार ने पत्रावली के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद वर्ष 2018 को सर्वेश कुमार के खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया। विभागीय जांच में तत्कालीन उपायुक्त इंद्र देव शुक्ला को भी दोषी पाया गया। उधर शासन स्तर पर भी जांच की कार्रवाई चलती रही।
तीन साल बाद शासन ने दोषी पाए गए सहायक आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित को बर्खास्त कर दिया गया। कार्रवाई प्रमुख सचिव सूचना लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने लोक सेवा आयोग की सहमति मिलने के बाद की थी। बतातें है इस मामले की विवेचना पुलिस की ओर से इतने लंबे समय चल रही है लेकिन सर्वेश कुमार की गिरफ्तारी नही की जा सकी। आश्चर्य इस बात का है कि यह बर्खास्त सहायक आयुक्त सोशल मीडिया में लगातार सक्रिय है।
इतना ही नही यह लगातार भाजपा सरकार और उनके जन प्रतिनिधियो पर तमाम तरह के आरोप लगाकर उनकी छवि बिगाड़ रहा है। आखिर ऐसे किन लोगो का सर्वेश कुमार को वरदहस्त मिला है जिनके बूते यह सीधे सरकार और प्रशासन को चुनौती दे रहा है।
रिपोर्ट - संदीप कुमार तिवारी (बांदा)
टीम स्टेट टुडे
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