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पीलीभीत के बीसलपुर स्थित स्वामी दिव्यानंद आश्रम में भैया जी के सत्संग में जुटी हजारों की संगत




स्वामी दिव्यानंद जी महाराज कहते थे - मानव सेवा ही प्रभु भक्ति है। हर मनुष्य की आत्मा में परमात्मा का वास है। जिसे आत्मबोध का ज्ञान हो गया समझो वो परमात्मा से जुड़ गया। आत्मबोध, गुरु के द्वारा मिलने वाले ज्ञान से ही संभव है। स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के 90 वर्षीय जन्मदिवस पर उनके आध्यामिक उत्तराधिकारी देवेंद्र मोहन भैया जी के सत्संग में स्वामी जी एक बार फिर जीवंत हो उठे।


स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत उनके अलग-अलग आश्रमों में स्वामी जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी देवेंद्र मोहन भैया जी के सत्संग चल रहे हैं इसी क्रम में पीलीभीत के बीसलपुर में स्वामी दिव्यानंद आश्रम में बड़े सत्संग का आयोजन हुआ।


इस अवसर पर देवेंद्र मोहन भैया जी ने देश के कोने कोने से आश्रम पहुंची संगत और सभी गुरु प्रेमियों को स्वामी जी के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं।



इस मौके पर पीलीभीत के बरखेड़ा विधानसभा से बीजेपी विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद भी मौजूद रहे. बीसलपुर पीलीभीत से विधायक विवेक कुमार वर्मा ने भी देवेन्द्र मोहन भैया जी से मुलाकात की ।


मनुष्य के जीवन में गुरु के महत्व का वर्णन करते हुए भैया जी ने कहा कि जिस प्राणिमात्र से हम अपने जीवन में कुछ भी सीखते हैं उसका पद गुरु का ही होता है लेकिन सांसारिक भवसागर से पार पाने के लिए मनुष्य को आत्मबोध होना जरुरी है। आत्मा का परमात्मा से मिलन बिना गुरु के संभव नहीं। इसीलिए आध्यामिक गुरु की आवश्यकता होती है।



भक्तिभाव से भरे सत्संगियों के बीच स्वामी जी को याद करते हुए भैया जी ने कहा कि जब कोई इंसान गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करता है तो सांसारिक कर्मों में फंस जाता है। मन परेशान होता है। बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान योग साधना के जरिए एक गृहस्थ अपनी शक्तियों को सही दिशा में ला सकता है। परंतु आपके भीतर वो शक्तियां क्या हैं, आपको अपना मन कहां एकाग्र करना है ये ध्यान योग साधना गुरुकृपा से ही संभव है।



भैया जी ने कहा कि गुरु की शिक्षा से ही आत्मिक विकास होता है और हर मनुष्य के आत्मिक विकास से ही सामाजिक विकास भी सुनिश्चित होता है।


सत्संग को भव्यतम स्वरुप देने के लिए सभी सहयोगियों, सत्संगियों और आगंतुकों को धन्यवाद दिया।

इस पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार करने और आयोजन को सफल बनाने में सत्संग के सेवादारों रामपाल वर्मा राजेंद्र प्रसाद रामपाल उदय भान सिंह ओमकार गंगवार की भूमिका अहम रही।



रिपोर्ट - रमेश कुमार, संवाददाता, पीलीभीत


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